29 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

महापुरुषों की दिव्यता को याद करें : साध्वी आगमश्री

 श्वेताम्बर स्थानकवासी जैन श्रावक संघ, विल्सन गार्डन में पानी को अमृत कैसे बनाएं विषय पर प्रवचन देते हुए साध्वी आगमश्री ने कहा कि पहले के समय में लोग जब भी कहीं बाहर जाते थे, तो अपना पानी और भोजन साथ लेकर जाते थे। कहा जाता है कि जैसा पीये पानी, वैसी होवे वाणी, जैसा खावे […]

less than 1 minute read
Google source verification

 श्वेताम्बर स्थानकवासी जैन श्रावक संघ, विल्सन गार्डन में पानी को अमृत कैसे बनाएं विषय पर प्रवचन देते हुए साध्वी आगमश्री ने कहा कि पहले के समय में लोग जब भी कहीं बाहर जाते थे, तो अपना पानी और भोजन साथ लेकर जाते थे। कहा जाता है कि जैसा पीये पानी, वैसी होवे वाणी, जैसा खावे अन्न, वैसा होवे मन। इसी को लोग मानते थे। शास्त्रों में ऐसे कई उदाहरण मिलते हैं जहां जल और अन्न के प्रभाव से व्यक्ति के विचार, वाणी और मनोभाव बदल जाते हैं। आज हम जहां क्रोध, कलह, द्वेष और असंतोष का वातावरण है। जब हम वह जल पीते हैं, तो वे भाव हमारे भीतर भी प्रवेश कर जाते हैं। जल ग्रहण करते समय हमें पंच परमेष्ठियों का स्मरण करना चाहिए। तीर्थंकरों, महापुरुषों की समता, सहनशीलता और दिव्यता को याद करते हुए उनके गुणों को अपने भीतर आने देने का संकल्प करना चाहिए। इससे जल औषधि बन जाता है, अमृत बन जाता है। ऐसा जल पीने से हमारे रोग दूर हो सकते हैं और मनोबल व आध्यात्मिक शक्ति बढ़ती है।प्रचार-प्रसार मंत्री प्रकाशचंद बाफना ने बताया कि 8 अगस्त को मरुधर केसरी मिश्रीमल की जयंती एकासना दिवस के रूप में मनाई जाएगी। संघ के चेयरमैन मीठालाल मकाणा ने स्वागत किया। अध्यक्ष नेमीचंद भंसाली ने आभार व्यक्त किया। मंत्री सज्जन बोहरा ने संघ के आगामी कार्यक्रमों की जानकारी दी।