होम आइसोलेशन के टीम गठित होम आइसोलेशन के बारे में निर्देश देते हुए कहा कि मरीजों को घरों में आइसोलेट करने के लिए चिकित्सकों की टीम गठित कर दी गई है। जो ये देखेंगें कि उसे घर में रखा जाए या कोविड केयर सेंटर में। उसके बाद घर में ही अगर उपचार के लिए चिकित्सकों की टीम प्रस्तावित करती है तो आंगनबाड़ी एवं एएनएम की जिम्मेदारी होगी, कि वह यह देखे की मरीज के लिए उसके घर में अतिरिक्त हवादार कमरा मय टायलेट, वहां की जलवायु, उसके लिए अलग से संसाधनों की व्यवस्था, पड़ौसियों का व्यवहार, आवागमन की सुविधाए फोन या मोबाइल की सुविधा एवं जनसंख्या की सघनता आदि की जांच कर ही चयन करेंगी। अगर कोरोना पोजेटिव मरीज स्वयं या उसके परिवार को कोई सदस्य हाई रिस्क में है तथा उपर्युक्त सुविधाओं का अभाव है तो उसकी देखभाल कोविड केयर सेंटर में ही की जाए। कहा कि होम आइसोलेशन में मरीज का सिमटोमेटिक होने, दिए गए निर्देशों की पालना नहीं करने, सम्बन्धित चिकित्सक की अनुशंसा और सामुदायिक संक्रमण की संभावना पर उसकी होम आइसोलेशन समाप्त कर कोविड केयर सेंटर में रखा जाए।
बैठक में ही की मरीज से बातचीत बैठक के दौरान ही उन्होंने मरीजों के बारे में चिकित्सा अधिकारियों से जानकारी ली तो उन्होंने एक मरीज से मोबाइल पर बात की तथा उसके बारे में हालचाल जाने। देखभाल के लिए लगाई गई टीम के बारे में जब उन्होंने ये सुना कि टीम कभी-कभी आती है तो उन्होंने कहा कि आप प्रतिदिन मुझे शाम को बताएंगें कि तबियत कैसी है व कोई आया या नहीं। फोन के बाद उन्होंने तुरंत सम्बन्धित टीमों से बात की और चेतावनी दी कि अगर भविष्य में ऐसी कोई शिकायत पाई गई तो सम्बन्धित के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाएगी।