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नवरात्रि के ​अचूक मंत्र: इन चमत्कारिक मंत्रों के जाप की विधि, जिससे मनोकामना हो पूरी

locationभोपालPublished: Oct 18, 2020 12:56:50 pm

अचूक चमत्कारी मंत्र और उनका फल…

Surefire mantras of Navratri

Surefire mantras of Navratri

हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है नवरात्र, जो प्रति वर्ष 4 बार आते हैं। इन्हीं में से एक नवरात्र जो अश्विन मास में आते हैं यानि 2020 की शारदीय नवरात्रि का आज (17 अक्टूबर 2020, शनिवार) से शुभारंभ हो गया है।

शारदीय नवरात्र (अश्विन) को देवी ने अपनी वार्षिक महापूजा कहा है। इसी नवरात्र को मां भगवती अपने अनेकानेक रूपों- नवदुर्गे, दश महाविद्या और षोड्श माताओं के साथ आती हैं। देवी भागवत में देवी ने शारदीय नवरात्र को अपनी महापूजा कहा है।

वहीं इस बार सबसे खास बात ये है कि शारदीय नवरात्र 17 से 25 अक्टूबर के बीच रहेंगे, ऐसे में नवरात्र के नौ दिनों में किसी भी तिथि क्षय नहीं हो रहा है, लेकिन 25 तारिख को नवमी तिथि सुबह 7:41 पर ही समाप्त हो जाएगी। ऐसे में नवमी और विजयदशमी (दशहरा) एक ही दिन होंगे।

दरअसल सनातन धर्म में नवरात्रि में देवी की पूजा पूरी श्रद्धा-भक्ति से हर कोई करना चाहता है, ताकि परिवार में सुख-शांति बनी रहे, लेकिन समयाभाव या अन्य कारणों के चलते कई बार पूजा उतनी विधि विधान से नहीं हो पाती जितनी कि अपेक्षित है।

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इस संबंध में सुनील शर्मा का कहना है कि यदि आपके साथ भी ऐसी कोई समस्या है तो 4 ऐसे दिव्य मंत्र जिनमें से किसी एक का भी जप 9 दिनों में कर लिया जाए तो व्रत का शुभ फल मिलता है।

1. दुर्गा मंत्र –
ॐ ह्रीं दुं दुर्गाय नमः।

मंत्र का फल – सभी प्रकार की सिद्धियों के लिए इस मंत्र का प्रयोग किया जाता है। शक्तिमान, भूमिवान बनने के लिए इस मंत्र का प्रयोग कर लाभ पा सकते हैं।

2. सरस्वती गायत्री मंत्र –
ॐ ऐं वाग्देव्यै च विद्महे कामराजाय धीमहि, तन्नो देवी प्रचोदयात्‌।

मंत्र का फल – इस मंत्र के जाप से विद्या की प्राप्ति में सफलता मिलती है।

3. लक्ष्मी गायत्री मंत्र –
ॐ महादेव्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि, तन्नो लक्ष्मीः प्रचोदयात्‌।

मंत्र का फल – इस मंत्र जाप करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।

4. मां बगुलामुखी मंत्र –
ॐ ह्रीं बगुलामुखी सर्व दुष्टानांम्‌ वाचम्‌ मुखम्‌ पद्म स्तंभय जिह्वाम्‌ किल्‌य किल्‌य ह्रीं ॐ स्वाहा।

मंत्र का फल – यह मंत्र तांत्रिक सिद्ध‍ि प्राप्त करने के लिए किया जाता है।

नवरात्रि में शुभ फल देते हैं श्रीराम के 10 सरलतम मंत्र:
इनके अलावा पंडित सुनील शर्मा के मुताबिक राम नाम की शक्ति अपरिमित है। इसी के चलते नवरात्रि में रामचरित मानस, वाल्मीकि रामायण, सुंदरकांड आदि के अनुष्ठान की परंपरा रही है। मंत्रों का जाप भी किया जाता है। उन्हें या उनमें से किसी एक के करने पर इच्छापूर्ति नि:संदेह पूर्ण होगी।

