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इस तांत्रिक बीजोक्त मंत्र का जप करने से गंभीर से गंभीर बीमारी हो जाती हैं पूरी तरह ठीक

locationभोपालPublished: Jan 05, 2019 12:39:30 pm

Submitted by:

Shyam

इस तांत्रिक बीजोक्त मंत्र का जप करने से गंभीर से गंभीर बीमारी हो जाती हैं पूरी तरह ठीक

rog nashak mantra

इस तांत्रिक बीजोक्त मंत्र का जप करने से गंभीर से गंभीर बीमारी हो जाती हैं पूरी तरह ठीक

तंत्र शास्त्रों में अनेक ऐसे मंत्र दिये गये हैं जिनका प्रयोग करके व्यक्ति अनगिनत समस्याओं का निवारण कर सकता हैं । कुछ बीज मंत्र तो ऐसे हैं जिनका जप करने से गंभीर से गंभीर ऐसी बीमारियां जिनके ठीक होने की उम्मीद बड़े बड़े डॉक्टर भी छोड़ चूके होते हैं, उन बीमारियों को पूरी तरह मंत्रों के द्वारा ठीक किया जा सकता हैं । ऐसी ही एक तांत्रिक बीजोक्त मंत्र जिसका जप रोगी के निमित्त किया जाये तो रोगी शीघ्र ठीक होने लगता हैं । जाने उस रोग निवारक संजीवनी मंत्र के बारे में ।

तांत्रिक बीजोक्त मंत्र है महामृत्युंजय मंत्र जिसका जप रोगी के निमित्त 3 हजार बार जपने के बाद 108 बार हवन करने से रोगी के स्वास्थ्य में शीघ्र सुधार होने लगता हैं ।


तांत्रिक बीजोक्त मंत्र-


।। ॐ ह्रौं जूं सः । ॐ भूर्भवः स्वः । ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्‌ । उर्वारुकमिव बन्धनांन्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्‌ । स्वः भुवः भूः ॐ । सः जूं ह्रौं ॐ ।


उक्त अति प्रभावशाली संजीवनी महामृत्युंजय मंत्र महामृत्युंजय मंत्र का जप करना परम फलदायी है । लेकिन इस मंत्र के जप में कुछ सावधानियाँ रखना अनिवार्य हैं जिसका पालन करने के बाद ही इसका संपूर्ण लाभ प्राप्त हो सकता हैं ।

 

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जप करन से पहले इन बातों का ध्यान रखें


1- तांत्रिक बीजोक्त महामृत्युंजय मंत्र जप करते समय उच्चारण की शुद्धता का पूरा ध्यान रखे ।
2- मंत्र जप के जितनी संख्या में जप का संकल्प लिया हैं उतना ही निर्धारित समय में पूरा करें ।
3- मंत्र का उच्चारण ऐसे करे की पास में बैठे व्यक्ति को भी सुनाई न दे । यदि अभ्यास न हो तो बहुत ही धीमे स्वर में जप करें ।
4- जप तक जप चलता रहे तब तक घी का दीपक एवं चंदन की धूप जलते रहना चाहिए ।
5- रुद्राक्ष की माला से ही तांत्रिक बीजोक्त महामृत्युंजय मंत्र का जप करें ।


6- कुशा के आसन पर बैठकर ही जप करें ।
7- जपकाल में आलस्य व उबासी को बिलकुल भी न आने दें ।
8- जप करते समय अपना मुख पूर्व दिशा की तरफ ही होना चाहिए ।
9- जप पूरा होने के बाद दुग्ध मिले जल से शिवजी का अभिषेक करें ।
10- जितने दिन तक जप का संकल्प लिया उतने दिनों तक भूमि पर शयन करें, एवं ब्रह्मचर्य का पालन करें ।


उक्त नियमों का पालन करने के साथ जप करेंगे तो रोगी को तीन चार दिनों में ही लाभ होता दिखाई देगा ।

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