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पितरों का श्राद्ध करने की सही तिथि, दिन और मुहूर्त- श्राद्धपक्ष, 2018

Published: Sep 20, 2018 02:15:04 pm

Submitted by:

Shyam

पितरों का श्राद्ध करने का सही समय, इस तिथि पर करेंगे तर्पण तो खुश हो जाएंगे पूर्वज

pitru paksha

पितरों का श्राद्ध करने की सही तिथि, दिन और मुहूर्त- श्राद्धपक्ष, 2018

हिन्दू धर्म में पितृ अर्थात दिवंगत पूर्वजों के पिण्डदान व तर्पण करने की बहुत ही प्राचीन परंपरा है, और इसके लिए शास्त्र, पंचांगों में श्राद्ध पक्ष के लिए साल में सोलह दिन निर्धारित किए गए हैं । इन सोलह दिनों में व्यक्ति अपने पूर्वजों को याद करते है और उनकी शांति व तृप्ति के लिए श्राद्ध कर्म करको उनका आर्शीवाद और सहयोग प्राप्त करते हैं ।

 

जाने अपने दिवंगत पितरों का श्राद्ध किस दिन और तिथि को हैं

 

1- पहला श्राद्ध
दिनांक 24 सितंबर 2018 दिन सोमवार को, पहला श्राद्ध – श्राद्धपक्ष तिथि – पूर्णिमा के दिन
इस समस पर करें श्राद्ध- सुबह 11 बजकर 48 से, दोपहर 3 बजकर 48 मिनट तक
पहले दिन इनका श्राद्ध करें- ऐसे पूर्वज जिनकी मृत्यु पूर्णिमा तिथि को हुई हो ।


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2- दूसरा श्राद्ध
दिनांक 25 सितंबर 2018, दिन मंगलवार को
प्रतिपदा तिथि
इस समस पर करें श्राद्ध- सुबह 11 बजकर 48 से, दोपहर 3 बजकर 47 मिनट तक
दूसरे दिन – जिनकी मृत्यु प्रतिपदा तिथि को हुई हो ।
(नानी-नाना का श्राद्ध भी इस दिन किया जा सकता है ।)

 

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3- तीसरा श्राद्ध
दिनांक 26 सितंबर 2018, दिन बुधवार को
द्वितीया तिथि
इस समस पर करें श्राद्ध – सुबह 11 बजकर 48 से, दोपहर 3 बजकर 46 मिनट तक
द्वितीया तिथि को – जिनकी मृत्यु द्वितीय तिथि को हुई हो ।


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4- चौथा श्राद्ध
दिनांक 27 सितंबर 2018, दिन गुरुवार को
तिथि – तृतीय
इस समस पर करें श्राद्ध- सुबह 11 बजकर 48 से, दोपहर 3 बजकर 45 मिनट तक
तृतीया तिथि को – जिनकी मृत्यु तृतीय तिथि को हुई हो ।


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5- पांचवा श्राद्ध
दिनांक 28 सितंबर 2018, दिन शुक्रवार को
तिथि – चतुर्थी
इस समस पर करें श्राद्ध- सुबह 11 बजकर 47 से, दोपहर 3 बजकर 44 मिनट तक
चतुर्थी तिथि को- जिनकी मृत्यु चतुर्थी तिथि को हुई हो ।

 

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6- छठा श्राद्ध
दिनांक 29 सितंबर 2018, दिन शनिवार को
तिथि – पंचमी
इस समस पर करें श्राद्ध- सुबह 11 बजकर 47 से, दोपहर 3 बजकर 43 मिनट तक
पंचमी तिथि को- जिनकी मृत्यु पंचमी तिथि को हुई हो ।
( पंचमी तिथि का यह श्राद्ध अविवाहित लोगों के निमित्त किया जाता है । )


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7- सातवां श्राद्ध
दिनांक 30 सितंबर 2018, दिन रविवार को
तिथि – षष्ठी
इस समस पर करें श्राद्ध- सुबह 11 बजकर 47 से, दोपहर 3 बजकर 43 मिनट तक
षष्ठी तिथि को- जिनकी मृत्यु षष्ठी तिथि को हुई हो ।


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8- आठवां श्राद्ध
दिनांक 1 अक्टूबर 2018, दिन सोमवार को
तिथि – सप्तमी
इस समस पर करें श्राद्ध- सुबह 11 बजकर 47 से, दोपहर 3 बजकर 43 मिनट तक
सप्तमी तिथि को – जिनकी मृत्यु सप्तमी तिथि को हुई हो ।


