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कांग्रेस प्रत्याशी रहे डॉ.कुशवाह के साथ पूर्व विधायक रविन्द्र सिंह व उनके पुत्र विवेक ने भी भाजपा का थामा दामन

धौलपुर. प्रदेश में विधानसभा चुनाव का समय जैसे-जैसे नजदीक आ रहा, वैसे ही राजनीतिक सरगर्मियां बढऩे लगी हैं। जयपुर में शनिवार को भाजपा के प्रदेश कार्यालय में कांग्रेस नेता डॉ.शिवचरण कुशवाह भाजपा में शामिल हो गए।

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Former MLA Ravindra Singh and his son Vivek also joined BJP along with Congress candidate Dr. Kushwaha.

कांग्रेस प्रत्याशी रहे डॉ.कुशवाह के साथ पूर्व विधायक रविन्द्र सिंह व उनके पुत्र विवेक ने भी भाजपा का थामा दामन

धौलपुर. प्रदेश में विधानसभा चुनाव का समय जैसे-जैसे नजदीक आ रहा, वैसे ही राजनीतिक सरगर्मियां बढऩे लगी हैं। जयपुर में शनिवार को भाजपा के प्रदेश कार्यालय में कांग्रेस नेता डॉ.शिवचरण कुशवाह भाजपा में शामिल हो गए। उनके साथ पूर्व विधायक रविन्द्र सिंह बोहरा और उनके पुत्र विवेक सिंह बोहरा ने भी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। इस मौके पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी, नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र सिंह राठौड़ समेत अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। इन नेताओं के भाजपा में जाने से स्थानीय स्तर पर कांग्रेस पार्टी में खलबली मची हुई है। संभावना जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में कुछ और नेता इधर-उधर पाला बदल सकते हैं।

धौलपुर सीट से गत विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में डॉ.शिवचरण कुशवाह चुनाव लड़ चुके हैं। उन्हें भाजपा उम्मीदवार शोभारानी कुशवाहा ने पराजित किया था। हालांकि, शोभारानी पर राज्यसभा चुनाव के दौरान लगे क्रॉस वोटिंग के आरोपों के बाद उनकी नजदीकियां कुछ समय से कांग्रेस की तरफ दिख रही हैं। वह धौलपुर दौरे पर आए सीएम अशोक गहलोत की सभाओं में सार्वजनिक रूप से शामिल हो चुकी हैं। राजनीतिक हलकों में कांग्रेस की तरफ से उन्हें धौलपुर सीट का प्रमुख दावेदार माना जा रहा है। उधर, रविन्द्र सिंह राजाखेड़ा से विधायक रह चुके हैं। उन्होंने पूर्व वित्त मंत्री प्रद्युम्न सिंह को हराया था। जबकि उनके पुत्र विवेक सिंह एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष रह चुके हैं और वर्तमान में राजनीति में काफी सक्रिय हैं।

कांग्रेस की बेरुखी से डॉ.कुशवाह ने बदला रास्ता

सूत्रों के अनुसर पिछले कुछ समय से कांग्रेस पार्टी की ओर से डॉ.शिवचरण कुशवाह को खास तबज्जो नहीं मिल रही थी। स्थानीय कांग्रेस नेता भी उनसे दूरी बनाने लग गए थे। वहीं, कांग्रेस पदाधिकारियों की नियुक्ति में भी उनके नामों को प्राथमिकता नहीं मिली। डॉ.कुशवाह ने कहा कि उन्होंने पार्टी के लिए क्या कुछ नहीं किया। घर में कार्यालय खोला, कार्यकर्ताओं का सम्मान किया और लगातार कार्यक्रमों में शामिल हुए। लेकिन इसके बाद भी उनके साथ बेरुखी दिखाई गई। कुशवाह ने कहा कि अब समय ज्यादा नहीं बचा था, उनके दो में से एक रास्ता अपनाना था। यहां तो वह राजनीति छोड़ दें या फिर रास्ता बदल दें। जिस पर उन्होंने रास्ता बदलने का निर्णय लेते हुए भाजपा ज्वाइन की है।

पति के दोषी करार देने पर राजनीति में आई थी शोभारानी

ज्ञात रहे कि विधायक शोभारानी के पति बीएल कुशवाहा को हत्या के मामले में कोर्ट के दोषी ठहराने के बाद धौलपुर सीट पर उपचुनाव हुए थे। जिसमें भाजपा ने पत्नी शोभारानी को उम्मीदवार बनाया था। शोभारानी ने कांग्रेस के दिग्गज नेता व पूर्व मंत्री बनवारी लाल शर्मा को पराजित किया था। इसके बाद साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में भी धौलपुर सीट से शोभारानी को वापस भाजपा ने टिकट दिया। इस चुनाव में उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी डॉ.शिवचरण कुशवाह को हराया था।