
कामिका एकादशी महत्व 2024
श्रावण कृष्ण एकादशी तिथि प्रारंभः मंगलवार 30 जुलाई 2024 को शाम 04:44 बजे
श्रावण कृष्ण एकादशी तिथि समापनः बुधवार 31 जुलाई 2024 को दोपहर 03:55 बजे तक
कामिका एकादशी (उदयातिथि में): बुधवार, 31 जुलाई 2024 को
कामिका एकादशी पारण (व्रत तोड़ने का समय): गुरुवार 1 अगस्त सुबह 05:51 बजे से 08:29 बजे तक
पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समयः गुरुवार दोपहर 03:28 बजे तक
ध्रुव योगः बुधवार, 31 जुलाई दोपहर 02:14 बजे तक
सर्वार्थ सिद्धि योगः पूरे दिन
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार कामिका एकादशी की रात को दीपदान और जागरण के फल का बड़ा माहात्म्य है, कहा जाता है चित्रगुप्त भी इसके पूरे फल का बखान नहीं कर सकते। मान्यता है कि कामिका एकादशी की रात को भगवान के मंदिर में जो लोग दीपक जलाते हैं उनके पितर स्वर्गलोक में अमृतपान करते हैं और जो घी या तेल का दीपक जलाते हैं, वे सौ करोड़ दीपकों से प्रकाशित होकर सूर्य लोक को जाते हैं।
ब्रह्माजी ने नारदजी से इसकी महिमा का बखान किया है। उन्होंने बताया था कि इस एकादशी के प्रभाव से ब्रह्महत्या और भ्रूण हत्या के पाप भी नष्ट हो जाते हैं। कामिका एकादशी व्रत का माहात्म्य श्रद्धा से सुनने और पढ़ने वाला मनुष्य सभी पापों से मुक्त होकर विष्णु लोक जाता है।
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार जो मनुष्य सावन में भगवान विष्णु की पूजा करते हैं, उनसे देवता, गंधर्व और सूर्य आदि सभी पूजित हो जाते हैं। इसलिए इस समय पापों से डरने वाले मनुष्यों को कामिका एकादशी का व्रत और विष्णु भगवान की पूजा जरूर करनी चाहिए। इससे बढ़कर पापों के नाश का कोई उपाय नहीं है। कामिका व्रत से जीव कुयोनि को प्राप्त नहीं होता। जो मनुष्य इस एकादशी के दिन भक्तिपूर्वक तुलसी दल भगवान विष्णु को अर्पण करते हैं, वे इस संसार के समस्त पापों से दूर रहते हैं। विष्णु भगवान रत्न, मोती, मणि और आभूषण आदि से इतने प्रसन्न नहीं होते जितने तुलसी दल से प्रसन्न होते हैं।
Updated on:
21 Jun 2024 01:51 pm
Published on:
21 Jun 2024 01:50 pm
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