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रक्षाबंधन पर प्रथम पूज्य देव को इस बार बांधी जाएगी ‘राफेल’ की राखी

देश के पहले देवता जिन्हें बांधी जाती है 51 फीट की राखी...

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The rakhi of 'Rafale' will be tied to this hindu god

The rakhi of 'Rafale' will be tied to this hindu god

भारत चीन सीमा तनाव के बीच एक ओर जहां अपनी हवाई सीमाओं की सुरक्षा को चाक-चौबंद करने की दिशा में बुधवार को भारत उस समय एक कदम और आगे बढ़ गया जब रूस से सुखोई विमानों की खरीद के करीब 23 साल बाद, नये और अत्याधुनिक पांच राफेल लड़ाकू विमानों का बेड़ा फ्रांस से 29 जुलाई, बुधवार को देश के सामरिक रूप से महत्वपूर्ण अंबाला एयर बेस पर पहुंच गया।

वहीं इस बार भगवान बड़े गणेश ( उज्जैन ) की कलाई पर रक्षाबंधन पर "राफेल" की राखी बांधी जाएगी। 51 फीट चौड़ाई की इस राखी में अखंड भारत के नक्शे के साथ लड़ाकू विमान राफेल का चित्र भी नजर आएगा। दोपहर 12 बजे अभिजीत मुहूर्त में राष्ट्र रक्षा के लिए अनुष्ठान भी होगा।

बताया जाता है यहां बाल गंगाधर तिलक के गणेशोत्सव से प्रभावित होकर पं. नारायणजी व्यास ने बड़े गणेश की स्थापना की थी। उस दौरान स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए मंदिर में सतत्‌ अनुष्ठान भी किया जाता था। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी यहां आश्रय प्राप्त करते थे।

स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद देश में खुशहाली व सुख-समृद्धि के लिए भी यहां अनुष्ठान किया जाता रहा है। भारत अध्यात्मिकता के साथ सामरिक दृष्टि से भी विश्व में अग्रणि पंक्ति का राष्ट्र बने इसी कामना से रक्षाबंधन पर भगवान बड़े गणेश को राफेल की राखी बांधी जाएगी। संभवत बड़े गणेश देश के पहले देवता हैं, जिन्हें 51 फीट की राखी बांधी जाती है। इस बार विशेष राखी में भारत के नक्शे के साथ राफेल लड़ाकू विमान भी नजर आएगा।

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देश- विदेश से आ रही राखियां
देश, विदेश में रहने वाली कई महिलाएं भगवान गणेश को अपना भाई मानती हैं। वे प्रतिवर्ष भगवान गणेश के लिए राखी भेजती हैं। बताया जाता है कि इस बार देश विदेश में रहने वाली बहनों ने राखी भेज दी हैं। वहीं कुछ विदेशों में रहने वाली बहनें कोरोना के चलते राखी नहीं भेज पाईं। उन्होंने उज्जैन से ही राखी खरीदकर उनकी ओर से भगवान को बांधने का अनुग्रह किया है।

रक्षाबंधन पर ये खास योग
रक्षाबंधन पर तीन अगस्त को सर्वार्थसिद्धि के साथ आयुष्मान योग रहेगा। साथ ही श्रावण नक्षत्र की साक्षी पर्व की शुभता को और बढ़ाएगी। ज्योतिष के जानकारों के अनुसार शुभ नक्षत्र व योगों की साक्षी में भगवान श्रवण देवता का पूजन और भाई की कलाई पर राखी बांधने से भाई बहन की दीर्घायु व परिवार में सुख समृद्धि रहेगी। सुबह 10.30 बजे से रात्रि 8.33 तक राखी बांधने के विशेष शुभ मुहूर्त है। दोपहर 3 से शाम 6 बजे तक शुभ व अमृत के चौघड़िए विशेष हैं।