
मौनी अमावस्या पर करें शिव पूजा
Mauni Amavasya Puja: भगवान शिव को सभी देवों में सबसे श्रेष्ठ स्थान प्राप्त है। इनकी उपासना करने से लोगों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। मान्यता है कि मौनी अमावस्या के दिन महादेवके नाम जपने मात्र से पितरों को आत्म शांति और मोक्ष प्राप्ति हो सकती है। तो आइए जानते हैं मौनी अमावस्या के दिन महादेव के किन नामों का जाप करना शुभ होगा?
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महाकाल: भगवान शिव को महाकाल कहा जाता है क्योंकि वे समय से परे हैं और समस्त सृष्टि के संहारकर्ता हैं। समय के साथ सबकुछ नष्ट हो जाता है। लेकिन महाकाल शाश्वत और अविनाशी हैं। मौनी अमावस्या के दिन इस नाम का जाप करना पुण्य फल देना वाला होता है।
महादेव: शिव को महादेव कहा जाता है। वे सभी देवताओं के भी आराध्य हैं। वे परमात्मा के सर्वोच्च स्वरूप हैं। जो सृष्टि की रचना, पालन और संहार में प्रमुख भूमिका निभाते हैं। महादेव नाम उनकी महिमा, शक्ति और ईश्वरीय स्वरूप को दर्शाता है।
शंभू: शंभू नाम भगवान शिव की स्वतः उत्पन्न होने की शक्ति को दर्शाता है। वे बिना किसी अन्य कारण के स्वयंसिद्ध हैं। शंभू का मतलब शांति देने वाला भी है, जो भक्तों को मोक्ष और सुख प्रदान करता है।
शिव: शिव नाम भगवान के शुभ और कल्याणकारी स्वरूप को दर्शाता है। वे भक्तों के जीवन से अज्ञान, दुख और बंधनों को दूर कर उनका कल्याण करते हैं। यह नाम उनके दयालु, प्रेममय और सहायक स्वभाव का प्रतीक है।
त्रिपुरारी: यह नाम शिव के उस रूप से जुड़ा है जब उन्होंने त्रिपुरासुर नामक राक्षस के तीन नगरों (त्रिपुर) को नष्ट किया था। यह उनके संहारक और धर्म की रक्षा करने वाले स्वरूप को प्रकट करता है।
नीलकंठ: समुद्र मंथन के दौरान निकले विष को पीकर भगवान शिव ने सृष्टि को बचाया। उन्होंने विष को अपने कंठ में रोक लिया। जिससे उनका गला नीला हो गया। यह नाम उनके त्याग, सहनशीलता और लोकहित के लिए किए गए बलिदान का प्रतीक है।
मौनी अमावस्या के दिन भगवान शिव के इन नामों का जाप करने से मनुष्य को पुण्यफल की प्राप्ति होती है। साथ ही पितरों को आत्म शांति और मोक्ष दिलाने में सहायक होते हैं। महादेव के हर नाम में उनके किसी न किसी दिव्य स्वरूप की झलक मिलती है। इन नामों का श्रद्धापूर्वक जाप करने से घर में सुख-शांति का वातावरण बनता है।
मौनी अमावस्या पर पितरों की आत्मा की शांति के लिए विशेष पूजा का आयोजन करना चाहिए। गंगा स्नान और तर्पण का विशेष महत्व है। गंगाजल से पितरों को अर्घ्य अर्पित करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है। साथ ही, गरीबों को भोजन और वस्त्र दान करने से पुण्य लाभ होता है।
मौनी अमावस्या पर मौन रहकर ध्यान करना आध्यात्मिक उन्नति में सहायक होता है। इस दिन बोले गए कम शब्द मन की शांति को बढ़ाते हैं। भगवान शिव के ध्यान और उनके नामों के जाप से न केवल मन को शांति मिलती है, बल्कि नकारात्मक ऊर्जा भी दूर होती है।
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार मौनी अमावस्या पर किए गए शिव नामों के जाप और पितरों के लिए तर्पण से तीनों लोकों में शुभ फल मिलता है। यह दिन विशेष रूप से उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है, जो अपने पितरों को मोक्ष प्रदान करने की कामना करते हैं।
Published on:
24 Jan 2025 01:19 pm
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