(1) ‘राम’ यह मंत्र अपने आप में पूर्ण है तथा शुचि-अशुचि अवस्था में भी जपा जा सकता है। यह तारक मंत्र कहलाता है।
(2) ‘रां रामाय नम:’ यह मं‍त्र राज्य, लक्ष्मी पुत्र, आरोग्य व वि‍पत्ति नाश के लिए प्रसिद्ध है।
(3) ‘ॐ रामचंद्राय नम:’ क्लेश दूर करने के लिए प्रभावी मंत्र है।
(4) ‘ॐ रामभद्राय नम:’ कार्य की बाधा दूर करने के लिए अवश्व प्रभावी है।
(5) ‘ॐ जानकी वल्लभाय स्वाहा’ प्रभु कृपा प्राप्त करने व मनोकामना पूर्ति के लिए जपने योग्य है।
(6) ‘ॐ नमो भगवते रामचंद्राय’ विपत्ति-आपत्ति के निवारण के लिए जपा जाता है।
(7) ‘श्रीराम जय राम, जय-जय राम’ इस मंत्र का कोई सानी नही है। शुचि-अशुचि अवस्था में जपने योग्य है।
(8) श्रीराम गायत्री मंत्र ‘ॐ दशरथाय नम: विद्महे सीता वल्लभाय धीमहि तन्नो राम: प्रचोदयात्।’ यह मंत्र समस्त संकटों का शमन करने वाला तथा ऋद्धि-सिद्धि देने वाला माना गया है।

(9) ‘ॐ नम: शिवाय’, ‘ॐ हं हनुमते श्री रामचंद्राय नम:।’ यह मंत्र एक-साथ कई कार्य करता है। स्त्रियां भी जप सकती हैं। साधारणतया हनुमानजी केे मंत्र उग्र होते हैं। शिव व राम मंत्र के साथ जप करने से उनकी उग्रता समाप्त हो जाती है।
(10) ‘ॐ रामाय धनुष्पाणये स्वाहा:’ शत्रु शमन, न्यायालय, मुकदमे आदि की समस्या से मुक्ति के लिए प्रशस्त है।
रामरक्षास्तोत्र, सुंदरकांड, हनुमान चालीसा, बजरंग बाण इत्यादि के जप कर अनुष्ठान रूप में लाभ प्राप्त किया जा सकता है।

श्री हनुमानजी व भगवान राम का चि‍त्र सामने लाल रंग के वस्त्र पर रखकर पंचोपचार पूजन कर जप किया जाना चाहिए। यही सरल व लौकिक विधि है।

ये 10 चमत्कारी दोहे भी : जो देते हैं हर तरह के वरदान :
हिंदु धर्म में रामनवमी के त्यौहार की महत्वता है और इसे पूरे भारत में बहुत ही श्रद्धा भाव से मनाया जाता है। वहीं रामनवमी के पावन पर्व पर रामचरितमानस का पाठ करने से हर परेशानियां दूर होती है और मन की इच्छा भी पूर्ण होती है।
रामचरितमानस के दोहे, चौपाई और सोरठा से इच्‍छापूर्ति की जाती है, जो अपेक्षाकृत सरल है। रामचरितमानस के 10 चमत्कारी दोहे, जो हर तरह के वरदान देते हैं…

(1) मनोकामना पूर्ति व सर्वबाधा निवारण के लिए-
‘कवन सो काज कठिन जग माही।
जो नहीं होइ तात तुम पाहीं।।’
(2) भय व संशय निवृ‍‍त्ति के लिए-
‘रामकथा सुन्दर कर तारी।
संशय बिहग उड़व निहारी।।’

(3) अनजान स्थान पर भय के लिए मंत्र पढ़कर रक्षारेखा खींचे-
‘मामभिरक्षय रघुकुल नायक।
धृतवर चाप रुचिर कर सायक।।’

(4) भगवान राम की शरण प्राप्ति के लिए-
‘सुनि प्रभु वचन हरष हनुमाना।
सरनागत बच्छल भगवाना।।’
(5) विपत्ति नाश के लिए-
‘राजीव नयन धरें धनु सायक।
भगत बिपति भंजन सुखदायक।।’

(6) रोग तथा उपद्रवों की शांति के लिए-
‘दैहिक दैविक भौतिक तापा।
राम राज नहिं काहुहिं ब्यापा।।’

(7) आजीविका प्राप्ति या वृद्धि के लिए-
‘बिस्व भरन पोषन कर जोई।
ताकर नाम भरत असहोई।।’
(8) विद्या प्राप्ति के लिए-
‘गुरु गृह गए पढ़न रघुराई।
अल्पकाल विद्या सब आई।।’

(9) संपत्ति प्राप्ति के लिए-
‘जे सकाम नर सुनहिं जे गावहिं।
सुख संपत्ति नानाविधि पावहिं।।’

(10) शत्रु नाश के लिए-
‘बयरू न कर काहू सन कोई।
रामप्रताप विषमता खोई।।’

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