
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, सूर्य का किसी राशि में प्रवेश संक्रांति कहलाता है और जब ग्रहों के राजा सूर्य वृश्चिक राशि से धनु राशि में प्रवेश करता है तो वह धनु संक्रांति कहलाता है, इसे धनु खरमास के नाम से भी जाना जाता है। खरमास 16 दिसंबर 2019 ( सोमवार ) से शुरू हो रहा है।
शास्त्रों के अनुसार खरमास में कुछ शुभ कार्य तक वर्जित माने जाते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस स्थिति में पूरे एक महीने तक सूर्य यहीं रहता है।
सूर्य देव का रथ खीचेंगे गधे
पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान सूर्यदेव सात घोड़ों के रथ पर सवार होकर लगातार ब्रह्मांड की परिक्रमा करते रहते हैं। एक बार उनके घोड़े लगातार चलने और विश्राम न मिलने के कारण भूख-प्यास से बहुत थक गए थे। भगवान सूर्यदेव उन्हें एक तालाब के किनारे ले गए, लेकिन उन्हें तभी यह भी आभास हुआ कि अगर रथ रूका तो अनर्थ हो जायेगा। यहां तालाब के किनारे दो गधे मौजूद थे।
यहां भगवान सूर्य देव घोड़ों को पानी पीने व विश्राम देने के लिए छोड़ देते हैं और गधों को अपने रथ में जोड़ लेते हैं। जिसके कारण रथ की गति धीमी हो जाती है, फिर भी जैसे तैसे एक मास का चक्र पूरा होता है। तब तक घोड़ों को भी विश्राम मिल चुका होता है, इस तरह यह क्रम चलता रहता है और हर सौर वर्ष में एक सौर मास खरमास कहलाता है। इस महीने सूर्य देवता के रथ को घोड़ों की जगह गधे खिंचते हैं। रथ की गति धीमी होने के कारण ही इस मास में अत्याधिक सर्दी भी पड़ती है।
इस माह में इन बातों का रखें ध्यान
खरमास के समय किसी से विवाद करने से बचना चाहिए और अपने गुरु और बड़ों का आदर करना चाहिए।
खरमास में नई चीजें जैसे नया घर, नई कार की खरीददारी भी नहीं करनी चाहिए।
खरमास के दौरान विवाह, सगाई, ग्रह-प्रवेश जैसे शुभ और मांगलिक कार्य नहीं करना चाहिए।
Published on:
16 Dec 2019 10:58 am
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