
नरक चतुर्दशी दिवाली से एक दिन पहले मनाई जाती है। इसे नर्क चौदस या छोटी दिवाली भी कहा जाता है। इस बार नर्क चतुर्दशी 26 अक्टूबर ( शनिवार ) को है। इस दिन भगवान हनुमान, धर्मराज यमराज और भगवान श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है। इस दिन आप कुछ उपाय करके शनि दोष से छुटकारा भी पा सकते हैं।
आइये जानते हैं कि नरक चतुर्दशी पर कौन सा उपाय करके शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से मुक्ति पा सकते हैं...
नरक चतुर्दशी के दिन किसी भी शनि मंदिर में जाकर शनि देव का तेल से अभिषेक करने से शनि से आपको शुभ फल मिलेगा।
अगर अकाल मृत्यु का भय सता रहा है तो नरक चतुर्दशी के दिन यम दीपक जलाकर पीपल के पेड़ के नीचे रख दें, इससे अकाल मृत्यु का भय दूर हो जाएगा।
नरक चतुर्दशी के दिन काले तिल, काली उड़द और काले वस्त्रों का दान करें, इससे शनि दोषों से छुटकारा मिल जाएगा।
नरक चतुर्दशी के दिन किसी भी हनुमान मंदिर में जाकर चमेली के तेल का दीपक जलाकर 108 बार हनुमान चालीसा का पाठ करें।
नरक चतुर्दशी के दिन विधि विधान से बाल हनुमान की पूजा अर्चना करके लाल पुष्प चढ़ाएं और शाम में बूंदी का प्रसाद अर्पित करें। ऐसा करने से सभी प्रकार के शनि दोषों से छुटकारा मिल जाएगा।
नरक चतुर्दशी के दिन मां काली को काले वस्त्र अर्पित करें, इससे शनि पीड़ा दूर होगी।
नरक चतुर्दशी के दिन ही काली चौदस का पर्व भी मनाया जाता है। इस दिन काली माता के समक्ष शाम के समय सरसों तेल का दीपक जलाकर इनकी पूजा करें, इससे मां काली आपसे प्रसन्न रहेंगी।
नरक चतुर्दशी की शाम को देवताओं की पूजा करके दीपदान करें। ऐसा करना शुभ माना जाता है।
नरक चतुर्दशी के दिन 4 बत्तियों वाला दीपक पूर्व दिशा में मुख करके घर के मुख्य द्वार पर रखें, पापों से मुक्ति मिलेगी।
शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव चल रहा है तो नरक चतुर्दशी के दिन 'नीलांजन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्। छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम्' मंत्र का 108 बार जाप करें।
माना जाता है कि इस मंत्र का जप करने से शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के बुरे प्रभाव धीरे-धीरे दूर हो जाते हैं।
Updated on:
25 Oct 2019 06:03 pm
Published on:
25 Oct 2019 05:58 pm
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