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चंबल में बीहड़, बागी सिमट रहे…बंदूक का बढ़ रहा शौक

- धौलपुर में 3662 लाइसेंसी हथियार, पड़ोसी मुरैना जिले में 27 हजार हथियार - चंबल संभाग के तीन जिलों में 54 हजार से अधिक हथियार - लाइसेंसी हथियार प्राप्त करने के लिए नेताओं से लेकर अधिकारियों तक की सिफारिशें

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चंबल में बीहड़, बागी सिमट रहे...बंदूक का बढ़ रहा शौक Chambal is rugged, rebels are shrinking...the fondness for guns is increasing

- धौलपुर में 3662 लाइसेंसी हथियार, पड़ोसी मुरैना जिले में 27 हजार हथियार

- चंबल संभाग के तीन जिलों में 54 हजार से अधिक हथियार

- लाइसेंसी हथियार प्राप्त करने के लिए नेताओं से लेकर अधिकारियों तक की सिफारिशें

धौलपुर. पूर्वी राजस्थान के धौलपुर और पड़ोसी मध्यप्रदेश के चंबल संभाग में लाइसेंसी हथियारों का भारी क्रेज है। धौलपुर जिले में जहां करीब 3662 हथियार के लाइसेंस हैं जिन पर करीब 4443 हथियार हैं। जबकि पड़ोसी मुरैना जिले में दो साल पहले तक करीब लाइसेंसी हथियारों की संख्या 27 हजार से अधिक थी। इसमें बंदूक, रिवाल्वर और पिस्टल शामिल हैं। हथियार का यह शौक लगातार बढ़ रहा है। जिला कलक्ट्रेट में लोग लाइसेंसी हथियार के लिए राजनेताओं से लेकर अधिकारियों तक की सिफारिशें लगवाते हैं। उधर, धौलपुर जिले में अवैध हथियारों के मामले में जिला कलक्टर श्रीनिधि बी टी ने पूर्व व्यवस्था को बदल दिया है। पकड़े गए अवैध हथियारों के मामले में जिला कलक्टर लगातार पुलिस को अभियोजन स्वीकृति प्रदान कर रहे हैं। वे अभी तक 106 से अभियोजन स्वीकृति पुलिस प्रशासन को कार्रवाई के लिए दे चुके हैं। जबकि अमूमन जिला कलक्टर अभियोजन स्वीकृति प्रदान करने से बचते हैं। इसकी वजह तारीख पेशी पर आने की परेशानी से बचना रहता ह।

चंबल संभाग में हथियार का बोलबाला

बता दें कि पड़ोसी चंबल संभाग में शुरू से ही हथियारों का बोलबाला रहा है। वैसे भी कहते हैं कि चंबल क्षेत्र में बीहड़, बागी और बंदूक दबदबा रह है। अब इसमें बजरी भी जुड़ गया है। विशेष बात ये है कि चुनावों के दौरान लाइसेंसी हथियार जमा होने के बाद भी फायरिंग की घटनाएं बनी रहती हैं। चंबल संभाग के जिले मुरैना, श्योपुर और भिंड में करीब 54 हजार लाइसेंसी हथियार हैं जो चुनाव की आचार संहिता लगने के साथ ही थानों में जमा होने लगते हैं। लेकिन इसके बाद भी घटनाएं नहीं थमती हैं। अवैध हथियार यहां बड़े स्तर पर इस्तेमाल होते हैं।

मुरैना में 27 हजार से अधिक लाइसेंसी हथियार

पड़ोसी जिला मुरैना में लाइसेंसी हथियारों की संख्या लगातार बढ़ रही है। दो साल पहले यहां जिले में करीब 27 हजार लाइसेंसी हथियार थे। जिसमें बंदूक, रिवाल्वर, पिस्टल शामिल थी। बीते लोकसभा चुनाव के चलते लाइसेंसी हथियार पुलिस थानों में जमा होने के बाद भी फायरिंग की घटनाएं जारी रही। जो पुलिस के लिए सिरदर्द बन जाती हैं। उधर, ग्वालियर जिले में दो साल पहले लाइसेंसी हथियारों की संख्या 33 हजार 700 थी। वहीं, भरतपुर संभाग के भरतपुर जिले की बात करें तो यहां पर साल 2019 में 3 हजार 960 लाइसेंसी हथियार थे।

डीएम धड़ाधड़ दे रहे अभियोजन स्वीकृति

जानकारी के अनुसार अभियोजन स्वीकृति संबंधी वर्तमान में करीब 431 मामले लम्बित हैं। हालांकि, जिला कलक्टर श्रीनिधि बी टी ने आम्र्स एक्ट की धारा 3/25 में पकड़े जा रहे अवैध हथियारों के प्रकरणों में पुलिस को लगातार अभियोजन स्वीकृति प्रदान कर रहे हैं। वे अभी तक 106 से अधिक अभियोजन स्वीकृति दे चुके हैं। जो एक रेकॉर्ड है। बता दें कि पुलिस जब अवैध हथियार बरामद करती है तो वह जांच करती है। इसके लिए उसे अभियोजन स्वीकृति चाहिए होती है जो जिला कलक्टर प्रदान करते हैं।

जिले में 4 गन हाउस

धौलपुर जिले में वर्तमान में चार गन हाउस हैं। इन गन हाउस से शस्त्र अनुज्ञापत्र धारी यानी लाइसेंस शुदा व्यक्ति हथियार के लिए कारतूस खरीद कर सकता है। गन हाउस कारतूस खरीद करने वाले व्यक्ति का रेकॉर्ड रखता है।

देश में एक लाइसेंस पर दो हथियार

बता दें कि देश में एक व्यक्ति लाइसेंस मिलने पर दो हथियार रख सकता है। शस्त्र अधिनियमए 1959 की धारा 3 (2) के तहत एक व्यक्ति अपने पास 2 से अधिक हथियार नहीं रख सकता है।

- अभियोजन स्वीकृति लगातार दे रहे हैं। जिले में अवैध हथियारों के लगातार केस आते हैं। पुलिस को इन मामलों में और सख्ती करनी होगी, जिससे अवैध हथियारों पर रोक लग सके।

- श्रीनिधि बी टी, जिला कलक्टर धौलपुर