पूत के पांव पालने में ही दिख जाते हैं… कहावत धौलपुर के दो होनहार छात्रों पर सटीक बैठती है। जिन्होंने छोटी सी उम्र में देश की प्रमुख समस्याओं का निवारण ढूंढ निकालने का प्रयास किया। दरअसल धौलपुर स्थित संस्कार अकादमी में पढऩे वाले 8वीं क्लास के अलिक शरीफी और इकरा स्कूल में 7वीं क्लास की अनन्या यादव ने राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद नई दिल्ली के तत्वावधान में भीलवाड़ा में आयोजित राज्यस्तरीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी में दो ऐसे मॉडल पेश किए जिन्हें देखकर हर कोई स्तब्ध और खुश था। इनमें से एक मॉडल जहां राज्य की टॉप मॉडलों में से दूसरे स्थान पर रहा तो दूसरा मॉडल तीसरे नम्बर पर।
ड्राइवर मॉनिटरिंग सिस्टम कक्षा 8 के छात्र अलिक शरीफी मॉडल के जरिए ऐसा आविष्कार किया है जो सड? हादसों को रोकने में कारगर साबित हो सकता है। अलिक बताते हैं कि उन्होंने ष्एंटी स्लीप चश्माष् तैयार किया है। जो कार ड्राइवर को नींद आने पर किसी हादसे से बचा सकता है। उन्होंने बताया कि यदि ड्राइवर चश्मा पहनकर गाड़ी ड्राइव करते समय सो जाता है तो ऐसी स्थिति में दो सेकंड तक ड्राइवर की आंखें बंद होने पर चश्मे में लगा अलार्म बजने लगेगा। उसके बाद भी ड्राइवर की आंखें तीन सेकंड तक बंद रहती है तो चश्मे से पानी बौछार ड्राइवर की आंखें पर गिरेगी। तब भी ड्राइवर की आंखें चार सेकंड बंद रहती हैं तो कार स्वतरू ही बंद हो जाएगी। ऐसी स्थिति में किसी बड़े हादसे को रोका जा सकता है। अलिक के इस मॉडल ने लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा। मॉडल को राज्य के टॉप मॉडलों में दूसरा स्थान दिया गया।
सेफ्टी हेलमेट बचाएगी बाइक चालकों को अलिक ने एक और मॉडल तैयार किया है जो कि बाइक राइडरों के लिए है। उन्होंने बाइक राइडर के लिए सेफ्टी हेलमेट बनाया है। इस हेलमेट में चिप लगाकर बाइक से अटैच किया जाता है। हेलमेट लगाने के बाद हेलमेट की बेल्ट बांधने पर ही बाइक स्टार्ट होगी।
सुसाइड रेस्क्यू प्रोजेक्ट कक्षा 7 में पढऩे वाली छात्रा अनन्या ने देश में बढ़ती प्रमुख समस्या आत्महत्या को लेकर अपना मॉडल पेश किया। वह बताती हैं कि मानसिक तनाव में पंखे से फंदा लगाकर खुदकुशी करने वालों को रोकने के लिए स्प्रिंग लोडेड रोड से एक ऐसा पंखा तैयार किया हैए जो आत्महत्या करने वाले व्यक्ति के वजन के साथ ही तेज अलार्म बजाकर नीचे जमीन तक आ जाता है। तो तेज अलार्म की आवाज से परिजनों को भी अलर्ट मिल जाता है। जिससे आत्महत्या करने वाले व्यक्ति को आत्महत्या करने से रोका जा सकता है। इस आविष्कार को प्रदेश स्तर पर खूब सराहा गया। साथ ही सर्वश्रेष्ठ तीन मॉडलों में इस मॉडल को तीसरा स्थान दिया गया। अनन्या बताती हैं कि वह इस आविष्कार को और अपडेट करना चाहती हैं। जिसमें ड्रिप्रेशन में आए लोगों को अन्य तरह से की जाने वाली आत्महत्याओं से भी रोका जा सके।
राष्ट्रीय स्तर पर करेंगे प्रदर्शन पत्रिका से बातचीत करते हुए दोनों छात्रों ने बताया कि वह अपने इन मॉडलों में और बेहतर तकनीक का इस्तेमाल करने के साथ इस तरह के नए आविष्कार करने का प्रयास करेंगे। ताकि जरूरत के समय यह समाज और लोगों के काम आ सकें। राज्य स्तर पर चयनित धौलपुर की दोनों बाल वैज्ञानिक अब राष्ट्रीय स्तर पर अपना प्रदर्शन करेंगे।