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धौन्ध के जंगल से एक हाइड्रा मशीन एवं ट्रैक्टर ट्रॉली की जब्त

आंगई थाना पुलिस ने डीएसटी के साथ अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए छापेमार कार्रवाई करते हुए धौन्ध के जंगल से अवैध खनन में संलिप्त वाहनों को जब्त किया हैं। पुलिस ने एक हाइड्रा मशीन एवं एक ट्रैक्टर ट्रॉली को जब्त कर वन अधिनियम के तहत कार्रवाई की हैं।

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धौन्ध के जंगल से एक हाइड्रा मशीन एवं ट्रैक्टर ट्रॉली की जब्त A hydra machine and tractor trolley were seized from the forest of Dhoundh

-खनिज के अवैध परिवहन से सरकार को प्रतिदिन 5 लाख का नुकसान

dholpur, सरमथुरा. जिले में अवैध खनन रोकने में खनिज विभाग विफल होने के बाद अवैध खनन के खिलाफ पुलिस ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया हैं। आंगई थाना पुलिस ने डीएसटी के साथ अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए छापेमार कार्रवाई करते हुए धौन्ध के जंगल से अवैध खनन में संलिप्त वाहनों को जब्त किया हैं। पुलिस ने एक हाइड्रा मशीन एवं एक ट्रैक्टर ट्रॉली को जब्त कर वन अधिनियम के तहत कार्रवाई की हैं। थाना प्रभारी संतोष शर्मा ने बताया कि मुखबिर से सूचना मिली कि धौंध क्षेत्र में चोरी छुपे मशीनों द्वारा बड़ी मात्रा में अवैध खनन का कार्य किया जा रहा है। सूचना के आधार पर आंगई पुलिस एवं डीएसटी टीम ने उक्त स्थान पर छापेमार कार्रवाई करते हुए अवैध पत्थर खनन कार्य मे संलिप्त एक हाइड्रा मशीन एवं अवैध पत्थर ब्लॉक से भरी एक ट्रैक्टर ट्रॉली को जब्त किया गया। पुलिस ने वाहनों को जब्त कर थाना परिसर में सुरक्षित खड़ा किया हैं। पुलिस ने कार्रवाई के दौरान दो खनन माफियाओं को भी गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ फॉरेस्ट एक्ट एवं एमएम आरडी एक्ट में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी हैं।

- अवैध परिवहन रोकने में खनिज विभाग की दिलचस्पी नही

जिले में पत्थर खनिज की रॉयल्टी से सरकार को प्रतिदिन छह लाख से अधिक का राजस्व मिलता था. परन्तु पिछले 10 दिन में यह आंकड़ा महज 30 से 40 हजार पर आ गया हैं। रेवेन्यू गिरने के बाद भी खनिज विभाग के अधिकारी खनिज का अवैध परिवहन रोकने में विफल हैं। जबकि सरमथुरा से प्रतिदिन पत्थर से लदे सैकड़ों वाहन फर्जी ई-वे बिलो से खनिज का परिवहन कर रहे हैं। माफियाओं द्वारा खनिज विभाग की कार्रवाई से बचने के लिए बसेड़ी व सैपऊ होते हुए वाहनों को निकाला जा रहा हैं। खनिज की अवैध निकासी में जगनेर, तांतपुर व आगरा के माफियाओं द्वारा अंजाम दिया जा रहा हैं। फिर भी खनिज विभाग के अधिकारी गहरी नींद में सोये हुए हैं।