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संयम के कदम से मिलती है महाश्रमण बनने की राह: साध्वी उदितयशा

आचार्य महाश्रमण का दीक्षा दिवस मनाया

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बेंगलूरु. जैन श्वेताम्बर तेरापंथ सभा, ट्रस्ट राजराजेश्वरीनगर की ओर से राजराजेश्वरी नगर स्थित तेरापंथ सभा भवन में आचार्य महाश्रमण के संयम पर्याय के 50 वर्ष की संपन्नता पर साध्वी सिद्धप्रभा एवं साध्वी उदितयशा के सान्निध्य में दीक्षा कल्याण महोत्सव मनाया गया। महिला मंडल एवं कन्या मंडल ने महाश्रमण अष्टकम का संगान किया। तेरापंथ सभा, युवक परिषद एवं महिला मंडल ने सामूहिक गीत प्रस्तुत किया। ज्ञानशाला, कन्या मंडल एवं महिला मंडल ने अष्टकम पर आधारित जीवन के कुछ रोचक प्रसंगों की प्रस्तुति दी। साध्वीवृन्द ने गीत से भावाभिव्यक्ति की।

साध्वी संगीतप्रभा ने आचार्य महाश्रमण की उत्कृष्ट साधना के कुछ रोमांचित करने वाले प्रसंगों की चर्चा की। मुख्य अतिथि राज्यसभा सांसद लहर सिंह सिरोया ने जैन समाज में तेरापंथ का एक विशिष्ट स्थान बताते हुए आचार्य महाश्रमण को एक महान संत बताया। आचार्य महाश्रमण के साथ हुए वार्तालाप का भी जिक्र किया।

साध्वी उदितयशा ने कहा कि संयम से अपने आपको रूपांतरित करने की कोशिश करनेवाला ही महाश्रमण बन सकता है। आचार्य ने छोटी अवस्था में ही जीवन की दिशा को मोड़ने वाला निर्णय लिया। आज वे सब पर शासन कर रहे हैं क्योंकि पहले खुद को अनुशासित किया। वे सब पर राज करते हैं क्योंकि बचपन से ही उन्होंने अपनी इन्द्रियों और मन पर राज करना प्रारम्भ कर दिया। आज का दिन चिन्तन का दिन है। यह आयोजन हमारे प्रयोजन को सिद्ध करने वाला बने। इन्द्रिय संयम, वाणी संयम और रसना संयम का अभ्यास करें।

साध्वी सिद्धप्रभा ने कहा कि आज का दिन साध्वीप्रमुखा के चयन से भी जुड़ा है। जो साधक समय का अंकन करना जानता है वही सफलता को प्राप्त होता है। आचार्य का अनुशासन, अध्यात्म निष्ठा एवं श्रमनिष्ठा बेजोड़ है। इंद्रिय संयम से ही वे महातपस्वी बने। वे एक आज्ञाकारी शिष्य थे। जो आज्ञाकारी होता है वही सबका आराध्य बन सकता है।

तेरापंथी सभा के अध्यक्ष छतरसिंह सेठिया ने स्वागत किया। प्रथम अध्यक्ष कमलसिंह दुगड़ ने मुख्य अतिथि का परिचय दिया। मुख्य अतिथि, राजस्थान पत्रिका के संपादकीय प्रभारी जीवेन्द्र झा को साहित्य से सम्मानित किया गया।

ट्रस्ट अध्यक्ष मनोज डागा, सभा के मंत्री हेमराज सेठिया, तेयुप अध्यक्ष विकास छाजेड़, तेममं अध्यक्ष सुमन पटावरी ने कृतज्ञता ज्ञापित की। बेंगलूरु के तेरापंथ समाज की सभी संस्थाओं के पदाधिकारी एवं श्रावक समाज की उपस्थिति रही। सरोज आर बैद व गुलाब बांठिया ने संंयोजन किया। आभार ट्रस्ट के मंत्री विक्रम महेर ने जताया।