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प्राचीन सोमनाथ मन्दिर व गुफा मार्ग पर अवैध अतिक्रमण

शहरी क्षेत्र के गंगोलियापुरा के पास बने प्राचीन सोमनाथ मंदिर व गुफा के रास्ते पर प्रभावशाली अतिक्रमणकारियों ने अतिक्रमण कर मार्ग बाधित करने से नाराज श्रद्धालुओं ने राजाखेड़ा थाना पहुंचकर तहरीर सौंपी। इससे पूर्व श्रद्धालु पंचायत समिति कैम्प स्थल पर भी पहुंचे, लेकिन उपखंड अधिकारी व तहसीलदार के न मिलने पर थाना पहुँच कर तहरीर सौंपी।

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प्राचीन सोमनाथ मन्दिर व गुफा मार्ग पर अवैध अतिक्रमण Illegal encroachment on ancient Somnath temple and cave road

लोगों का फूटा आक्रोश, पुजारी के साथ ग्रमीणों ने कलक्टर के नाम सौंपा ज्ञापन

dholpur, राजाखेड़ा के शहरी क्षेत्र के गंगोलियापुरा के पास बने प्राचीन सोमनाथ मंदिर व गुफा के रास्ते पर प्रभावशाली अतिक्रमणकारियों ने अतिक्रमण कर मार्ग बाधित करने से नाराज श्रद्धालुओं ने राजाखेड़ा थाना पहुंचकर तहरीर सौंपी। इससे पूर्व श्रद्धालु पंचायत समिति कैम्प स्थल पर भी पहुंचे, लेकिन उपखंड अधिकारी व तहसीलदार के न मिलने पर थाना पहुँच कर तहरीर सौंपी।गौरतलब है कि प्राचीन शिवालय सोमनाथ का यह मंदिर क्षेत्र के लोगों के लिए बड़ा आस्था का केंद्र है। जहां रोजाना सैकड़ों श्रद्धालु दर्शन का लाभ उठाते हैं। दर्शन के लिए को सोमवार को दूरदराज से आए भक्तों और श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगा रहता है।

ज्ञापन देने आए सोमनाथ बाबा गुफा मंदिर के पुजारी हीरादास बाबा व सरपंच प्रतिनिधि बीपेंद्र सिंह के साथ नागरिकों ने बताया कि सोमनाथ मंदिर और सिद्ध बाबा के गुफा मंदिर के रास्ते पर राज्य सरकार की ओर से सडक़ निर्माण का कार्य चल रहा है। सडक़ निर्माण के लिए मर्म डाली गई है। जिस पर श्रद्धालुओं एवं आमजन की आवाजाही रहती है। गुफा के लिए मुख्य मार्ग के रास्ते पर गंगोलियापुरा निवासी कुछ लोगों ने इस मार्ग पर जबरदस्ती अतिक्रमण कर उसे क्षतिग्रस्त कर रहे हैं। जिससे आवागमन में बाधा आ रही हैं। मंदिर पर दर्शन करने आ रहे श्रद्धालु गिरकर चोटिल हो जाते हैं।

अन्य लोगों का कहना है कि अतिक्रमणकारी राहगीरों के साथ अभद्र व्यवहार के साथ गलियों का प्रयोग करते हैं। जिससे भक्तों की आस्था को ठेस पहुंच रही है। इस कारण मंदिर पर लोगों ने आवाजाही कम कर दी है। अगर हालात यही रहे तो आगे आने वाले समय में मंदिर के कपाट बंद करने पड़ेंगे। पुजारी ने बताया कि यह मंदिर 250 साल से भी ज्यादा प्राचीन एवं क्षेत्र की धरोहरों में शामिल बहुत बड़ा आस्था का केंद्र है। जिसके मुख्य मार्ग पर ही अवैध अतिक्रमण जो प्रशासन के लिए एक प्रश्न चिह्न खड़ा कर रहा है। हीरादास बाबा ने बताया कि यह एक सार्वजनिक मार्ग है। जिस पर हर किसी की आवाजाही रहती है इस प्रकार हमारी आस्था और संस्कृति को ठेस पहुंच रही है। प्रशासन से मांग है कि जल्द से जल्द अतिक्रमण मुक्त कराएं।