
खरमास 2024 में पूजा पाठ नियम जानना जरूरी है
पंचांग के अनुसार सूर्य ग्रह ने 14 मार्च को गुरु की राशि मीन में प्रवेश किया है। इसी के साथ खरमास लग गया है, अब 13 अप्रैल को सूर्य मेष राशि में प्रवेश करेंगे तब खरमास खत्म होगा। इस समय तक जप, दान और तप के अलावा बाकी शुभ कार्यों पर विराम रहेगा। खरमास में पवित्र नदी में स्नान करने, तीर्थ यात्रा करने का महत्व माना जाता है। मान्यता है कि, इन दिनों गरीबों की मदद और दान करने से अक्षय पुण्यफल मिलता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य जब गुरु बृहस्पति की राशियों में जाते हैं तो इनके शुभ प्रभाव में कमी आ जाती है। क्योंकि वे गुरु की सेवा में जुट जाते हैं। सूर्य का शुभ प्रभाव कम हो जाने से ही कोई भी शुभ काम इस समय नहीं किया जाता।
1. खरमास में शादी विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश आदि नहीं किया जाता है और न ही किसी नए काम का आरंभ किया जाता है। फिर चाहे वह नया कारोबार हो या नई वस्तु खरीदने का काम। मान्यता है कि खरमास का नियम न मानने से पूर्वज नाराज होते हैं।
2. खरमास में रोजाना सुबह जल्दी स्नान करके व्यक्ति को नियम संयम से पूजापाठ करनी चाहिए।
3. खरमास में रोजाना सुबह उठकर सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए, सूर्य मंत्रों का जाप करना चाहिए और कम से कम 3 बार परिक्रमा करनी चाहिए।
4. खरमास में जप, तप, दान आदि करना चाहिए। इससे शुभ फल मिलेंगे और ईश्वर के आशीर्वाद से जीवन के कष्ट दूर होते हैं।
5. खरमास में गाय, गुरु, ब्राह्मण और संन्यासियों की सेवा सामर्थ्य के अनुसार करें। ऐसा करने से आपको विशेष पुण्यफल मिलेगा।
6. खरमास में तीर्थस्थलों की यात्रा कर पूजा पाठ जरूर करना चाहिए। अगर संभव नहीं है तो घर के सबसे नजदीक किसी धार्मिक स्थान पर जाकर जरूर पूजा करें।
7. खरमास में तुलसीजी की पूजा जरूर करें, लेकिन मंगलवार, रविवार और एकादशी को छोड़कर।
Updated on:
17 Mar 2024 12:33 pm
Published on:
14 Mar 2024 05:03 pm
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