मरीजों को पॉलीटेक्निक में किया शिफ्ट पूर्व में कोरोना वायरस संक्रमितों का इलाज जिला चिकित्सालय के इनडोर वार्डों में हो रहा था। वहीं पर क्वॉरंटीन व आइसोलेशन वार्ड बनाया हुआ था। इसके बाद मरीजों की संख्या बढऩे लगी तो ११ जून से जिला चिकित्सालय सहित जिले के सभी उप जिला चिकित्सालयों व पीएचसी को कोविड फ्री कर कोविड सेंटर बना दिए। जिनमें कोविड संक्रमितों का इलाज शुरू कर दिया। इसी प्रकार जिला मुख्यालय स्थित जिला चिकित्सालय में भर्ती मरीजों को भी पॉलीटेक्निक कॉलेज में क्वॉरंटीन सेंटर बनाकर शिफ्ट कर दिया। जिससे जिले भर से आने वाले मरीजों को सामान्य बीमारियों का इलाज मिल सके। इसके बावजूद मरीजों की संख्या में इजाफा नहीं हो रहा है। ऐसा नहीं है कि लोग बीमार नहीं हो रहे, लेकिन वे निजी चिकित्सालयों या चिकित्सकों के आवास पर ही दिखा रहे हैं, जिससे संक्रमण का खतरा नहीं हो।
नर्सिंगकर्मी, वार्ड ब्वॉय भी हो चुके हैं संक्रमित जिला चिकित्सालय को कोविड मुक्त करने के बाद आधा दर्जन से अधिक नर्सिंगकर्मी व वार्ड ब्वॉय भी कोरोन से संक्रमित हो चुके हैं। इसके चलते भी लोगों में संक्रमण का भय बना हुआ है। जिससे लोग कम ही रुचि दिखा रहे हैं। वहीं कई लोग यहां भर्ती रहने के बाद जयपुर रैफर किए गए, उनमें भी संक्रमण मिला है।
इन बीमारियों के आ रहे मरीज जिला चिकित्सालय में वर्तमान में आने वाले मरीजों में पेट दर्द, डिहाइड्रेशन की समस्या से अधिक पीडि़त लोग आ रहे हैं। जबकि सर्दी, खांसी, जुकाम व बुखार के कम ही लोग आ रहे हैं। बारिश का मौसम शुरू होते हुए ही कई स्थानों पर शुद्ध जलापूर्ति नहीं होने के कारण पेट दर्द व डिहाड्रेशन की समस्या पैदा होने लगी है। वहीं गत वर्ष इन दिनों में लोगों को इलाज कराने के लिए बैड तक नहीं मिलते थे। एक-एक बैड पर तीन-तीन मरीजों का उपचार किया जाता था।
इनका कहना है वर्तमान में ४०० से ५०० के बीच आउटडोर चल रहा है। जबकि गत वर्ष इन दिनों २५०० से २८०० के मध्य आउटडोर चलता था। इनमें अधिकांश मरीज पेट दर्द व डिहाइडे्रशन के हैं। वर्तमान में जिला चिकित्सालय कोविड फ्री है, इसलिए लोग सामान्य बीमारियों का इलाज आसानी से करा सकते हैं।
डॉ. समरवीर सिंह सिकरवार, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी, सामान्य चिकित्सालय, धौलपुर।