
चार दिन बाद तोड़ी वीरांगना ने चुप्पी - बेटे को फौज के लिए तैयार करुंगी...ये लेगा पिता की हत्या का बदला
चार दिन बाद तोड़ी वीरांगना ने चुप्पी -
बेटे को फौज के लिए तैयार करुंगी...ये लेगा पिता की हत्या का बदला
-पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के सामने निकला वीरांगना का दर्द
-राजे ने बंधाया ढंाढस, अपने हाथों से वीरांगना को खिलाया भोजन
राजाखेड़ा. पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए भागीरथ की वीरांगना रंजना देवी को ढांढस बंधाने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे जब रविवार को गांव जैतपुर गईं तो वीरांगना दर्द फूट पड़ा। वीरांगना का कहना है कि उसके शहीद पति को धोखे से मारा गया है यदि सामने से मारा गया होता तो उसे दुख नहीं होता। अब वह अपने बच्चे को फौज के लिए तैयार कराएगी जो अपने पिता की हत्या का बदला लेगा।
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे रविवार दोपहर को जैतपुर शहीद के घर पहुंची शहीद के परिजनों को ढांढस बंधाया और हर समय साथ रहने का भरोसा दिलाया। उन्होंने वीरांगना रंजना देवी से भी मुलाकात की और उनके दुख की घड़ी पूरे दिल से साथ रहने की बात कही।
पूरा देश है कृतज्ञ
सबसे पहले उन्होंने शहीद के चाचा जरदान सिंह और छोटे भाई बलवीर से मुलाकात की और कहा कि भगीरथ की शहादत से सम्पूर्ण राष्ट्र्र उनका कृतज्ञ है और हमेशा ऋ णी रहेगा। देश के प्रति उनके बलिदान को भुलाया नहीं जा सकता। पूरा देश इस दुख की घड़ी में उनके साथ खड़ा हुआ है और हमेशा खड़ा रहेगा ।
बलवीर अब भाई के कर्तव्य को निभाना
हमले की सूचना मिलने के बाद से ही चाचा जरदान और भाई बलवीर दोनों ही गहरे सदमे में है जो खुद को संभाल नही पा रहे हैं। राजे ने उन्हें संभालते हुए कहा कि राजस्थान वीरभूमि है शहादत यहां गर्व है और हमारी परंपरा भी रही है। अब परिवार के प्रति तुम्हारी जिम्मेवारी बढ़ गई है और इसे पूरा करने से भगीरथ की आत्मा को शांति मिलेगी। तुम खुद को संभालो और परिवार को भी। हम सब तुम्हारे साथ हैं।
4 दिन बाद कराया अन्नग्रहण
वीरांगना रंजना देवी जो शहादत की सूचना के बाद से ही होश खो बैठी थी और पथराई आंखों के आंसुओं के बीच अब तक भूखी थी और अन्न ग्रहण नहीं किया था। जब राजे को यह पता चला तो वे सीधे रंजना के कमरे में जा पहुंची और उसे धीरज बंधाते हुए कहा कि पुरातन काल से ही राजस्थान की नारियों ने वीरता की मिसाल कायम की है। गुर्जर वीरों ने हमेशा नाम बढ़ाया है और गुर्जर महिलाओं ने हमेशा कंधे से कंधा मिलाकर पुरुषों को प्रेरित किया है। आंखों में आंसू नहीं आग रही है। ऐसे में तुम कैसे कमजोर हो सकती हो। तब रंजना को मजबूत बना स्वयं राजे ने उन्हें अपने हाथों से भोजन आरम्भ कराया।
सामने ते लड़ते तो पतोऊ चलतो...
राजे से मिले संबल के बाद रंजनादेवी के दिल का दर्द बाहर आने लगा वह राजे से बोली... 'मियो आदमी तो धोखे तो मारो गयो। सामने ते लड़ते तो बिनने पतोऊ चल जाती। गोली सामने ते लगती तो मोये दुख नई होतो पर धोखे कौ दुख है। अब अपने मोड़ा तैयार करेऊंगी, वो बदलो लेके तोउ आगो। तबै मोई छाती सिरावेगी।Ó वीरांगना के दिल के दर्द और उसकी बहादुरी ने सबकी आंखों को एकबारगी नम कर दिया।
इस अवसर पर राजे के साथ पूर्व मंत्री यूनुस खान, सांसद डॉ. मनोज राजोरिया, जिला प्रमुख डॉ. धर्मपाल, धौलपुर विधायक शोभा रानी, जिला अध्यक्ष बहादुर सिंह त्यागी, पूर्व विधायक जसवंत सिंह गुर्जर, रानी सिलोटिया, अब्दुल सगीर खान, मनोरमा सिंह, भाजपा मंडल अध्यक्ष नागेंद्र सिंह, युवा मोर्चा महामंत्री रूप सिंह सेजवार आदि पदाधिकारी मौजूद रहे।
Published on:
17 Feb 2019 08:30 pm
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