रेंजर राजेश मीणा ने बताया कि सर्दी के मौसम में बाघ व अन्य जानवर भटक कर आबादी के बीच पहुंच जाते हैं जिससे ग्रामीणों को भी जान का खतरा उत्पन्न हो जाता है। उन्होंने कहा कि सर्दी व शीतलहर के मौसम में ग्रामीण भी सतर्कता बरतें। जंगल के किनारे स्थित सभी गांवों में वन्यजीवो को देख ग्रामीणों को घबराने की आवश्यकता नही है। इस दौरान वनविभाग के अधिकारियों ने ग्रामीणों को वन्य जीव संरक्षण एवं सुरक्षा के प्रति जागरूक किया गया। वन अधिकारियों ने कहा कि रणथंभौर राष्ट्रीय अभ्यारण्य में बीते दिनों बाघ व इंसानों के बीच टकराव की घटना को विभाग ने गंभीरता से लेते हुए ग्रामीणों को जागरूक करने का निर्णय किया है। मीणा ने कहा कि जंगल से निकलकर आबादी के इलाके में वन्यजीवों के आने से जानवरों और इंसानों के बीच टकराव की स्थिति को रोकना ही मुख्य उद्देश्य है। इस टकराव में न केवल इंसानों का बल्कि जंगली जानवरों का भी नुकसान होता है। इस स्थिति से बचने के लिए वन विभाग द्वारा वन अभ्यारण्य के आसपास बसे गांवों में बड़े स्तर पर ग्रामीणों को जागरूक किया जा रहा है।
एक्सर्ट वनकर्मी ग्रामीणों को पगमार्क पहचानने की देगे ट्रेनिंग रिहायशी इलाकों में वन्यजीवो की पहचान करने के लिए एक्पर्ट वनकर्मी ग्रामीणों को पगमार्क पहचानने की ट्रेनिंग देगे। रेंजर राजेश मीणा ने बताया कि ग्रामीणों को बाघ, पैंथर, जरख या अन्य जानवरों के पगमार्क की किस तरह पहचान की जा सकती हैं उन्हें यह बताया जा रहा है। यदि आबादी के निकट या खेतों में किसी जंगली जानवर की दस्तक का आभास होता है या किसी जानवर के पगमार्क दिखाई देते हैं तो वह स्वयं पहचान कर सकते है और ग्रामीणों को सतर्क कर सकते है। वन विभाग के अधिकारियों ने बाघ से बचाव के लिए सतर्कता बरतने सहित किसानों को अकेले खेतों में जाने से मना किया। आवश्यकता पड़ने पर समूह बनाकर जाने के लिए प्रेरित किया गया है।
विजीलेंस टीम को अभ्यारण्य में टाईगर के दिखे पगमार्क बीते गुरुवार को जयपुर से खनिज विभाग की विजीलेंस टीम वन अभ्यारण्य में अवैध खनन की तहकीकात करने पहुंची थी। खनिज विभाग की विजीलेंस टीम ने वन अभ्यारण्य स्थित रीझौनी वनखंड में अवैध खनन की गतिविधियों की बारीकी से पड़ताल की। विजीलेंस टीम को अभ्यारण्य में खनन तो नही मिला लेकिन बाघों के मूवमेंट के प्रमाण जरूर मिल गए। खनिज विभाग की टीम द्वारा बाघ के पगमार्क की फोटो भी खीची गई।