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डिटिजल इंडिया पर धूल की परत, लाखों रुपए कीमत की मशीनें हो रही कंडम

धौलपुर. डिजिटल इंडिया मिशन को साकार करने के उद्देश्य से पांच साल पहले शुरू हुई योजना ई-मित्र प्लस दम तोड़ती नजर आ रही है। प्रदेश सरकार ने जिले की प्रत्येक ग्राम पंचायत में ई-मित्र प्लस मशीनों को लगवाकर ग्रामीणों की दौड़-भाग कम करने और आसानी से कार्य होने की मंशा इसका मुख्य उद्देश्य था।

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Layer of dust on Digital India, machines worth lakhs of rupees getting damaged

डिटिजल इंडिया पर धूल की परत, लाखों रुपए कीमत की मशीनें हो रही कंडम

धौलपुर. डिजिटल इंडिया मिशन को साकार करने के उद्देश्य से पांच साल पहले शुरू हुई योजना ई-मित्र प्लस दम तोड़ती नजर आ रही है। प्रदेश सरकार ने जिले की प्रत्येक ग्राम पंचायत में ई-मित्र प्लस मशीनों को लगवाकर ग्रामीणों की दौड़-भाग कम करने और आसानी से कार्य होने की मंशा इसका मुख्य उद्देश्य था। लेकिन ये मशीनें इंटरनेट कनेक्टिविटी के अभाव में धूल फांक रही हैं।

आमजन को सरकारी कार्यालयों में चक्कर नहीं काटने पड़े इसके लिए जिले में 265 ई-मित्र प्लस की मशीनें जनवरी 2018 में लगवाई थी। इसमें से शहर में सभी सरकारी कार्यालय में 72 मशीनों का इंस्टालेशन कराया गया था। लेकिन ज्यादातर विभागों में इनका उपयोग नहीं हो रहा हैं। राज्य सरकार के आदेश की पालना विभागीय अधिकारियों ने जिले की हर ग्राम पंचायतों में ई-मित्र प्लस की मशीनें तो लगवा दी गई। लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति तो कहीं इन्टरनेट की कनेक्टिविटी के अभाव में लोगों ने इससे दूरी बना ली। हालांकि सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अधिकारियों का दावा है कि मशीनें काम कर रही हैं। लेकिन शहर में कई स्थानों पर मशीनें ठप पड़ी हैं। इन मशीनों के काम नहीं करने से ज्यादातर कार्य ई-मित्रों पर हो रहे हैं।

धूल फांक रही मशीनें, नहीं मिल रही सुविधा

जिलेभर लगी करीब-करीब मशीनों की हालत खस्ताहाल है। अधिकतर मशीनें अनुपयोगी बनी हुई हैं। कुछ मशीनों पर मिट्टी अटी है तो कहीं जाले आ रहे हैं। कुछ मशीनें ऐसी हैं जिन्हें लगाने के बाद आज तक काम में नहीं लिया गया। उधर, जहां पर मशीनें चल रही हैं तो वहां नेट की समस्या आने से उनका पूरा उपयोग नहीं हो पा रहा है। विभागीय अधिकारियों ने भी माना ग्रामीण क्षेत्र में नेटवर्क की समस्या बनी हुई है।

प्रशिक्षण और न ही ऑपरेटर, हो रही कबाड़

सूचना एवं प्रोद्योगिकी विभाग की ओर से लक्ष्य की पूर्ति करने के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत मुख्यालय पर ई-मित्र की मशीनें तो लगा दी। लेकिन बिना ऑपरेटर एवं बिना प्रशिक्षण के लाखों रुपए लागत से लगी मशीनें कबाड़ हो रही हैं। विभाग ने इन मशीनों को चलाने के लिए अलग से ऑपरेटर की व्यवस्था न करके चिह्नित ई मित्र धारकों को ही इनके संचालन की जिम्मेदारी सौंप कर खानापूर्ति कर दी।

एक मशीन पर कई सुविधाएं

ई मित्र प्लस मशीन से आम आदमी मूल निवास प्रमाण पत्र, जमाबंदी की नकल, जन्म, मृत्यु प्रमाण पत्र, दिव्यांगता, पुलिस चरित्र प्रमाण पत्र प्रिंट किए जा सकते हैं। बिजली, पानी और टेफीफोन के बिल जमा करने सहित अन्य सुविधा दी गई है। वीसी के माध्यम से सरकार की ओर से चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी लेने एवं एक्सपर्ट से प्रशिक्षण भी ले सकते हैं। इसके साथ ही इनमें पेंशन धारक सत्यापन भी नि:शुल्क कर सकते हैं।

बॉयामेट्रिक डिवाइस से लैस है मशीन

ग्रामीण क्षेत्र में ई मित्र प्लस मशीनों के साथ दो डिस्प्ले स्क्रीन (मॉनीटर), एक प्रिंटर, स्पीकर, कार्ड एक्सेप्टर, बॉयोमेट्रिक डिवाइस केस एक्सेप्टर व कैमरा उपकरण लगाए गए हैं। जबकि शहरी क्षेत्र में एक डिस्प्ले स्क्रीन (मॉनीटर) एक प्रिंटर, स्पीकर, कार्ड एक्सेप्टर, बॉयोमेट्रिक डिवाइस केस एक्सेप्टर, कैमरा एवं पीवीसी कार्ड प्रिंटर उपकरण लगाए गए हैं।

कहां पर कितनी मशीन

जिले में कुल मशीन 265शहरी क्षेत्र 72

ग्रामीण क्षेत्र 193

- जिले में शहर से लेकर ग्राम पंचायत में मशीनें लगाई गई हंै। सरकारी कार्यालय में लगी मशीनों का संचालन उसी विभाग को दिया गया है। मशीनें बंद हैं तो इसकी जानकारी की जाएगी। कोई समस्या होगी तो इंजीनियर भेजकर दुरस्त कराया जाएगा।

- लोकेश शाक्यवाल, एसीपी (उप निदेशक), प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग धौलपुर