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पत्नी के शिक्षक बनने पर धोक लगाने खाटू गया था परिवार, लौटते वक्त हुआ दर्दनाक हादसा, 6 लोगों की मौत के बाद छाया मातम

Rajasthan Road Accident: रूपवास जिले के रूपवास थाने के गांव खानसूरजापुर के पास रविवार देर रात गौवंश को बचाने में निजी बस व कार भी भिड़ंत हो गई। इसमें दो परिवार के छह लोगों की मौत हो गई। मृतक साढ़ू हैं और उनकी पत्नियां आपस में सगी बहनें हैं।

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धौलपुर. Rajasthan Road Accident: रूपवास जिले के रूपवास थाने के गांव खानसूरजापुर के पास रविवार देर रात गौवंश को बचाने में निजी बस व कार भी भिड़ंत हो गई। इसमें दो परिवार के छह लोगों की मौत हो गई। मृतक साढ़ू हैं और उनकी पत्नियां आपस में सगी बहनें हैं। मृतकों में दोनों दंपती की बेटी व बेटा भी शामिल है। मृतक पत्नी सुधा के शिक्षक बनने पर साढ़ू के परिवार को लेकर खाटूश्यामजी से धोक लगाकर धौलपुर लौट रहा था।

पुलिस के अनुसार बड़े साढ़ू संतोष की पत्नी सुधा का हाल में रीट परीक्षा में शिक्षक पद के लिए चयन हुआ था। चयन होने पर उन्होंने परिवार समेत खाटूश्यामजी में धोक लगाने की मन्नत मांगी गई थी। इस पर दोनों परिवार एक ही गाड़ी से खुशी के अवसर पर खाटूश्याम मंदिर में धोक लगाने गए हुए थे। परिवार शनिवार शाम को धौलपुर से रवाना हुआ था और रविवार को दर्शन करने के बाद शाम वहां वापस घर लौट रहे थे। जहां रास्ते में देर रात करीब एक बजे खानसूरजापुर के पास सांड सामने आने से निजी बस बेकाबू हो गई और कार से भिड़ गई। इसमें कार सवार हरेंद्र सिंह (32) पुत्र हेतराम निवासी मिडवे होटल के पीछे थाना निहालगंज धौलपुर, हरेंद्र की पत्नी ममता (30), बेटी जान्हवी व साढू संतोष लोधा पुत्र गोपाल निवासी खरगपुर थाना सदर धौलपुर, संतोष की पत्नी सुधा व बेटे अनुज की मौत हो गई। जबकि हरेंद्र की बड़ी बेटी आयशा (16) और एक साल का बेटा कान्हा, संतोष का बड़ा बेटा भावेश (15) घायल हो गए है। इनकी हालत फिलहाल खतरे से बाहर बताई गई है। पुलिस ने छह मृतकों के शवों का पोस्टमार्टम कराया। वहीं कार को हरेंद्र लोधा चला रहा था। हादसे के बाद हाइवे पर जाम लग गया तो पुलिस ने जेसीबी मशीन की मदद से दोनों दुर्घटनाग्रस्त वाहनों को हाइवे से हटवाकर जाम को खुलवाया। वाहनों को रात में ही थाना परिसर में खड़ा किया।
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हर दिन हादसे...नेशनल हाइवे पर मौत बनकर दौड़ रहा गौवंश
आगरा-बीकानेर राष्ट्रीय राजमार्ग से लेकर धौलपुर-भरतपुर नेशनल हाइवे तक आवारा गौवंश का आतंक है। आए दिन हादसे हो रहे हैं। ऐसे में लोगों को वाहन चलाने में सावधानी बरतने की आवश्यकता है। एक सप्ताह पहले भी नेशनल हाइवे पर सांड से टकराने के कारण बाइक सवार की मौत हो गई थी। इसके अलावा दर्जनों हादसे आवारा गौवंश के कारण हो चुके हैं।

हादसे के बाद जब पुलिस पहुंची तो कार खून से लाल थी। हादसा इतना वीभत्स था कि कार पूरी तरह से पिचक गई। मृतक रीट का परिणाम आने के बाद से ही खाटूश्यामजी जाने की योजना बना रहा था। ऐेसे में बच्चों को स्कूल की ज्यादा छुट्टी न करनी पड़े। इसलिए शनिवार-रविवार का प्लान बनाया। थानाधिकारी बनीसिंह गुर्जर ने बताया कि भरतपुर कंट्रोल रूम से सूचना मिलने पर घाटोली चौकी इंचार्ज सियाराम धाकड़, उपनिरीक्षक ब्रजेन्द्र शर्मा निजी, सरकारी वाहनों, नेशनल हाइवे की पेट्रोलिंग गाड़ी व एम्बुलेंस के साथ मौके पर पहुंचे।

मृतक संतोष चलाता था निजी लाइब्रेरी
हादसे में मृत संतोष यहां गऊशाला कॉलोनी में निजी लाइब्रेरी चलाता था। जबकि पत्नी सुधा पढ़ाई कर रही थी। वह पहले भी दो बार पहले भी कम नम्बरों से रीट में रह गई थी। लेकिन इस दफा वह सफल रही। जिस पर परिवार के सदस्य खुशी में दर्शन करने गए हुए थे। उधर, हरेन्द्र परिवार में इकलौता था, वह टावर इत्यादि का कार्य करता था।
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आधी रात को ही होते हैं ज्यादातर हादसे
सूनी सडक़, तेज रफ्तार और ठंडी हवाओं के झोंके मतलब हादसा। ये कुछ ऐसे कारण हैं जो अक्सर ही हादसे की वजह बनते हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि दिन के बजाए रात में हादसों की आशंका अधिक होती है। ड्राइवर के साथ बैठा व्यक्ति बिल्कुल सजग रहे। वह ड्राइवर से लगातार बात करे, ताकि उसे नींद आए। सुनसान रोड होने पर भी हॉर्न देते रहें, इससे पशु भी गाड़ी के आगे आने से बचेंगे। विशेषज्ञ बताते हैं कि सभी लोग सीट बेल्ट जरूर बांधे। सीट बेल्ट लगाने पर ही एयर बैग खुलते हैं। इससे जान जाने के चांस कुछ कम हो जाते हैं। खाना खाने के तुरंत बाद ड्राइविंग ना करें। कुछ देर आराम करने के बाद ही ड्राइविंग करें। लंबी ड्राइविंग पर जाना हो तो हल्का भोजन करें। खाने में सलाद का सेवन ज्यादा करें। रास्ते मेें थकान होने पर गाड़ी रोकें और बार-बार ठंडे पानी से चेहरा आंखें धोते रहें।

बेटा बोला: नींद में थे, अचानक हुआ धमाका
हादसे में घायल संतोष का बड़े बेटे भावेश को परिजनों ने उसके माता-पिता व भाई की मौत की बात नहीं बताई है। उसने बताया कि रात को हम सभी भाई.बहन व मम्मी तो नींद में थे। अचानक पापा व मौसाजी के तेज चिल्लाने की आवाज आई और अचानक लगा कि कोई बड़ा विस्फोट सा हो गया है। वो दोनों हम सभी भाई-बहनों का नाम पुकार रहे थे। इसके बाद मुझे कुछ भी मालूम नहीं है। जब होश आया तो खुद को अस्पताल के बेड पर पड़ा पाया।