29 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

सर्व पापमोचनी एकादशी पर ऐसा करते ही बन जाते है सारे काम, 31 मार्च 2019

सर्व पापमोचनी एकादशी पर ऐसा करते ही बन जाते है सारे काम, 31 मार्च 2019

2 min read
Google source verification

भोपाल

image

Shyam Kishor

Mar 27, 2019

papamochani ekadashi

सर्व पापमोचनी एकादशी पर ऐसा करते ही बन जाते है सारे काम, 31 मार्च 2019

सर्व पापमोचनी एकादशी का शास्त्रों का बहुत बड़ा महत्व बताया गया हैं, चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को सर्व पापमोचनी एकादशी के रूप में मनाई जाती है । इस दिन व्रत रखने से सभी तरह के ज्ञात अज्ञात पापों का नाश स्वतः ही हो जाता है, लेकिन इसके अलावा भी इस दिन उपास रखने के साथ इस छोटे से काम को श्रद्धा पूर्वक करने जिस चीज की कामना की जाती हैं वह मनोकामना पूरी हो जाती हैं । साल 2019 में सर्व पापमोचनी एकादशी 31 मार्च दिन रविवार को है । जाने वृत विधि और पूजा विधान व लाभ ।

व्रत का पूजा विधान

- इस दिन सूर्योदय से लगभग 2 घंटे पूर्व स्नान करके पीले या स्वेत स्वच्छ वस्त्र पहनकर तैयार हो जाये ।
- पूजा स्थल पर पीले कुशा आसन पर बैठकर सीधे हाथ में थोड़ा सा जल, चावल, पुष्प लेकर एकादशी व्रत करने का संकल्प लें ।
- भगवान श्री विष्णु जी के चतुर्भुज रूप का षोडशोपचार पूजा विधान सहित धुप, दीप, चंदन, ऋतुफल एवं नैवैद्य का भोग लगावें ।
- उपरोक्त पूजन के बाद इस मंत्र का कम से कम 108, 501 या फिर 1100 बार जप करें ।
- मंत्र- ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः ।।
- इस दिन नमक व शक्कर से बने पदार्थों का सेवन बिलकुल भी नहीं करें । संभव हो तो दोनों समय निराहर ही रहे, नींबू पानी ले सकते हैं ।
- व्रत को अगले दिन द्वादशी तिथि में पारण के बाद ही खोलें । स्वयं भोजन करने से पहले किसी योग्य पंडित या गरीब को दान-दक्षिणा देकर व्रत खोलने से व्रत पूर्ण माना जाता हैं ।

सर्व पापमोचनी एकादशी व्रत मुहूर्त

- पापमोचनी एकादशी तिथि का आरंभ -31 मार्च दिन रविवार को प्रातः 3 बजकर 23 मिनट से होगा ।
- पापमोचनी एकादशी समापन- 1 अप्रैल दिन सोमवार को प्रातः 6 बजकर 4 मिनट पर होगा ।
- पापमोचनी एकादशी व्रत का पारण 1 अप्रैल दिन सोमवार को दोपहर 1 बजकर 40 मिनट से शाम 4 बजकर 7 मिनट तक ।

सर्व पापमोचनी एकादशी व्रत से बन जाते है सारे काम
- जो भी श्रद्धालु पापमोचनी एकादशी का उपवास रखते है वे पूरे उपवास काल में पवित्र रहे ।
- घर या मंदिरों में विशेष भजन कीर्तिन का आयोजन करें ।
- संभव हो तो श्रीमद्भगवत गीता का पाठ भी करें ।
- मनोकामना पूर्ति के लिए इस दिन पीपल के पेड़ के नीचे सुबह एवं शाम को दोनों समय आटे से बना 11 बत्ती वाला दीपक जलाकर 11 परिक्रमा लगायें ।
- भगवान से सभी तरह के ज्ञात अज्ञात पापों का नाश करने की क्षमा याचना करें ।