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825 करोड़ और 8 साल तब भी अधूरी चंबल लिफ्ट सिंचाई परियोजना

- 2.5 साल में पूर्ण करना था योजना का कार्य लेकिन अभी तक नहीं हुआ - चंबल स्थित पंप हाउस का काम अधूरा, कई जगह बिछने हैं पाइप

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825 करोड़ और 8 साल तब भी अधूरी चंबल लिफ्ट सिंचाई परियोजना 825 crores and 8 years still incomplete Chambal Lift Irrigation Project

- 2.5 साल में पूर्ण करना था योजना का कार्य लेकिन अभी तक नहीं हुआ

- चंबल स्थित पंप हाउस का काम अधूरा, कई जगह बिछने हैं पाइप

भगवती प्रसाद तिवारी

धौलपुर. किसानों के विकास के लिए पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार में 852 करोड़ की लागत से शुरू की महत्वपूर्ण लिफ्ट सिंचाई एवं पेयजल परियोजना सिंचाई विभाग और केवीपीआर कंपनी की उदासीनता का शिकार हो रही है। क्योंकि यह योजना 2018 में लांच की गई थी। जिसके 8 साल बाद भी परियोजना का कार्य अधूरा पड़ा है। इस परियोजना के शुरू होने के बाद धौलपुर सहित 4 तहसील मनिया, राजाखेड़ा और सैपऊ सहित 234 से अधिक गांवों में सिंचाई के लिए चंबल नदी का भरपूर पानी पहुंचेगा। वह पूरे साल फसल लगा पाएंगे। जिससे उनकी आय भी बढ़ेगी। लेकिन ऐसा होता अभी दिख नहीं रहा। क्यूंकि संबंधित कंपनी को इस परियोजना का कार्य 2020 में पूरा करना था लेकिन कंपनी और विभाग के कछुआ चाल के कारण कार्य अभी तक अधर पर लटका हुआ है।सिंचाई विभाग और हैदराबाद की डीवीपीआर कंपनी की उदासीनता किसानों पर भारी पड़ रही है। कंपनी के शनै-शनै कार्य के कारण जिला सहित 3 तहसीलों के किसान पानी के लिए तरस रहे हैं। लिफ्ट परियोजना से संचित चंबल के पानी से जिले के लोगों की भी प्यास बुझेगी। भूगर्भ जल स्तर में तो बढ़ोत्तरी होगी। साथ ही जिले में हर साल गहराने वाले पेयजल संकट से भी जनता को लाभ मिलेगा। लेकिन अभी भी किसानों को इस परियोजना का लाभ नहीं मिल सका है।

विभाग और कंपनी की उदासीनता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि योजना के प्रारंभ हुए 8 साल हो जाने के बाद भी अभी तक चंबल किनारे बन रहा पंप हाउस भी आधा-अधूरा ही बन पाया है। अभी तक नदी से पानी लिफ्ट करने के लिए पंप के पिलर तक ही तैयार नहीं हो पाए हैं। वहीं राजाखेड़ा, मनियां और सैंपऊ पाइप लाइनों को पम्प हाउस से ही नहीं जोड़ पाया गया है। राजाखेड़ा इलाके में खेतों की सिंचाई के लिए 48 डिक्की बनानी थी जिसमें से अभी तक 20 ही डिक्की ही तैयार हो पाई हैं। वहीं 7 डिक्की के लिए किसानों से जगह तक अधिग्रहण नहीं हो पाई है। तो वहीं इन क्षेत्रों में छोटी पाइप लाइनों को भी नहीं जोड़ा गया है।

150 किमी पाइप लाइन नहीं बिछीं

परियोजना के दौरान धौलपुर सहित 3 तहसीलों राजाखेड़ा,मनियां और सैंपऊ में पानी पहुंचाने के लिए लगभग 1600 किमी पाइप लाइन बिछानी थीं। जिसमें से अधिकांश जगह पाइप लाइन बिछा दी गई हैं। लेकिन अभी भी कई जगह पाइप लाइन बिछाने का कार्य अधूरा है। 150 किमी का क्षेत्र ऐसा है जहां कंपनी अभी भी पाइप लाइन नहीं बिछा पाई है। जिस कारण यह परियोजना साल दर साल लेट होती जा रही है। जिसका खामिया इन क्षेत्रों के मासूम किसानों को उठाना पड़ रहा है।

मानसून नजदीक पर कैसे होगा काम

विभाग का दावा है कि कार्य में तेजी लाते हुए इस परियोजना को इस साल के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा। लेकिन कैसे? क्यूंकि मौजूदा समय में परियोजना का काफी कार्य अधूरा पड़ा है। यहां तक की पम्प हाउस का निर्माण भी पूर्ण नहीं हो पाया है। तो वहीं कई क्षेत्रों में पाइप लाइन तक नहीं बिछ पाई हैं। और सबसे बड़ी बात मानूसन भी सिर पर है। जिस कारण बरसात के दिनों में कार्य करने में परेशानी तो खड़ी होगी ही। वहीं बताया जा रहा है कि कुछ जगह पाइन लाइन बिछाने के लिए जमीन का अधिग्रण तक नहीं हो पाया है।

किसान संगठन बना क्षेत्र की आवाज

राजाखेड़ा के लाखों किसानों का सिंचाई के पानी की आस साल दर साल सपना बनती जा रही है। किसान चंबल लिफ्ट परियोजना को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। सरकारी तंत्र प्रगति अच्छी बता कर उन्हें गुमराह कर रहा है। लेकिन सच ये है कि जिस गति से कार्य चल रहा है उस गति से तो ये 10 साल में भी पूरा नहीं हो पाएगा। पानी को लेकर धौलपुर और राजाखेड़ा के किसान बीते कई सालों से पीने एवं सिंचाई के पानी के लिए भारी परेशान हैं। किसान संगठन के अध्यक्ष हरिओम शर्मा ने सिंचाई विभाग और कंपनी की कार्यशैली पर प्रश्न खड़ा करते हुए कहा कि इस परियोजना को 8 साल हो चुके हैं लेकिन जिम्मेदारों की उदासीनता हम किसानों पर भारी पड़ रही है। ङ्क्षसचाई के लिए पानी को लेकर संगठन कई बार आंदोलन कर चुका है। यहां तक कलक्टर और मुख्यमंत्री तक को इस मामले से ज्ञापन सौंपअवगत करा दिया गया है। लेकिन अभी भी मामला जस का तस बना हुआ है। जब स्थानीय राजाखेड़ा विधायक को ज्ञापन के जरिए इस मामले से अवगत कराया जाता है और जल्द से जल्द कार्य को पूर्ण कराने की मांग की जाती है तो विधायक हमारा ज्ञापन तक नहीं स्वीकारते। लगता है नेताओं से लेकर शासन तक को किसानों की चिंता नहीं है।

आंकड़ों में परियोजनायोजना की लागत: 782 करोड़

कितनी तहसील: 03

कितने गांव: 234 से ज्यादा

धौलपुर के गांव: 114 गांव

राजाखेड़ा के गांव: 62 गांव

नहर की लंबाई: 355 किमी

- कार्य अपनी समय सीमा पर ही चल रहा है। केवल 2 साल ही परियोजना को पूर्ण होने में विलंब हुआ है। कोरोना के कारण कई समय तक कार्य बंद रहा। लेकिन अब परियोजना के कार्य में तेजी लाई गई है। इस साल के अंत तक परियोजना के कार्य को पूर्ण करा लिया जाएगा।

- सुरेश चंद मीना,अधीक्षण अभियंता, सिंचाई विभाग धौलपुर