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Pushya Nakshatra 2022- पुष्य नक्षत्र का बना शुभ संयोग, दिन जो खरीदारी के लिए उत्तम

Pushya Nakshatra 2022: पंचांग (Panchang Today) के अनुसार मंगलवार, 18 अक्टूबर 2022 को पुष्य नक्षत्र रहेगा।- कार, बाइक, गोल्ड खरीदने के लिए अति विशेष है दिन

Oct 18, 2022 / 04:20 pm

दीपेश तिवारी

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Pushya Nakshatra 2022: धनतेरस (Dhanteras 2022) और दिवाली (Diwali 2022) से पहले आज मंगलवार, 18 अक्टूबर 2022 को खरीदारी का एक विशेष संयोग बना है। पंचांग (Todays Panchang) के मुताबिक मंगलवार, 18 अक्टूबर 2022 को कार्तिक मास (Kartik 2022) के कृष्ण पक्ष की अष्टमी की तिथि पर पुष्य नक्षत्र का शुभ संयोग बना हुआ है। पौराणिक ग्रंथों में पुष्य नक्षत्र को अत्यंत शुभ माना गया है, साथ ही इसे सभी नक्षत्रों का अधिपति भी कहा गया है।
शुभ कार्य करने के लिए पुष्य नक्षत्र सबसे शुभ नक्षत्र माना जाता है। इस नक्षत्र के संंबंध में मान्यता है कि शुभ कार्य करने के लिए इस नक्षत्र में पंचांग देखने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। इसी कारण लोग शुभ कार्य के लिए पुष्य नक्षत्र का इंतजार करते हैं। ऐसे में 18 अक्टूबर 2022, मंगलवार पंचांग के अनुसार सिद्ध योग का भी अति शुभ संयोग बन रहा है।

पुष्य नक्षत्र का महत्व (Pushya Nakshatra Importance)
पुष्य नक्षत्र को पौराणिक ग्रंथों में पोषण करने वाला और शक्ति प्रदान करने वाला माना गया है। पुष्य को ऋग्वेद में तिष्य अर्थात शुभ या मांगलिक तारा कहते हैं। वैदिक ज्योतिष (Vedic Jyotish)के अनुसार गाय के थन को पुष्य नक्षत्र का प्रतीक चिन्ह माना जाता है तथा ये प्रतीक चिन्ह भी हमें पुष्य नक्षत्र के स्वभाव के बारे में बहुत कुछ बताता है।

पुष्य नक्षत्र का स्वामी शनि ग्रह है जबकि अधिष्ठाता बृहस्पति हैं। और यह कर्क राशि के अंतर्गत आता है। वहीं 18 अक्टूबर 2022, मंगलवार को चंद्रमा कर्क राशि में गोचर कर रहा है। कुछ वैदिक ज्योतिषियों द्वारा पुष्य को तिष्य नक्षत्र भी कहा गया है। तिष्य शब्द का अर्थ है शुभ होना तथा यह अर्थ भी पुष्य नक्षत्र को शुभता ही प्रदान करता है। पुष्य को नक्षत्रों का राजा भी कहते हैं। माना जाता है कि पुष्य नक्षत्र की साक्षी से किए गए कार्य हमेशा सफल होते हैं।

तुला राशि में शुक्र गोचर (Shukra Gochar 2022)
ज्योतिषीय गणना के अनुसार आज मंगलवार को एक विशेष खगोलीय घटना भी घटित हो रही है। इस दिन लग्जरी लाइफ के कारक शुक्र अपने ही आधिपत्य वाली राशि यानि तुला राशि में प्रवेश कर रहे हैं। ज्ञात हो जब कोई ग्रह अपने घर या अपनी ही राशि में गोचर करता है तो ये शुभ माना जाता है।
पुष्य नक्षत्र (Pushya Nakshatra) में इनकी करें खरीदारी-
गुरु पुष्य नक्षत्र को खरीदारी के मान्यता है कि इन चीजों की खरीदारी शुभ रहती है। ऐसे में यह दिन सोना, चांदी,वाहन,भवन,भूमि,आभूषण,इलेक्ट्रानिक्स आइटम,लकड़ी,लोहे का फर्नीचर, कृषि से जुड़ी चीजों की खरीदारी के लिए उत्तम माना जाता है।
इसके साथ ही पुष्य नक्षत्र को निवेश के लिए भी शुभ फलदायी माना गया है। ऐसे में इस नक्षत्र में पॉलिसी, इंश्योरेंस प्लान्स,म्यूचल फंड और शेयर बाजार आदि में भी किसी जानकार से सलाह लेकर धन का निवेश कर सकते हैं।
ऐसे समझें पुष्य नक्षत्र (Pushya Nakshatra) का महत्व:
पाणिनी संहिता में लिखा है- पुष्य सिद्धौ नक्षत्रे,सिध्यन्ति अस्मिन् सर्वाणि कार्याणि सिध्यः। पुष्यन्ति अस्मिन् सर्वाणि कार्याणि इति पुष्य।।
अर्थात पुष्य नक्षत्र में शुरू किए गए सभी कार्य पुष्टि दायक, सर्वार्थसिद्ध होते ही हैं, निश्चय ही फलीभूत होते हैं।

