शंकराचार्य ने वहां मौजूद लोगों की शंकाओं का भी समाधान किया । धर्मसभा में राजाखेड़ा विधायक रोहित बोहरा, जिला प्रमुख प्रतिनिधि अजयपाल सिंह जादौन, नगरपालिका चेयरमैन वीरेंद्र सिंह जादौन, प्रधान प्रतिनिधि राजकुमार तोमर सहित बड़ी संख्या में महिला-पुरुष मौजूद रहे।
जतियों में बट रहा समाज जातियों में समाज बट रहा है। एक जाति एक पार्टी को वोट दे रही है। दूसरी जाति दूसरी पार्टी को वोट दे रही है। इसको रोकना है तो एक पार्टी ने यह तय किया है कि जाति विभाजन ना रहे और थोक वोट एक ही पार्टी को मिले। तो यह राजनीतिक मामला है अगर उनको राजनीति के लिए ऐसा करना है तो हमें कोई बाधा नहीं है। हर राजनीतिक पार्टी अपने-अपने ढंग से काम करती है ताकि वह जीत सके। लेकिन इसका धर्म से कोई लेना-देना नहीं है। क्योंकि धर्म की जो एकता है वह जात-पात की विदाई करके नहीं बन सकती है बल्कि जातियों मे सामंजस्य बनाकर अपने-अपने धर्म पर रहते हुए भी की जा सकती है। और यही बात तुलसीदास जी के रामचरितमानस में उत्तरकांड में भी कही गई है। जिसमें बताया है कि रामजी जब राजा बने थे तो उन्होंने सब वर्णों को, सब आश्रमों को अपने-अपने धर्म के अनुसार चलने को कहा था और उससे समाज में एकता आ गई थी। तो जो सनातन की एकता है वह इसी तरह से बनती है।