साल भर में चार बार नवरात्रि आती हैं। जिसमें चैत्र और शारदीय नवरात्रि के साथ दो गुप्त नवरात्रि भी मनाई जाती हैं। हिन्दू पंचांग के अनुसार चैत्र नवरात्रि के साथ ही हिन्दू कलेण्डर के नव वर्ष का भी आगाज हो जाता है। इस बार चैत्र नवरात्रि का आगाज ३० मार्च से होने जा रहा है। ज्योतिषार्चों के अनुसार इस बार की नवरात्रि नौ दिन नहीं बल्कि आठ दिनों की होगी। पंचांग के अनुसार चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 30 मार्च से होगी और समापन 6 अप्रेल को। 30 अप्रेल को ही घर-घर में कलश स्थापन की जाएगी। वहीं माता दुर्गा की प्रस्थान और आगमन की सवारी इस साल चैत्र नवरात्रि में एक ही रहने वाला है, वह सवारी है हाथी। यानी इस बार के चैत्र नवरात्रि में हाथी पर सवार होकर माता दुर्गा का आगमन और प्रस्थान होने जा रहा है। हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र नवरात्रि की शुरुआत चैत्र मास शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होती है। इस दिन से हिंदू नववर्ष की शुरुआत भी होती है।
आठ दिन की हीगी चैत्र नवरात्री शास्त्री योगेश तिवारी बताते हैं कि पंचांग के अनुसार इस साल 9 दिन नहीं, बल्कि 8 दिनों का ही रहने वाला है नवरात्रि का त्योहार। जो अत्यंत दुर्लभ माना जाता है। चैत्र नवरात्र में पंचमी तिथि का छय रहने के कारण अष्टदुर्ग पूजा होने वाला है। यानी 8 दिन में ही माता दुर्गा के नौ रूपों की पूजा आराधना की जाएगी। चैत्र नवरात्र में पंचमी तिथि छय रहने के कारण नौ दिनों तक माता दुर्गा की पूजा आराधना नहीं, बल्कि 8 दिनों तक ही की जाएगी इसे अष्टदुर्ग पूजा भी कहा जाता है।
आठ दिन की हीगी चैत्र नवरात्री शास्त्री योगेश तिवारी बताते हैं कि पंचांग के अनुसार इस साल 9 दिन नहीं, बल्कि 8 दिनों का ही रहने वाला है नवरात्रि का त्योहार। जो अत्यंत दुर्लभ माना जाता है। चैत्र नवरात्र में पंचमी तिथि का छय रहने के कारण अष्टदुर्ग पूजा होने वाला है। यानी 8 दिन में ही माता दुर्गा के नौ रूपों की पूजा आराधना की जाएगी। चैत्र नवरात्र में पंचमी तिथि छय रहने के कारण नौ दिनों तक माता दुर्गा की पूजा आराधना नहीं, बल्कि 8 दिनों तक ही की जाएगी इसे अष्टदुर्ग पूजा भी कहा जाता है।