
खरमास में तुलसी से जुड़े इन नियमों का जानना जरूरी है
हिंदू पंचांग के अनुसार ग्रहों के राजा सूर्य साल में दो बार गुरु की राशि धनु और मीन में प्रवेश करते हैं। इस समय सूर्य का प्रभाव कम हो जाता है, इसलिए यह महीना मांगलिक कार्यों के लिए शुभ नहीं रहता है, हालांकि यह महीना जप तप का महीना माना जाता है। इस समय दान पुण्य जप तप किया जाता है। 14 मार्च 2024 को सूर्य गुरु की मीन राशि में प्रवेश कर चुके हैं। इससे खरमास लग गया है। इसी के साथ 13 अप्रैल तक के लिए मांगलिक कार्य बंद हो गए हैं। हालांकि इस महीने भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी, सूर्य नारायण और तुलसी जी की पूजा की जाएगी। लेकिन खरमास में तुलसी से जुड़े कुछ काम करने से माता लक्ष्मी को नाराज कर सकती है तो आइये जानते हैं कौन से काम खरमास में न करें और तुलसी के किन नियमों का अनिवार्य रूप से पालन करें ..
प्रयागराज के ज्योतिषाचार्य आशुतोष वार्ष्णेय के अनुसार खरमास में श्री हरि विष्णु और माता लक्ष्मी की विशेष पूजा की जाती है। लेकिन जब तक तुलसी की पूजा नहीं होती, तब तक श्री हरि विष्णु की पूजा पूरी नहीं मानी जाती, इसलिए इस समय तुलसी माता की भी पूजा करनी चाहिए। लेकिन खरमास में मंगलवार, रविवार और एकादशी को तुलसी को जल अर्पित न करें वर्ना माता लक्ष्मी रूठ सकती हैं। इन दिनों भूलकर भी तुलसी को न छूएं और उनको जल अर्पित न करें। मान्यता है कि इससे माता लक्ष्मी रूठ जाएंगी।
मीन संक्रांति पर भगवान सत्यनारायण की षोडश पूजा करें। इसी के साथ ही तुलसी पूजा भी करें। तुलसी माता को जल अर्पण करें और उनकी पूजा करें। लेकिन ध्यान रहे कि मंगलवार, रविवार और एकादशी के दिन तुलसी के पौधे को भूलकर भी न छूएं और न ही जल अर्पित करें।
खरमास के दिनों में भूलकर भी तुलसी के ऊपर सिंदूर या कोई पूजन सामग्री न चढ़ाएं। इसका नकारात्मक असर पड़ सकता है। इसी के साथ ही दूर्वा भी न चढ़ाएं इससे माता लक्ष्मी रूष्ठ होती हैं। खरमास में तुलसी को जल दान, दीपदान और धूपदान दे सकते हैं। बाकी अन्य किसी भी प्रकार की पूजा नहीं कर सकते हैं।
Updated on:
17 Mar 2024 12:39 pm
Published on:
15 Dec 2023 08:26 pm
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