धर्म-कर्म

श्री राधा जी के 32 नाम जिनके उच्चारण भर से आ जाती है सुख व समृद्धि

Radhe-Radhe (राधे-राधे) : श्री राधा जी के ये नाम सुख, शांति और प्रेम के प्रतीक हैं

Nov 03, 2022 / 09:18 pm

दीपेश तिवारी

Radhe-Radhe

श्री राधा जी राधिका हिन्दू धर्म में बहुत ही ख़ास देवी मानी गईं हैं, ऐसे में माना जाता है कि श्री राधा जी (Names of Shri Radha Ji) के 32 नाम का जाप करने से सुख शांति और प्रेम का जीवन में आगमन होता है। इतना ही नहीं श्री राधा जी के 32 नामों के उच्चारण भर से ही सुख व समृद्धि तक आपके पास दौड़ी चली आती है।

माना जाता है कि श्री राधा जी का जन्मोत्सव भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को हुआ था, ऐसे में हर वर्ष यह दिन बड़े धूम धाम से मनाया जाता है। लेकिन केवल इसी दिन ही नहीं बल्कि माना जाता है कि किसी भी दिन श्री राधा जी के 32 नामों (Names of Shri Radha Ji Ke 32 Naam) को जपने से व्यक्ति के जीवन में सुख समृद्धि का आगमन शुरु हो जाता है।

वैसे तो राधा जी का जन्मोत्सव पर भगवान् श्री कृष्ण जी के नाम का भी जाप किया जाता है राधा जी व कृष्णा जी के भक्त उन्हें राधे कृष्ण कहकर संबोधन करते हैं। राधे कृष्ण शब्द के गठजोड़ से पता लगता है यह दोनों नाम एक दूसरे के बिना अधूरे हैं, तो चलिए जानते हैं श्री राधा जी के वह नाम जो जीवन में सुख शांति एवं प्रेम का प्रतीक माने जाते हैं।

श्री राधा जी के 32 नाम | 32 Names of Shri Radha Ji
राधा जी के यह 32 नाम का जप करने से बहुत से फायदे मिलते है नाम इस प्रकार है:-
मृदुल भाषिणी श्री राधा ! श्री राधा !!
सौंदर्य राषिणी राधा ! राधा !!
परम् पुनीता राधा ! श्री राधा !!
नित्य नवनीता श्री राधा ! राधा !!
रास विलासिनी राधा ! राधा !!
दिव्य सुवासिनी राधा ! राधा !!
नवल किशोरी राधा ! राधा !!
अति ही भोरी राधा ! राधा !!
कंचनवर्णी राधा ! राधा !!
नित्य सुखकरणी राधा !राधा !!
सुभग भामिनी राधा ! राधा !!
जगत स्वामिनी राधा ! राधा !!
कृष्ण आनन्दिनी राधा ! राधा !!
आनंद कन्दिनी राधा ! राधा !!
प्रेम मूर्ति राधा ! राधा !!
रस आपूर्ति राधा ! राधा !!
नवल ब्रजेश्वरी राधा ! राधा !!
नित्य रासेश्वरी राधा ! राधा !!
कोमल अंगिनी राधा ! राधा !!
कृष्ण संगिनी राधा ! राधा !!
कृपा वर्षिणी राधा ! राधा !!
परम् हर्षिणी राधा ! राधा !!
सिंधु स्वरूपा राधा ! राधा !!
परम् अनूपा राधा ! राधा !!
परम् हितकारी राधा ! राधा !!
कृष्ण सुखकारी राधा ! राधा !!
निकुंज स्वामिनी राधा ! राधा !!
नवल भामिनी राधा ! राधा !!
रास रासेश्वरी राधा ! राधा !!
स्वयं परमेश्वरी राधा ! राधा !!
सकल गुणीता राधा ! राधा !!
रसिकिनी पुनीता राधा ! राधा

“श्री राधा जी की आरती” | Shri Radha Aarti –

श्री राधा जी की आरती इस प्रकार है:
आरती श्री वृषभानुसुता की |
मंजु मूर्ति मोहन ममताकी || टेक ||

त्रिविध तापयुत संसृति नाशिनि,
विमल विवेकविराग विकासिनि |

पावन प्रभु पद प्रीति प्रकाशिनि,
सुन्दरतम छवि सुन्दरता की ||

॥ आरती श्री वृषभानुसुता की, मंजुल मूर्ति मोहन ममता की ॥

मुनि मन मोहन मोहन मोहनि,
मधुर मनोहर मूरती सोहनि |

अविरलप्रेम अमिय रस दोहनि,
प्रिय अति सदा सखी ललिताकी ||

॥ आरती श्री वृषभानुसुता की, मंजुल मूर्ति मोहन ममता की ॥

संतत सेव्य सत मुनि जनकी,
आकर अमित दिव्यगुन गनकी,

आकर्षिणी कृष्ण तन मनकी,
अति अमूल्य सम्पति समता की ||

॥ आरती श्री वृषभानुसुता की, मंजुल मूर्ति मोहन ममता की ॥

कृष्णात्मिका, कृषण सहचारिणि,
चिन्मयवृन्दा विपिन विहारिणि |

जगज्जननि जग दुःखनिवारिणि,
आदि अनादिशक्ति विभुताकी ||

॥ आरती श्री वृषभानुसुता की, मंजुल मूर्ति मोहन ममता की ॥

॥ इति॥

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