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Nag Panchami date: इन 3 शुभ योग में मनेगी नाग पंचमी, ढाई घंटे का है पूजा मुहूर्त, पढ़ें- नाग पंचमी पूजा मंत्र

Nag Panchami date: सावन शुक्ल पक्ष की पंचमी पर देश भर में नाग पंचमी त्योहार मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं नाग की पूजा करती हैं। मान्यता है कि इससे घर में सुख समृद्धि आती है। विशेष बात यह है कि इस साल 3 शुभ योग में नाम पंचमी मनेगी। आइये जानते हैं नाग पंचमी पूजा मुहूर्त और नाग पंचमी मंत्र (Nag Panchami Puja Mantra) ...

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Nag Panchami date: इन 3 शुभ योग में मनेगी नाग पंचमी, ढाई घंटे का है पूजा मुहूर्त, पढ़ें- नाग पंचमी पूजा मंत्र

कब है नाग पंचमी

सावन शुक्ल पंचमी तिथि प्रारंभः 09 अगस्त 2024 शुक्रवार को सुबह 00:36 बजे यानी 8 अगस्त रात 12.36 बजे से
सावन शुक्ल पंचमी तिथि समापनः 10 अगस्त 2024 शनिवार को सुबह 03:14 बजे तक
नाग पंचमी तिथिः शुक्रवार 9 अगस्त 2024 को


नाग पंचमी पूजा मूहूर्तः 9 अगस्त शुक्रवार सुबह 05:54 बजे से सुबह 08:31 बजे तक
नाग पंचमी पूजा की अवधिः 02 घंटे 37 मिनट

नाग पंचमी के दिन शुभ योग

सिद्धः 9 अगस्त को दोपहर 01:46 बजे तक
साध्यः पूरे दिन
रवि योगः 10 अगस्त सुबह 02:44 बजे से सुबह 05:55 बजे तक
अमृत योगः 10 अगस्त सुबह 02:44 बजे तक

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नाग पंचमी का महत्व

सावन शुक्ल पंचमी यानी नाग पंचमी हरियाली तीज के दो दिन बाद मनाया जाता है। यह तिथि अक्सर अंग्रेजी कैलेंडर के जुलाई और अगस्त महीने में पड़ती है। इस त्योहार पर स्त्रियां नाग देवता की पूजा करती हैं और सांप को दूध चढ़ाती हैं। साथ ही भाइयों और परिवार की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करती हैं। मान्यता है कि श्रावण शुक्ल पंचमी को नाग देवताओं की पूजा और सर्प को दूध अर्पित करना नाग देवताओं को प्राप्त होता है। इससे घर में सुख समृद्धि आती है।

नाग पंचमी पर इन नाग की करते हैं पूजा

श्रावण शुक्ल पंचमी के दिन 12 नाग की पूजा करते हैं। ये नाग अनंत, वासुकी, शेष, पद्म, कंबल, कर्कोटक, अश्वतर, धृतराष्ट्र, शंखपाल, कालिया, तक्षक, पिंगल हैं।

नाग पंचमी पूजा मंत्र

सर्वे नागाः प्रीयन्तां मे ये केचित् पृथ्वीतले।
ये च हेलिमरीचिस्था येऽन्तरे दिवि संस्थिताः॥
ये नदीषु महानागा ये सरस्वतिगामिनः।
ये च वापीतडगेषु तेषु सर्वेषु वै नमः॥

मंत्र का अर्थः इस संसार में, आकाश, स्वर्ग, झील, कुएं, तालाब और सूर्य किरणों में निवास करने वाले सर्प, हमें आशीर्वाद दें और हम सभी आपको बारम्बार नमन करते हैं।

अनन्तं वासुकिं शेषं पद्मनाभं च कम्बलम्।
शङ्ख पालं धृतराष्ट्रं तक्षकं कालियं तथा॥
एतानि नव नामानि नागानां च महात्मनाम्।
सायङ्काले पठेन्नित्यं प्रातःकाले विशेषतः।
तस्य विषभयं नास्ति सर्वत्र विजयी भवेत्॥

मंत्र का अर्थः नौ नाग देवताओं के नाम अनंत, वासुकी, शेष, पद्मनाभ, कम्बल, शंखपाल, धृतराष्ट्र, तक्षक और कालिया हैं। यदि प्रतिदिन प्रातःकाल नियमित रूप से इनका जप किया जाता है तो नाग देवता आपको समस्त पापों से सुरक्षित रखेंगे और आपको जीवन में विजयी बनाएंगे।

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