
shani ki sadhe saati,vakri shani in scorpio,vakri shani,
अगर वैशाख मास की अमावस्या तिथि शनिवार के दिन हो तो इसका महत्व अधिक हो जाता है, ऐसी मान्यता है कि वैशाखी शनि अमावस्या के दिन शनिदेव की विशेष आराधना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है। साथ ही इस दिन पितृ दोष से पीड़ित व्यक्ति कुछ बहुत ही सरल उपाय करे तो लाभ होता है। 4 मई शनिवार को वैशाख मास की शनि अमावस्या है।
पितृदोष से मुक्ति
कहा जाता है कि वैशाखी शनैश्चरी अमावस्या के दिन जो भी व्यक्ति अपने पूर्वज पितरों का श्रद्धापूर्वक श्राद्ध करने से पितृ दोष या अन्य दोषों की पीड़ा दूर होती है। शनि का पूजन और इस दिन दान करने से अद्भूत लाभ होता है एवं शनिदेव की कृपा से पूर्वज पितरों का उद्धार बड़ी ही सहजता से हो जाता है।
पितृ दोष निवारण पूजन
अगर शनिवार के दिन अमावस्या हो तो उस दिन किसी भी पवित्र नदी या तीर्थ स्थल में स्नान करने के बाद शनिदेव का आवाहन करते हुए नीले रंग के पुष्प, बेल पत्र एवं अक्षत अर्पण करें।
शनि अमावस्या के दिन करें ये उपाय
1- शनिदेव को प्रसन्न करने हेतु शनि मंत्र “ॐ शं शनैश्चराय नम:”, या बीज मंत्र “ॐ प्रां प्रीं प्रौं शं शनैश्चराय नम:” मंत्र का 108 बार चंदन की माला से जप करना चाहिए।
2- इस दिन सरसों के तेल, उड़द, काले तिल, कुलथी, गुड़, शनियंत्र और शनि से संबंधित पूजन सामग्री को शनिदेव को अर्पित करना चाहिए।
3- इस श्री शनि देव का तैलाभिषेक भी करना चाहिए।
4- इस दिन शनि चालीसा, श्री हनुमान चालीसा या फिर बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए।
5- जिनकी कुंडली या राशि पर शनि की साढ़ेसाती व ढैया का प्रभाव हो तो वे शनि अमावस्या के दिन शनिदेव का विधिवत पूजन जरूर करें।
6- ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, वैशाखी शनि अमावस्या के दिन साढ़ेसाती एवं ढैया के निवारण के लिए जो भी उपाय करने से लाभ मिलता है।
7- इस दिन शनि स्तोत्र का पाठ करने के बाद शनि देव की कोई भी वस्तु जैसे काला तिल, लोहे की वस्तु, काला चना, कंबल, नीला फूल दान करने से शनि साल भर कष्टों से बचाए रखते हैं।
****************
Published on:
25 Apr 2019 02:05 pm
बड़ी खबरें
View Allधर्म-कर्म
धर्म/ज्योतिष
ट्रेंडिंग
