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तीस दिन बिना सूचना रहा अवकाश पर, विभागीय नोटिस में की काटछांट, जांच टीम की जांच रिपोर्ट के बाद बाबू निलम्बित

धौलपुर. शिक्षा विभाग में तैनात कनिष्ठ सहायक भोगेन्द्र सिंह बिना सूचना दिए १० जुलाई से ९ अगस्त तक अवकाश पर रहा। बाबू के कार्यालय में ना आने पर सीबीईओ सरमथुरा जितेन्द्र सिंह ने जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र भेजकर इनके बाबू की अनुपस्थित की जानकारी विभाग को दी।

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Remained on leave for 30 days without notice, truncation in departmental notice, Babu suspended after investigation report of investigation team

तीस दिन बिना सूचना रहा अवकाश पर, विभागीय नोटिस में की काटछांट, जांच टीम की जांच रिपोर्ट के बाद बाबू निलम्बित

धौलपुर. शिक्षा विभाग में तैनात कनिष्ठ सहायक भोगेन्द्र सिंह बिना सूचना दिए १० जुलाई से ९ अगस्त तक अवकाश पर रहा। बाबू के कार्यालय में ना आने पर सीबीईओ सरमथुरा जितेन्द्र सिंह ने जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र भेजकर इनके बाबू की अनुपस्थित की जानकारी विभाग को दी। जिसके बाद बाबू ने उस सरकारी पत्र में अनुपस्थित की जगह पर काटछांट करके उपस्थित दर्शा दिया। विभाग को हेराफेरी की जानकारी हुई तो बाबू को सीबीईओ सरमथुरा से राजकीय विद्यालय मढ़ा कांकौली में भेजकर तैनात कर दिया। जिसके बाद पत्रिका ने बाबू के किए कारनामे की खबर प्रमुखता से प्रकाशित कीं। जिसके बाद शिक्षा विभाग ने सोमवार को बाबू भोगेन्द्र सिंह को निलंबित कर दिया।

गौरतलब रहे कि शिक्षा में तैनात बाबू भोगेन्द्र सिंह पूर्व में प्रधानाचार्य से भी दुव्र्यवहार कर चुके हैं। जिसकी शिकायत उच्चाधिकारियों से की गई थी। जिसके बाद इन्हें दूसरी जगह भेज दिया था। लेकिन अब बाबू भोगेन्द्र ने शिक्षा विभाग के साथ ही हेराफेरी कर दी। जिसकी खबर पत्रिका ने २ सितम्बर को प्रमुखता से ‘बाबू ने मारी ३० दिन की छुट्टी, विभागीय पत्र में हेरफेरी कर दिखाया उपस्थित’ के नाम से प्रकाशित की थी। जिसके बाद शिक्षा विभाग ने इनके खिलाफ प्रथम जांच करने के लिए दो सदस्य टीम गठित कर दी थी। टीम ने बाबू की ओर से की गई हेराफेरी की रिपोर्ट तीन विभागों से एकत्रित करके कागजात उच्चाधिकारियों को सौंपे। जिसके बाद विभाग ने कनिष्ठ सहायक भोगेन्द्र सिंह को सोमवार को निलंबित कर दिया।

अनुपस्थित रहने के दौरान भी उठा लिया वेतन

प्रशिक्षु भोगेन्द्र अपने कार्य व्यवहार को लेकर विभाग में चर्चा का विषय था। जिला परिषद से भी उन्हें हटाया गया था। इन कारनामों की विभाग को जानकारी हुई तो जांच बैठी। बाबू ने जुलाई माह में अनुपस्थित रहने के दौरान भी उस माह का वेतन भी जुगाड़ से हस्ताक्षर कराकर निकाल लिया। जिसके इसके खिलाफ वित्तीय मामले की भी जांच शुरू हो गई थी।