
बिना रजिस्टर्ड 150 पैथोलॉजी लैब संचालित, मरीजों के स्वास्थ्य से खिलवाड़
धौलपुर. जिले में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से अनाधिकृत पैथोलाजी लैब को मरीजों के साथ कथित लूट का खुला सेंटर बन चुकी हैं। हाल ये है कि इनकी जांच रिपोर्ट भी रामभरोसे है। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में ये लैब जमकर चांदी कूट रहे हैं। ये सीधे तौर पर मरीजों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रही हैं। जबकि अधिकृत लैब और बड़े शहरों की पंजीकृत लैबों में जांच होने पर हकीकत कुछ अलग ही निकल कर आती है। हालत ये है कि पड़ोसी आगरा जैसे महानगर में स्थानीय लैबों की जांच रिपोर्ट तो चिकित्सक देखता तक नहीं है।'
विशेष बात ये है कि शिकायतों के बाद भी इन लैबों पर स्वास्थ्य विभाग कार्रवाई तक करना उचित नहीं समझता। इस समय बुखार के मरीजों से डेंगू के नाम पर जमकर राशि वसूली जा रही है। ये डेंगू की रिपोर्ट भी नहीं देते और मरीज के परिजन को चिंता में और डाल देते हैं। जिससे वह आनन-फानन में इधर-उधर भटकता रहता है। स्वास्थ्य विभाग की कथित मेहरबानी से अनाधिकृत पैथोलाजी लैब का संचालन धड़ल्ले से हो रहा है। जिले में एक अनुमानित आंकड़े के अनुसार करीब 150 लैब बिना किसी पंजीकरण के संचालित हैं। जबकि स्वास्थ्य विभाग की खुद की करीब 17 पैथोलाजी लैब संचालित हैं। जिले में लैब रजिस्ट्रेशन और नियम-कानून के बिना चल रही हैं। इन लैबों पर नौसिखिए युवक टेस्टिग कर रहे हैं। जिन्हें केवल रक्त निकालना और एवरेज रिपोर्ट का प्रिंट निकालना आता है। कार्रवाई नहीं होने से इस तरह की लैबों की संख्या लगातार बढ़ रही है। दो साल पहले कुछ लैब को सील करने की कार्रवाई हुई थी लेकिन फिर एक-एक करके ये वापस खुल गईं।
दो साल से नहीं लैबों पर जांच व कार्रवाई
स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई कार्रवाई न किए जाने के कारण संचालित लैबों के पास हल्की फुल्की जांच सुविधा के अलावा अन्य जांचों के लिए मशीनें तक नहीं हैं। यह विभाग की ही अनदेखी है जो जिले में कथित फर्जी संचालित ऐसी पौथोलाजी लैबों पर शिंकजा नहीं कस पा रही है। सूत्रों की मानें तो विभाग की ओर से दो वर्ष पूर्व 2021 में शहर में दो-तीन संचालित पैथोलाजी कर कार्रवाई हुई थी। उसके बाद से कोई कार्रवाई नहीं हुई।
स्वास्थ्य विभाग के मोबाइल गु्रप में 45 लैब
स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिले की पैथोलाजी लैबों के संचालकों के लिए एक गु्रप बनाया रखा है। जिसमें 45 से अधिक लैब संचालक जुड़े है। लेकिन खास बात तो ये है कि वर्तमान में केवल 17 लैब ही विभाग के पास पंजीकृत हैं। बाकि बिना रजिस्ट्रेशन के विभागीय अधिकारियों की मेहरबानी में फलफूल रही हैं। जो डेंगू की जांच प्रतिदिन कर रही है। जबकि स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू के मरीजों के एलाइजा जांच कराने के निर्देश दिए हंै।
निजी अस्पताल का निरीक्षण कर जांचे थे अभिलेख
गौरतलब रहे कि पत्रिका ने गतमार्च में जिले में संचालित बिना रजिस्ट्रेशन तथा चिकित्सक के संचालित हो रहे नर्सिंग होम व अस्पताल को लेकर खबर प्रकाशित की थी। जिसके बाद जिला कलक्टर ने सीएमएचओ से नाराजगी जताते हुए निर्देश दिए थे। निर्देश मिलने पर निजी अस्पतालों की जांच की गई थी। तो कई अस्पातल में चिकित्सक नहीं मिले तो वहीं कुल निजी अस्पताल बंद मिले। जो खुले मिले तो उनके अभिलेख जांच कर नोटिस थमा दिया था। लेकिन उसके बाद कुछ नहीं हुआ। जांच ठण्डे बस्ते में पड़ी धूल खा रही है और उक्त अस्पताल धड़ल्ले से संचालित हैं।
जिले लैबों की स्थिति
जिले में पंजीकृत लैब 17
कलेक्शन सेंटर 22
बिना पंजीकृत कुल लैब संचालित 140
- जिले में बिना पंजीकृत पैथोलॉजी लैब संचालक बुखार की जांच कर रहे हंै। ये डेंगू की रिपोर्ट नहीं बनाकर देते हैं। मरीजों को डेंगू बता देते हैं। जिससे वह असमंजस में रहता है। मरीजों से अधिक राशि वसूलने की शिकायत मिली हैं। इसकी जांच करा कार्रवाई की जाएगी।
- डॉ.जयंती लाल मीणा, सीएमएचओ धौलपुर
Published on:
13 Sept 2023 06:32 pm
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