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संकट मे नौनिहाल: बिना फायर एनओसी के चल रहे 1848 विद्यालय

- जिले में सरकारी व निजी स्कूलों में नहीं हैं आग सुरक्षा के इंतजाम - शिक्षा विभाग के अधिकारियों को पता तक नहीं फायर सिस्टम के बारे में

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Naunihal in trouble: 1848 schools running without fire NOC

संकट मे नौनिहाल: बिना फायर एनओसी के चल रहे 1848 विद्यालय

धौलपुर. गर्मी बढऩे के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में आग लगने की घटनाएं भी होती रहती हैं। इसके बावजूद स्कूलों में आग की घटनाओं से बचने के लिए कोई भी पुख्ता इंतजाम नहीं है। इसमें सरकारी सहित निजी स्कूल भी शामिल हैं। जिसमें सबसे ज्यादा सरकारी स्कूल शामिल हैं। जहां पर प्राथमिक व माध्यमिक स्कूल में आगजनी जैसी घटनाओं से बचने के लिए स्कूल भवन में कोई भी इंतजाम नहीं। वहीं कुछ स्कूलों में गिने चुने दमकल यंत्र लगे हुए हैं।

जिले में सरकारी से लेकर निजी विद्यालयों को खोलने को लेकर शिक्षा विभाग की ओर से आग की सुरक्षा को लेकर बड़ी लापरवाहीं बरती जा रही है। विभाग के अधिकारी ने बिना फायर सेफ्टी के स्कूलों को संचालन की मान्यता दे दी है। केवल शपथ पत्र में उपकरण भराकर स्कूलों का संचालन शुरू करा दिया है। शिक्षा विभाग की ओर से लापरवाहीं बरती जा रही है। जिले में कक्षा एक से लेकर 12वीं तक 1140 सरकारी विद्यालय संचालित हो रहे है। इन में बिना अग्निशमन विभाग से फायर एनओसी लिए ही पढ़ाई हो रही है। काफी स्कूलों में शिक्षा विभाग की ओर से लिया गया शपथ पत्र के उपकरण भी विद्यालयों में नहीं लगें है।

वहीं 708 निजी विद्यालय कक्षा एक से 12वीं तक संचालित हो रहे है। इन बच्चों की सुरक्षा की जिम्मेदारी शिक्षा विभाग को नहीं है। बिना फायर सेफ्टी विभाग की एनओसी के स्कूल चल रहे हैं। जिसमें स्कूल प्रबंधन की ओर से नियमों को ताक पर रखकर बच्चों की जान खतरे में डाल रहे हैं। वहीं इस मामले में प्रशासन भी चुप है। इसके अलावा कुछ स्कूल ऐसे हैं। जिन्होंने फायर सेफ्टी विभाग से एनओसी ली नहीं। उन्होंने जालसाजी से एनओसी तैयार कराकर मान्यता ले ली।

मॉक ड्रिल की हो रही औपचारिकताएं-

जिले में समय-समय पर फायर विभाग की ओर से स्कूल में आपदा से निपटने के गुर विद्यार्थियों को प्रदान किए जा रहे हैं। जिसमें विद्यार्थियों को आगजनी जैसी घटनाओं के दौरान अपनी और दूसरों की सुरक्षा को लेकर भी जानकारी प्रदान की जाती है। जिसमें कई सरकारी व निजी स्कूलों में आग से निपटने के उपकरण न होने के कारण दमकल विभाग की ओर से अपने उपकरण ले जाकर वहां पर विद्यार्थियों को आग पर काबू पाने वाले उपकरणों को चलाना सिखाया जाता है। हैरानी की बात तो यह है कि स्कूल में इस तरह के उपकरण न होने के कारण विद्यार्थी आग लगने के दौरान किसका प्रयोग करेंगे। इसमें सिर्फ विद्यार्थियों को आग से निपटने के गुर सिखाकर औपचारिकताएं ही की जा रही हैं।

फर्जी आयुक्त की मोहर लगा जारी की एनओसी-

शहर में राजाखेड़ा बाइपास के रोड पर एक निजी विद्यालय ने फर्जी जालसाजी कर फायर एनओसी जारी करा ली। इसकी जानकारी जब नगर परिषद को हुई तो विद्यालय वाले से जानकारी जुटाई लेकिन वह सहीं जबाव नहीं दे सकता। इस एनओसी को फर्जी तरीके से पांच साल के लिए जारी किया गया है। जिसमें आयुक्त की मोहर व फर्जी हस्ताक्षक किए गए हे। इसकी जानकारी नगर परिषद को हुई तो शहर कोतवाली में मामला दर्ज कराया।

किसी भी स्कूल संचालक के पास फायर एनओसी नहीं है। बिना सुरक्षा इंतजामों के स्कूलों का संचालन हो रहा है। केवल एक स्कूल की जारी हुई है। शिक्षा विभाग को इसकी जानकारी दे दी गई है। जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।

- वृषभान सिंह, सहायक अग्निशमन अधिकारी नगर परिषद धौलपुर

उनकी जानकारी में नहीं है कि स्कूल संचालन करने वालों ने एनओसी ली है या नहीं इसके बारे में वह कुछ कह नहीं सकते है।

- महेश कुमार मंगल, जिला शिक्षा अधिकारी धौलपुर