
Sand Price: धौलपुर। राजस्थान में धौलपुर जिले की पहचान चंबल नदी से जितनी विख्यात है तो अवैध बजरी को लेकर आए दिन आने वाले मामलों से कुख्यात भी हो गई है। जिले में बड़े इलाके से निकल रही चंबल नदी बजरी माफिया के लिए वरदान साबित हो रही है। बजरी माफिया बजरी से करोड़ों रुपए की कमाई कर रहा है जबकि सरकार को एक धेला भी नहीं मिल रहा है।
उधर, बीते एक साल से पुलिस प्रशासन ने अवैध बजरी पर नकेल कसने का प्रयास किया। हालांकि, कामयाबी हाथ नहीं मिली लेकिन अवैध बजरी परिवहन में कुछ कमी आई है। इसका असर ये हुआ कि बजरी के भाव आए दिन बढ़ रहे हैं।
पुलिस सख्ती से पहले जो बजरी की ट्रेक्टर-ट्रॉली 2 से 3 हजार रुपए में मिल जाती थी, अब उसके लिए आम व्यक्ति को डबल दाम 5 से 6 हजार रुपए ढीले करने पड़ रहे हैं। पुलिस कार्रवाई से जिले में बजरी भाव आसमान छू रहे हैं। अवैध बजरी के करोड़ों रुपए के धंधे को लेकर राज्य सरकार भी अभी तक समाधान नहीं निकाल पाई है।
धौलपुर शहर से लगी चंबल नदी का इलाका चंबल घडिय़ाल सेंचुरी के अंतर्गत आता है। यहां से बजरी निकासी पर सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश के तहत प्रतिबंधित कर रखा है। नतीजा ये हुआ कि बजरी की उपलब्धता कम होने लगी। धीरे-धीरे बजरी माफिया पनप गया और वह अपने हिसाब से बजरी की बिक्री करने लगा है।
धौलपुर शहर के आसपास से जहां ट्रेक्टर-ट्रॉलियों से बजरी का परिवहन होता है। अवैध बजरी का जिले में दूसरे बड़े केन्द्र राजाखेड़ा इलाके से बड़े वाहनों से बजरी की ढुलाई होती है। वहीं, पड़ोसी मध्यप्रदेश की तरफ से रात्रि के समय अवैध बजरी के ट्रोला और ट्रेलर निकलते हैं तो आगरा मण्डी में सप्लाई करते हैं।
जिले में बजरी पर पूरी तरह से माफिया का कंट्रोल है। ऑर्डर मिलने पर माफिया के लोग रात में ट्रेक्टर-ट्रॉलियों से बजरी सप्लाई करते हैं। खास बात ये है कि आप मोलभाव नहीं कर सकते हैं। बजरी उनके अलावा कोई और सप्लाई नहीं कर सकता है। सुप्रीम कोर्ट के प्रतिबंध के चलते बजरी को बेचना अवैध है। इसलिए बिल्डिंग मटैरियल की दुकान पर बजरी नहीं मिलती। इन दिनों बजरी के दाम बढऩे से जिलेभर में सरकारी से लेकर निजी निर्माण कार्य प्रभावित हो रहे हैं।
जिले में अवैध बजरी परिवहन को रोकने लिए लगातार अभियान छेड़ रखा है। बीते साल पुलिस ने करीब 2 हजार टन बजरी को जब्त किया। जबकि अवैध बजरी परिवहन कर रहे 256 वाहनों को सीज किया। पुलिस की सख्ती का अंदाज इसी से लगाया जा सकता है कि साल 2023 में पुलिस ने करीब 769 टन अवैध बजरी को जब्त किया था। पुलिस ने बीते साल 11 दिसम्बर को बजरी माफिया के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की।
पुलिस ने मौरोली व देवपुरा के घाटों पर दबिश देकर अवैध बजरी परिवहन में लगे 34 ट्रेक्टर-ट्रॉलियों को जब्त किया था। चंबल बजरी पर सख्ती के चलते अब जिले में सिंध नदी की बजरी भी पहुंचने लगी है। सिंध की बजरी पड़ोसी मध्यप्रदेश से धौलपुर पहुंचती है। हालांकि, यह बजरी रवन्ना कटकर आती है। सिंघ की बजरी धौलपुर जिले में 4 से 6 हजार रुपए प्रति ट्रेक्टर-ट्रॉली में उपलब्ध है। लेकिन लोग अभी इसे ज्यादा पसंद नहीं कर रहे हैं। पहली प्राथमिकता चंबल नदी की बजरी को ही देते हैं। मकान निर्माण में चंबल बजरी की पकड़ बेहतर होने से लोग इसको पसंद करते हैं।
जिले में राजाखेड़ा थाना क्षेत्र के चंबल घाट में गढ़ी टिटावली, समौना, बसई घीयाराम, दगरा बरथला, शंकरपुरा, कछहारा, भूड़ा, गढ़ीजाफर घाट और दिहौली थाने में अण्डवा पुरैनी मुख्य रूप से बजरी निकाली जाती है। इसी तरह धौलपुर शहर कोतवाली अंतर्गत गांव मोरोली, तिर्घरा, घुरैया खेड़ा, चंबल रेलवे पुल के आसपास का क्षेत्र है। वहीं, थाना बसई डांग के नगर, रजई, सेवर तथा बाड़ी सदर में बीहड़ किनारे कुछ गांवों से अवैध बजरी निकासी होती है।
Updated on:
26 Mar 2025 03:53 pm
Published on:
26 Mar 2025 02:30 pm
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