
तकनीक से ट्रैक की गहराई तक सुरक्षा सुनिश्चित
- आगरा रेल मंडल में 1509 किमी ट्रैक की नियमित जांच
धौलपुर.आगरा रेल मंडल की ओर से यात्री सुविधाओं के साथ-साथ रेल बुनियादी ढांचे के सुदृढ़ीकरण की दिशा में लागतार कार्य किए जा रहे है। आगरा मंडल जल्द डिजिटल कवच से लैस होगा। आगरा मंडल में रेल पटरियों की आंतरिक संरचना की सूक्ष्म जांच के लिए अल्ट्रासोनिक फ्लॉ डिटेक्शन तकनीक का प्रभावी उपयोग किया जा रहा है। यह नवीनतम तकनीक रेल की पटरियों में समय के साथ उत्पन्न होने वाले आंतरिक दोषों को प्रारंभिक अवस्था में ही चिन्हित कर लेती है, जिससे आवश्यक अनुरक्षण कार्य समय पर पूरा किया जा सके और यात्री व मालगाडिय़ों का परिचालन पूरी तरह सुरक्षित और संरक्षित रह सके।
आगरा मंडल में वर्तमान में लगभग 1509 किलोमीटर ट्रैक की नियमित रूप से मशीनों से जांच की जा रही है। इस जांच की आवृत्ति ट्रेनों के आवागमन के घनत्व पर आधारित होती है और मंडल के विभिन्न सेक्शनों में प्रत्येक दो से चार माह में ट्रैक की जांच की जाती है।
बी-स्कैन मशीनों से पटरियों की जांच
मंडल में वर्तमान में कुल 09 यूएसएफडी टीमों का गठन किया गया है, जिनमें 13 प्रशिक्षित इंजीनियर कार्यरत हैं। ये सभी इंजीनियर बी.स्कैन मशीनों से लैस हैं, जो ट्रैक की आंतरिक स्थिति को डिजिटल रूप में दर्ज कर तुरंत विश्लेषण की सुविधा प्रदान करती हैं। वेल्ड की सटीक जांच के लिए सभी टीमों को डिजिटल वेल्ड टेस्टर भी प्रदान किए गए हैं। जिससे वेल्डिंग खामियों का सटीकता से पता लगाया जा सके।
तैयार हो रहा डिजिटल रेकॉर्ड
ट्रैक जांच के दौरान संपूर्ण कार्य का डिजिटल रेकॉर्ड तैयार किया जाता है, जिसे विश्लेषण कर आवश्यक कार्रवाई की जाती है। वर्ष 2025-26 में मंडल के स्तर पर 3612.1 किलोमीटर ट्रैक, 24527 वेल्ड, 1673 टर्नआउट और 1745 स्वीच एक्सपेंशन जॉइंट्स की सूक्ष्मता से जांच की गई। इस जांच के दौरान विभिन्न नए फ्लॉ चिन्हित किए गए, जिनकी तत्काल मरम्मत कर दी गईए जिससे ट्रेनों के संचालन में कोई व्यवधान न आए और संरक्षा मानकों का पूर्ण पालन हो सके।
Updated on:
21 Nov 2025 06:34 pm
Published on:
21 Nov 2025 06:33 pm
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