गुरु पुष्‍य नक्षत्र मुहूर्त (Pushya Nakshatra Muhurat 2022)-

ब्रह्म मुहूर्त- प्रात: 04:43 से प्रात: 05:33 तक
प्रातः सन्ध्या- प्रात:05:08 से प्रात: 06:23 तक
अभिजीत मुहूर्त- प्रात: 11:43 से दोपहर 12:29 तक
विजय मुहूर्त- दोपहर 02:00 से दोपहर 02:46 तक
गोधूलि मुहूर्त- दोपहर 05:37 से शाम 06:01 तक
सायाह्न सन्ध्या- शाम 05:49 से रात्रि 07:04 तक
अमृत काल- रात्रि 12:53, 19 अक्टूबर 2022 से प्रात: 02:40 तक (19 अक्टूबर 2022)
निशिता मुहूर्त-रात्रि 11:41 से रात्रि 12:32 (19 अक्टूबर 2022)


22 अक्टूबर व 23 अक्टूबर के शुभ मुहूर्त :

22 अक्टूबर 2022, शनिवार के शुभ मुहूर्त-
शुभ विक्रम संवत्-2079, शक संवत्-1944, हिजरी सन्-1443, ईस्वी सन्-2022
संवत्सर नाम-राक्षस,अयन-दक्षिणायण,मास-कार्तिक, पक्ष-कृष्ण,ऋतु-शरद,वार-शनिवार,तिथि (सूर्योदयकालीन)-द्वादशी,नक्षत्र (सूर्योदयकालीन)-पूर्वाफाल्गुनी, योग (सूर्योदयकालीन)-ब्रह्म,करण (सूर्योदयकालीन)-तैतिल,
लग्न (सूर्योदयकालीन)-तुला,
शुभ समय-प्रात: 7:35 से 9:11, 1:57 से 5:08 बजे तक,
राहुकाल-प्रात: 9:00 से 10:30 तक,
दिशा शूल-पूर्व,
योगिनी वास-नैऋत्य,
गुरु तारा-उदित,
शुक्र तारा-अस्त,
चंद्र स्थिति-कन्या,
व्रत/मुहूर्त-सर्वार्थसिद्धि योग/अमृत योग/प्रदोष व्रत/धनतेरस/यम दीपदान/हेमन्त ऋतु प्रारंभ,
यात्रा शकुन-शर्करा मिश्रित दही खाकर घर से निकलें।
आज का मंत्र-ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनयै नम:।
आज का उपाय-धनवन्तरी कलश की स्थापना कर चांदी क्रय करें।
वनस्पति तंत्र उपाय-शमी के वृक्ष में जल चढ़ाएं।

23 अक्टूबर 2022, रविवार के शुभ मुहूर्त-
शुभ विक्रम संवत्-2079, शक संवत्-1944, हिजरी सन्-1443, ईस्वी सन्-2022,संवत्सर नाम-राक्षस, अयन-दक्षिणायण,मास-कार्तिक,पक्ष-कृष्ण,ऋतु-हेमन्त
वार-रविवार,
तिथि (सूर्योदयकालीन)-त्रयोदशी,
नक्षत्र (सूर्योदयकालीन)-उत्तराफाल्गुनी,
योग (सूर्योदयकालीन)-ऐंन्द्र,
करण (सूर्योदयकालीन)-वणिज,
लग्न (सूर्योदयकालीन)-तुला,
शुभ समय-9:11 से 12:21, 1:56 से 3:32,
राहुकाल- सायं 4:30 से 6:00 बजे तक,
दिशा शूल-पश्चिम,
योगिनी वास-दक्षिण,
गुरु तारा-उदित,
शुक्र तारा-अस्त,
चंद्र स्थिति-कन्या,
व्रत/मुहूर्त-भद्रा/नरक चतुर्दशी,
यात्रा शकुन-इलायची खाकर यात्रा प्रारंभ करें।
आज का मंत्र-ॐ घृणि: सूर्याय नम:।
आज का उपाय-घर के बाहर चौमुखा दीपक प्रज्ज्वलित करें।
वनस्पति तंत्र उपाय-बेल के वृक्ष में जल चढ़ाएं।

(पंचांग भेद होने की स्थिति में बदलाव हो सकता है।)

धनतेरस 2022 खरीदारी मुहूर्त (Dhanteras 2022 Shopping Muhurat) :
धनतरेस इस बार 22 अक्टूबर 2022 को शाम 06.03 बजे से शुरु होगी और त्रयोदशी तिथि का समापन 23 अक्टूबर 2022 को शाम 06.04 बजे होगा। ऐसे में खरीदारी के लिए दोनों दिन शुभ मुहूर्त है।
धनतेरस पर सोना-चांदी खरीदने का मुहूर्त – 22 अक्टूबर 2022, शाम 06.02 – 23 अक्टूबर 2022, शाम 06.03 ए एम, अक्टूबर 23

अवधि – 24 घंटे

सर्वार्थ सिद्धि योग में खरीदारी – धनतेरस के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का बनना सोने पे सुहागा जैसा है. इस योग में पूजा पाठ, शुभ कार्य और खरीदारी कई गुना वृद्धि प्रदान करती है. अपने नाम स्वरूप इसमें सभी सिद्धियां विद्यमान होती हैं. सर्वार्थ सिद्धि योग 23 अक्टूबर 2022 को पूरे दिनभर रहेगा.
धनतरेस पर क्या-क्या खरीदें:
धनतेरस के दिन धातु से बनी चीजें जैसे सोना, चांदी, तांबा, पीतल की वस्तुएं खरीदना बेहद शुभ होता है। इस दिन बर्तन खरीदने की परंपरा सालों से चली आ रही है। कहते हैं धनत्रयोदशी पर भगवान धनवंतरी हाथ में अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। शुभ मुहूर्त में इनकी खरीदारी से मां लक्ष्मी स्थायी रूप से घर में निवास करती हैं साथ ही कुबेर देवता प्रसन्न होकर जातक पर धन की वर्षा करते हैं और भगवान धनवंतरी की कृपा से आरोग्य का वरदान मिलता है।

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