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9- नौवां श्राद्ध
दिनांक 2 अक्टूबर 2018, दिन मंगलवार को
तिथि – अष्टमी
इस समस पर करें श्राद्ध – सुबह 11 बजकर 41 से, दोपहर 3 बजकर 43 मिनट तक
अष्टमी तिथि को- जिनकी मृत्यु अष्टमी तिथि को हुई हो ।


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10- दसवां श्राद्ध
दिनांक 3 अक्टूबर 2018, दिन बुधवार को
तिथि – नवमी
इस समस पर करें श्राद्ध – सुबह 11 बजकर 46 से, दोपहर 3 बजकर 40 मिनट तक
नवमी तिथि को – जिनकी मृत्यु नवमी तिथि को हुई हो ।
( इस दिन विशेष रूप से माताओं एवं परिवार की सभी स्त्रियों का श्राद्ध किया जा सकता है । इसलिए इसे मातृनवमी भी कहा जाता है । )


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11- ग्यारहवां श्राद्ध
दिनांक 4 अक्टूबर 2018, दिन गुरुवार को
तिथि – दशमी
इस समस पर करें श्राद्ध – सुबह 11 बजकर 46 से, दोपहर 3 बजकर 39 मिनट तक
दशमी तिथि को- जिनकी मृत्यु दशमी तिथि को हुई हो ।


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12- बारहवां श्राद्ध
दिनांक 5 अक्टूबर 2018, दिन शुक्रवार को
तिथि – एकादशी (ग्यारस श्राद्ध)
इस समस पर करें श्राद्ध – सुबह 11 बजकर 46 से, दोपहर 3 बजकर 39 मिनट तक
एकादशी तिथि को – जिनकी मृत्यु एकादशी तिथि को हुई हो ।


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13- तेरहवां श्राद्ध
दिनांक 6 अक्टूबर 2018, दिन शनिवार को
तिथि – द्वादशी
इस समस पर करें श्राद्ध – सुबह 11 बजकर 45 से, दोपहर 3 बजकर 38 मिनट तक
द्वादशी तिथि को – जिनकी मृत्यु द्वादशी तिथि को हुई हो ।
( इस दिन उन लोगों का श्राद्ध भी किया जाता है जिन्होंने मृत्यु से पूर्व सन्यास ले लिया हो । )


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14- चौदहवां श्राद्ध
दिनांक 7 अक्टूबर 2018, दिन शनिवार को
इस समस पर करें श्राद्ध – सुबह 11 बजकर 45 से, दोपहर 3 बजकर 37 मिनट तक
तिथि – त्रयोदशी
त्रयोदशी तिथि को – जिनकी मृत्यु त्रयोदशी तिथि को हुई हो ।
( घर के मृत बच्चों का श्राद्ध भी इसी दिन किया जाता है । )


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15- पंद्रहवां श्राद्ध
दिनांक 7 अक्टूबर 2018, दिन रविवार को
तिथि – चतुर्दशी
इस समस पर करें श्राद्ध – सुबह 11 बजकर 45 से, दोपहर 3 बजकर 37 मिनट तक
चतुर्दशी तिथि को – चतुर्दशी तिथि का श्राद्ध केवल उनकी मृतजनों के लिए करना चाहिए जिनकी मृत्यु किसी हथियार से हुई हो, उनका क़त्ल हुआ हो, जिन्होंने आत्महत्या की हो या उनकी मृत्यु किसी हादसे में हुई हो ।
( इसके अलावा अगर किसी की मृत्यु चतुर्दशी तिथि को हुई है तो उनका श्राद्ध अमावस्या श्राद्ध तिथि को ही किया जाता है । )


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16- सोलहवां श्राद्ध
दिनांक 8 अक्टूबर 2018, दिन सोमवार को
तिथि – अमावस्या, ( सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या )
इस समस पर करें श्राद्ध – सुबह 11 बजकर 45 से, दोपहर 3 बजकर 37 मिनट तक
अमावस्या तिथि को – जिनकी मृत्यु अमावस्या तिथि, पूर्णिमा तिथि और चतुर्दशी तिथि को हुई हो ।
( इसके अतिरिक्त जिन लोगों को अपने मृत परिवारजनों की तिथि याद नहीं रहती उनका श्राद्ध भी इसी दिन किया जाता है । क्योंकि इसे सर्व पितृ अमावस्या भी कहते है । )

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