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ट्रेन हादसों को रोकेगा रेलवे का ‘कवच‘, उड़ीसा हादसे से रेलवे ने लिया सबक, आगरा सेक्शन में काम शुरू

धौलपुर. उड़ीसा में हुए हादसे के बाद भारतीय रेलवे ने यात्री सुरक्षा पर खासा ध्यान दे रहा है। अब रेलवे ने ‘कवच योजना’ पर वापस काम शुरू कर दिया है। आगरा डिवीजन में मथुरा-पलवल ट्रेक पर कार्य शुरू हो गया।

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Railway's 'Kavach' will prevent train accidents, Railways took lesson from Orissa accident, work started in Agra section

ट्रेन हादसों को रोकेगा रेलवे का ‘कवच‘, उड़ीसा हादसे से रेलवे ने लिया सबक, आगरा सेक्शन में काम शुरू

धौलपुर. उड़ीसा में हुए हादसे के बाद भारतीय रेलवे ने यात्री सुरक्षा पर खासा ध्यान दे रहा है। अब रेलवे ने ‘कवच योजना’ पर वापस काम शुरू कर दिया है। आगरा डिवीजन में मथुरा-पलवल ट्रेक पर कार्य शुरू हो गया। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में धौलपुर सेक्शन भी कार्य शुरू हो जाएगा। इस ट्रेक पर कार्य होने के बाद बतौर ट्रॉयल पर पहली ट्रेन हजरत निजामुद्दीन-भोपाल वंदे भारत ट्रेन पर निकाला जा सकता है। गौरतलब रहे कि दिल्ली-मुंबई लाइन पर भारी यातायात रहता है। हाल ये है कि इस लाइन पर लगातार ट्रेनें निकलती हैं और कंट्रोलर को टे्रनों को समय से निकालने में खासा मशक्कत करनी पड़ती है। वहीं, एनसीआर के आगरा मण्डल के धौलपुर स्टेशन से 24 घंटे में करीब 180 ट्रेनें गुजरती हैं। इसमें मालगाड़ी भी शामिल हैं। धौलपुर सेक्शन में अप लाइन से करीब 81 ट्रेन और शेष डाउन लाइन निकलती हैं।

मथुरा-पलवल सेक्शन में कार्य शुरू

आगरा मण्डल में रेलवे कवच योजना को लेकर मथुरा-पलवल सेक्शन में कार्य शुरू हो गया है। इस सेक्शन के बाद कार्य धीरे-धीरे आगे बढ़ेगा। गौरतलब रहे कि यह रेलवे का मुख्य ट्रेक है और इस लाइन पर सैकड़ों की संख्या में ट्रेनों का आना-जाना बना रहता है। रेलवे के अनुसार इस ट्रेक सिग्नल, टॉवर समेत अन्य कार्य हो रहे हैं। उधर, इस सेक्शन में संचालित इंजनों में भी सुधार होगा। जिसके बाद ही यह सिस्टम कार्य कर सकेगा।

वंदे भारत ट्रेन पर हो सकता है ट्रॉयल

सूत्रों के अनुसार दिल्ली-मुंबई रेलवे लाइन पर कवच योजना को लेकर कार्य चल रहा है। माना जा रहा है कि इस ट्रेक पर कार्य होने के बाद सबसे पहले भोपाल-हजरत निजामुद्दीन वंदे भारत ट्रेन पर ट्रॉयल हो सकता है। आगरा डिवीजन में फिलहाल मथुरा-पलवल सेक्शन में कार्य चल रहा है। इसके बाद कार्य आगे बढ़ेगा। धौलपुर भी आगरा मण्डल में आता है। उधर, झांसी मण्डल में भी सुरक्षा कवच को लेकर कार्य चल रहा है।

कवच पर करोड़ों रुपए का आएगा खर्चा

रेलवे कवच योजना पर रेलवे पर करोड़ों रुपए का अतिरिक्त भार आएगा। योजना में एक इंजन में 70 लाख और एक किमी ट्रेक पर खर्चा करीब 50 लाख रुपए तक आएगा। योजना के तहत देश अभी 1600 किमी कवच है। जबकि इसको बढ़ाकर 3 हजार तक कवच की तैयारी है। इसमें राजस्थान में 425 किमी, यूपी में 900, झारखंड में 225, बिहार में 350 और महाराष्ट्र समेत अन्य में प्रदेशों में कार्य होगा। इसमें दिल्ली-मुंबई ट्रेक भी शामिल है।

यूं कार्य करती है कवच तकनीक

रेलवे कवच योजना में हाई फ्रीक्वेंसी के रेडियो कम्युनिकेशन का इस्तेमाल किया जाता है। कवच प्रणाली तीन स्थितियों में काम करती है। इसमें हेड ऑन टकराव, रियर एंड टकराव व सिग्नल खतरा शामिल है। कवच प्रणाली को हर स्टेशन और एक किलोमीटर की दूरी पर लगाया जाता है। कवच तकनीक को लाइन और रेलवे सिस्टम में भी लगाया जाता है। ये सभी सिस्टम एक दूसरे के साथ अल्ट्रा हाई रेडियो फ्रीक्वेंसी पर कम्युनिकेट करते हैं। ट्रेन चलाते समय लोको पायलट किसी सिग्नल को जंप या कोई गलती करता है। ऐसे में कवच प्रणाली सतर्क हो जाती है। ट्रेन के ब्रेक कंट्रोल कर लेती है। इसके अलावा अगर एक ही पटरी पर दूसरी ट्रेन भी आ रही है तो वह दूसरी ट्रेन को अलर्ट भेजकर कुछ दूरी पहले उसे रोक देती है।

- आगरा मण्डल में मथुरा-पलवल ट्रेक पर रेलवे कवच योजना को लेकर कार्य चल रहा है। कार्य पूर्ण होने के बाद इस सेक्शन में आगे कार्य होगा। इसमें ट्रेक के साथ इंजन में बदलाव होगा। जिससे भविष्य में रेल सफर और अधिक सुरक्षित होगा।- प्रशस्ति श्रीवास्तव, पीआरओ, आगरा रेल मण्डल