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धौलपुर जिले में अतिवृष्टि और बाढ़ से भारी नुकसान, 26 करोड़ की क्षति का हुआ आकलन

जिलेभर में भारी बरसात के चलते सरकारी संपत्तियों को करोड़ों का नुकसान पहुंचा। सर्वाधिक नुकसान जिलेभर में सरकार विद्यालयों के भवनों को हुआ। आकलन के अनुसार करीब 13.26 करोड़ रुपए का नुकसान अकेले शिक्षा विभाग को उठाना पड़ा है। इसके अलावा सार्वजनिक निर्माण विभाग की सडक़ों को भी खासा नुकसान पहुंचा है। इसी तरह आंगनवाड़ी केन्द्र, जल संसाधन विभाग समेत अन्य को भी बारिश के दौरान क्षति पहुंची। विभिन्न विभागों की ओर से संपत्तियों को हुए नुकसान के प्रस्ताव जिला प्रशासन को पेश किए गए हैं। इसमें करीब जिले भर में करीब 26.39 करोड़ का नुकसान होना बताया है।

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धौलपुर जिले में अतिवृष्टि और बाढ़ से भारी नुकसान, 26 करोड़ की क्षति का हुआ आकलन Heavy damage due to heavy rain and flood in Dholpur district, damage worth Rs 26 crore assessed

- स्कूल भवनों को पहुंचा सर्वाधिक नुकसान, 13..36 करोड़ की चपत

- चंबल में जलस्तर बढऩे से जिले के तीन दर्जन गांव रहे बाढ़ प्रभावित, अब यहां पर राहत का इंतजार

धौलपुर. पूर्वी राजस्थान के लिए जीवनदायिनी की भूमिका में शामिल चंबल नदी का इस दफा रौद्र रूप दिखाई दिया। चंबल में बढ़े जलस्तर ने जिले के करीब तीन दर्जन गांवों में बाढ़ के हालात पैदा कर दिए और कुछ दिन तक ग्रामीण इलाके जिला मुख्यालय से कट गए। निभी ताल में भारी पानी आने से राष्ट्रीय राजमार्ग 11बी तक को काटना पड़ा था और जिससे यातायात बाधित रहा। उधर, जिलेभर में भारी बरसात के चलते सरकारी संपत्तियों को करोड़ों का नुकसान पहुंचा। सर्वाधिक नुकसान जिलेभर में सरकार विद्यालयों के भवनों को हुआ। आकलन के अनुसार करीब 13.26 करोड़ रुपए का नुकसान अकेले शिक्षा विभाग को उठाना पड़ा है। इसके अलावा सार्वजनिक निर्माण विभाग की सडक़ों को भी खासा नुकसान पहुंचा है। इसी तरह आंगनवाड़ी केन्द्र, जल संसाधन विभाग समेत अन्य को भी बारिश के दौरान क्षति पहुंची। विभिन्न विभागों की ओर से संपत्तियों को हुए नुकसान के प्रस्ताव जिला प्रशासन को पेश किए गए हैं। इसमें करीब जिले भर में करीब 26.39 करोड़ का नुकसान होना बताया है। परिसंपत्तियों को हुए नुकसान को लेकर जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण अध्यक्ष एवं जिला कलक्टर की अध्यक्षता में हुई। जिसमें प्रस्तावों पर विभागवार हुए नुकसान पर आकलन किया गया। विभागों से मिले प्रस्तावों की स्वीकृति और बजट के लिए आपदा प्रबंधन, सहायता एवं नागरिक सुरक्षा विभाग जयपुर को भिजवाए जा रहे हैं।

शिक्षा विभाग ने मरम्मत के लिए मांगी सर्वाधिक राशि

अति वृष्टि से सर्वाधिक नुकसान शिक्षा विभाग को हुआ है। इसमें जिलेभर में सरकारी विद्यालय शामिल हैं। हालांकि, झालाबाड़ हादसे के बाद शिक्षा विभाग की ओर से सरकारी भवनों की जांच करवाई गई। जिसमें खराब हालात वाले भवनों की मरम्मत के लिए प्रस्ताव लिए गए हैं। रिपोर्ट के अनुसार धौलपुर ब्लॉक में 3.72 करोड़, बाड़ी में 62 लाख, बसेड़ी 2.40 करोड़, सैंपऊ 94 लाख, सरमथुरा 2.80 करोड़ और राजाखेड़ा ब्लॉक में 2.88 करोड़ रुपए के प्रस्ताव भिजे हैं। कुल राशि 13.36 करोड़ रुपए हैं। जिसमें 668 कार्य होने हैं। उधर, महिला एवं बाल विकास के आंगनबाड़ी केन्द्रों को भी नुकसान पहुंचा है। जिले भर में 8.42 करोड़ रुपए के प्रस्ताव भेजे हैं। जिसमें 337 कार्य होंगे।

सर्वाधिक बाड़ी ब्लॉक में हैं।पीडब्ल्यूडी ने 3.31 करोड़ और जल संसाधन ने 1.28 करोड़ रुपए मांगे

भारी बारिश से जिलेभर में प्रमुख सडक़ समेत ग्रामीण इलाकों की सडक़ों को भारी नुकसान पहुंचा है। बाड़ी रोड पर निभी का ताल में पानी ओवरफ्लो होने से सडक़ को काटना तक पड़ा था। जिससे करोली की तरफ जाने वाले ट्रेफिक को अन्य रास्तों से निकलना पड़ा। इसी तरह ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में सडक़ें उखड़ गई और गड्ढे हो गए। सार्वजनिक निर्माण विभाग की ओर से करीब 3.31 करोड़ और जल जल संसाधन विभाग की ओर से नहरों को पहुंचे नुकसान को लेकर 1.28 करोड़ रुपए के प्रस्ताव भेजे हैं। पीडब्ल्यूडी के धौलपुर खंड में सडक़ों की मरम्मत के लिए 40.71 लाख और पुलिया को हुए नुकसान के लिए 4.80 लाख रुपए के प्रस्ताव भेजे हैं। सबसे ज्यादा नुकसान बाड़ी खंड में हुआ है। यहां पर सडक़ों के लिए करीब एक करोड़ रुपए के प्रस्ताव भेजे हैं।

शहर में तो सडक़ें ही लापता...

इधर, जिला मुख्यालय पर तो सडक़ें ही लापता हो गईं। शहर में बीते दिनों लगातार भारी बारिश के चलते सडक़ों पर बड़े बड़े गड्ढे हो गए थे। पत्रिका ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया जिस पर सार्वजनिक निर्माण विभाग की ओर से खानापूर्ति करते हुए स्टेशन मार्ग पर गिट्टी डलवाई गई थी। लेकिन वर्तमान में शहर में सडक़ों की हालत खराब है। लेकिन शहर में पीडल्यूडी के पास करीब 4 सडक़ें हैं और शेष सडक़ें नगर परिषद सीमा में आती हैं। पीडब्ल्यूडी के पास वर्तमान में गुलाब बाग से स्टेशन रोड और मचकुण्ड रोड पर प्रमुख सडक़ हैं। जिसका टेंडर भी हो चुका है।