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जन्माष्टमी पर बन रहे हैं दुर्लभ योग में, इस टोटके से खींचा चला आयेगा मन चाहा प्यार

मन चाहे प्यार को पाने के लिए जन्माष्टमी के दिन करें यह टोटका

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Shyam Kishor

Aug 30, 2018

janmashtami ke totke

जन्माष्टमी पर बन रहे हैं दुर्लभ योग में, इस टोटके से खींचा चला आयेगा मन चाहा प्यार

प्रेम के प्रतिक भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव जन्माष्टमी और रविवार का शुभ योग बन रहा है, इनमें से एक दिन यानी की जन्माष्टमी का दिन लक्ष्मीपति भगवान श्री विष्णु को समर्पित हैं, तो दूसरा रविवार का दिन जो की भगवान सूर्य नारायण को समर्पित हैं, और दोनों ही सृष्टि के पालक कर्ता कहे जाते हैं । अगर इस दुर्लभ योग में किसी विशेष कामना के लिए कुछ प्रयोग किए जाए तो व्यक्ति को धन, वैभव, संतान के अलावा, मन चाहे प्यार को पाने की मनोकामना भी पूरी हो जायेगी ।

भगवान कृष्ण सूक्ष्म रूप में प्रत्येक वस्तुओं में विद्यमान हैं । इसी प्रकार सारे जीव भी योगेश्वर कृष्ण के अंश हैं । इस बार के जन्माष्टमी पर बन रहे विशेष दुर्लभ योग पर इन आसान से टोटको को करने से मन चाही वस्तु को सरलता से प्राप्त किया जा सकता हैं ।

1- मन चाहे प्यार को पाने के लिए करें यह टोटका-
अगर आप किसी से प्यार करते हैं तो जन्माष्टमी के दिन श्री राधा रानी और कृष्ण जी के मंदिर में जाकर दोनों को शुद्ध माखन और मिश्री का भोग लगायें । भोग लगाने के बाद राधा-कृष्ण के गले में अपने मन चाहे प्यार का नाम लेते हुए उसे पाने की कामना से लाल गुलाब के फूलों की माला पहना दें । ऐसा करने शीघ्र ही आपकों अपना मन चाहा प्यार मिल जायेगा ।
2- अगर धन की चाह हैं तो करें यह टोटका-
श्री बाल गोपाल को साबुत काली मिर्च और तुलसी पत्र युक्त साबूदाने की खीर का भोग लगाने से एवं शंख में मिश्री युक्त जल भरकर कृष्ण लला का अभिषेक करने पर गोपाल जी कृपा से जल्दी ही धन आये के बड़े स्रोत मिल जायेंगे ।

3- सुखी दाम्पत्य जीवन के लिए-
सूर्यास्त के समय तुलसी माता पर चंदन की धुप और गाय का शुद्ध घी का दीप जलायें एवं ॐ लक्ष्मी नारायणाय नमौस्तुते:" मंत्र का मन ही मन जप करने के बाद तुलसी माता की 11 परिक्रमा करें ।

4- कर्ज से मुक्ति पाने के लिए-
जन्माष्टमी के दिन से लगातार 8 दिन अर्थात पूर्णिमी तक मिश्री की चाशनी में काले तिल मिलाकर स्टील के कलश से पीपल के वृक्ष पर अर्पित करें ।

5- शत्रु बाधा निवारण के लिए-
जन्माष्टमी के दिन सूर्यास्त के समय पीपल के पत्ते पर अष्टगंध की स्याही और अनार की कलम से “सर्व शत्रुनाशय” लिखकर जमीन में गाड़ दें । सभी शत्रु मित्र बन जायेंगे या तो नष्ट हो जायेंगें ।