धौलपुर

धौलपुर में सैंडस्टोन की रॉयल्टी दरों में 30 प्रतिशत का इजाफा

करौली में फर्शी व छत पत्थर की वैरायटी समानदोनों जिलों में रॉयल्टी की दरें अलग-अलगसरमथुरा. राजस्थान सरकार ने राज्य में खनिज रॉयल्टी दरों में बड़ी बढ़ोत्तरी करते हुए धौलपुर के सैंडस्टोन व्यवसाय को खत्म करने के कगार पर पहुंचा दिया है। सरकार ने धौलपुर के सैंडस्टोन पर ब्लॉक की दरों में 30 प्रतिशत का इजाफा किया है। जिसे अब 240 रुपए प्रति टन से बढ़ाकर 320 रुपए प्रति टन कर दिया है।

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अब ब्लॉक पर 240 की जगह 320 रुपए प्रति टन चुकानी पड़ेगी रॉयल्टी

धौलपुर, करौली में फर्शी व छत पत्थर की वैरायटी समानदोनों जिलों में रॉयल्टी की दरें अलग-अलगसरमथुरा. राजस्थान सरकार ने राज्य में खनिज रॉयल्टी दरों में बड़ी बढ़ोत्तरी करते हुए धौलपुर के सैंडस्टोन व्यवसाय को खत्म करने के कगार पर पहुंचा दिया है। सरकार ने धौलपुर के सैंडस्टोन पर ब्लॉक की दरों में 30 प्रतिशत का इजाफा किया है। जिसे अब 240 रुपए प्रति टन से बढ़ाकर 320 रुपए प्रति टन कर दिया है। वहीं खुरदरे पत्थर, फर्शी व छत पत्थर की रॉयल्टी की दरें 220 रुपए प्रति टन की है। जो पहले की तुलना में 50 रुपए प्रति टन अधिक है।

सबसे गंभीर बात तो यह है कि सरकार ने धौलपुर, करौली दोनों जिलों में ब्लॉक की दर समान है, लेकिन फर्शी और छत के पत्थर की रॉयल्टी दरों में 40 रुपए प्रति टन का डिफरेंस रखा है, जबकि व्यापारियों ने तर्क है कि दोनों जिलों में सैण्डस्टोन की वैरायटी एक ही है। खनन उद्योग से जुड़े संगठनों ने सरकार के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए नाराजग़ी जताई है और इसे अचानक व्यापार विरोधी कदम बताया है। धौलपुर के पत्थर उद्यमियों ने सरकार की नीतियों का विरोध करते हुए धौलपुर के खनन व्यवसायियों के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया है। उद्यमी मुन्नालाल मंगल बौ.योगेश शर्मा, सतीश गर्ग आदि ने बताया कि सरकार ने धौलपुर में सैण्डस्टोन की रॉयल्टी दरों में 30 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की है। सरकार धौलपुर के पत्थर उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कोई प्रयास तो नहीं कर रही है, बल्कि पत्थर उद्योग को खत्म करने में जुट गई है। उन्होंने बताया कि रॉयल्टी की कीमतों में इजाफा होने से निर्माण कार्यों की लागत में इजाफा होना तय है। वहीं खनन लागत में बढ़ोत्तरी से व्यापार पर असर पडऩा स्वाभाविक है। इसके साथ ही ट्रांसपोर्ट व निर्माण सेक्टर में दबाव बढ़ेगा वहीं आम जनता पर महंगाई का असर पड़ेगा।

डीएमएफटी और आरएसएमएफटी में भी बढ़ोतरी तय

सरकार व्यापारियों से रॉयल्टी के साथ-साथ रॉयल्टी की कीमत पर 10 प्रतिशत डीएमएफटी (जिला मिनरल फाउंडेशन ट्रस्ट) और 2 प्रतिशत आरएसएमएफटी (राजस्थान राज्य मिनरल फाउंडेशन ट्रस्ट) की राशि वसूल करती है। रॉयल्टी में हुई इस वृद्धि के अनुपात में ही डीएमएफटी और आरएसएमएफटी में भी बढ़ोत्तरी होना तय है। नई रॉयल्टी की दरों के अनुसार व्यापारियों को सेंडस्टोन ब्लॉक पर 358.40 रुपए प्रति टन के हिसाब से रॉयल्टी चुकानी होगी। इसका सीधा असर खनन कारोबार की लागत और अंतिम उत्पाद की कीमतों पर पड़ेगा।

धौलपुर के पत्थर व्यवसाय पर सबसे अधिक पड़ेगा असर

वैसे सरकार की नीतियों के कारण धौलपुर का पत्थर उद्योग दो माह से बदहाली के दौर से गुजर रहा है। सरकार ने रॉयल्टी की दरें बढ़ाकर कसर पूरी कर दी है। पत्थर उद्यमियों का दर्द यह है कि धौलपुर का पत्थर उद्योग धीरे-धीरे पड़ोसी जिले व प्रदेश में शिफ्ट हो जाएगा। पत्थर उद्यमियों ने तर्क देते हुए कहा कि पड़ोसी जिले में रॉयल्टी की दर धौलपुर से कम है वहीं पड़ोसी उत्तरप्रदेश के जगनेर व तातपुर की सीमा धौलपुर से लगती है, जबकि उत्तरप्रदेश में सैण्डस्टोन पर रॉयल्टी का प्रावधान ही नहीं है।

Updated on:
25 Jul 2025 06:43 pm
Published on:
25 Jul 2025 06:42 pm
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