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हरे पेड़ों की हो रही अंधाधुंध कटाई, अधिकारी नहीं कर रहे कोई कार्रवाई

मनियां. वन विभाग की लापरवाही के चलते क्षेत्र में धड़ल्ले से हरे पेड़ों की कटाई की जा रही है। इसके बाद भी विभाग वन माफियाओं पर शिकंजा नहीं कस पा रहा है। इसके अलावा प्रशासन भी इस तरफ अनदेखी कर रहा है। जबकि हर वर्ष सरकार व प्रशासन हरियाली को बढ़ावा देने के लिए पौधरोपण अभियान चलाता है।

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Indiscriminate felling of green trees, officials are not taking any action

हरे पेड़ों की हो रही अंधाधुंध कटाई, अधिकारी नहीं कर रहे कोई कार्रवाई

हरे पेड़ों की हो रही अंधाधुंध कटाई, अधिकारी नहीं कर रहे कोई कार्रवाई
-कस्बा हरी लकडिय़ों के दोहन में जिले में अव्वल, फूलपुर रोड व तेरह पुलिया पर अवैध आरा मशीनों का हब

-जिम्मेदार अधिकारियों का नहीं ध्यान, लापरवाही व कार्रवाई अभाव में लकड़ी माफियाओं के हौसले बुलन्द

मनियां. वन विभाग की लापरवाही के चलते क्षेत्र में धड़ल्ले से हरे पेड़ों की कटाई की जा रही है। इसके बाद भी विभाग वन माफियाओं पर शिकंजा नहीं कस पा रहा है। इसके अलावा प्रशासन भी इस तरफ अनदेखी कर रहा है। जबकि हर वर्ष सरकार व प्रशासन हरियाली को बढ़ावा देने के लिए पौधरोपण अभियान चलाता है। इस पर सरकार द्वारा करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं, जबकि उसकी सुरक्षा को लेकर संबंधित विभाग ही लापरवाही बरतते हैं। इसके अलावा विभिन्न संस्थाएं भी लगातार जागरूक करते हुए पौधरोपण कर रही हैं, जिससे जिला हराभरा रहे और प्रकृति संरक्षण का सपना साकार हो सके।
वर्तमान में मनियां तहसील क्षेत्र में पेड़ों की अंधाधुंध कटाई की जा रही है। सबसे खास तो ये है कि कस्बे सहित क्षेत्र में अवैध आरा मशीन बहुत ज्यादा हैं। जिनमें से कुछेक का ही पंजीयन है। जानकारी के अनुसार अकेले मनियां क्षेत्र में 50 के करीब आरा मशीन है, जबकि 14-15 का ही रजिस्ट्रेशन है। पेड़ काटने वालों पर कड़ी कार्रवाई नहीं होने के कारण इस पर प्रतिबंध नहीं लग पा रहा है। वन माफियाओं पर रोकथाम नहीं होने के कारण जहां चारों ओर कभी घने पेड़ नजर आते, आज दूर तक क्षेत्र वीरान नजर आता है। वहां पर अब ठूंठ ही नजर आते हैं।

यह है नियम
जानकारी के अनुसार भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 240 के अनुसार किसी के घर, आसपास अथवा सार्वजनिक परिसर में कोई हरा पेड है तो उसे काटने के लिए सक्षम अधिकारी से अनुमति आवश्यक है। उल्लंघन पर भू-राजस्व संहिता 253 के तहत जुर्माने का प्रावधान है। वर्तमान में उक्त कानून में संशोधन करते हुए प्रति प्रकरण 50 हजार का जुर्माना भी तय किया गया है। पर्यावरण की बेहतरी की दिशा में कोर्ट का यह फैसला उन लोगों के लिए चेतावनी है जो आए दिन पेड़ काटने की गलती कर बड़ा जुर्म कर रहे हैं। रात दिन कस्बे के हाइवे सहित अन्य सड़कों से हरी लकडिय़ों को ट्रक या ट्रैक्टर ट्रॉली से लादकर खुलेआम आरा मशीनों तक पहुंचा रहे हैं।

इनका कहना है

गश्त निरन्तर जारी है। यदि लकडिय़ों से भरा कोई ट्रैक्टर ट्रॉली या अन्य वाहन मिलता है या शिकायत आती है तो धमाकेदार कार्रवाई करेंगे। वैसे मेरी नजर में अभी कोई लकडिय़ों से भरा वाहन नहीं आया या दिखाई दिया। आरा मशीनों पर कार्रवाई करना मेरे हाथ में नहीं, उच्चाधिकारियों ही कर सकते हैं।
नीलेन्द्र भदौरिया, फोरेस्टर मनियां।

इनका कहना है

मेरी अभी तबियत खराब है और मैंने अभी चार्ज लिया है। कितनी आरा मशीनों का लाइसेंस है, कितनी अवैध हैं जानकारी करके बताऊंगा। मैं तो एक दिन देखने गया तो मनियां में आरा मशीन बन्द पड़ी थी। आरा मशीनों पर हरी लकडिय़ां पड़ी थीं, लेकिन मशीन चालू हों तो कार्रवाई करें। मनियां में वन क्षेत्र तो है नहीं अपना, रेवन्यू क्षेत्र है। वो पता नहीं वो हरी लकडिय़ां मंजूरी लेके लाए हैं या नहीं, देखकर बताऊंगा।
मुन्नालाल, रेंजर धौलपुर।

इनका कहना है .
कितनी अवैध आरा मशीन हैंं, पता नहीं, लेकिन जिले में 98 आरा मशीन पंजीकृत हैं। हरी लकडिय़ों पर कार्रवाई करने के स्थानीय स्टाफ के लिए स्टैंडिंग आदेश हैं। रोज कार्रवाई करें। अलग से निर्देश देने की जरूरत नहीं। वन विभाग में जो कर्मचारी है, हर किसी को कार्रवाई करने की पॉवर है, फिर चाहे आरा मशीन हो या हरी लकडिय़ों का दोहन।

केसी मीणा, डीएफओ, धौलपुर।