बता दें कि राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय चांडियांन का पुरा पिछले दो वर्षों से एक बाबु के भरोसे संचालित हो रहा था। यहां पिछले माह प्रिंसिपल की नियुक्ति तो कर दी गई। लेकिन शिक्षक आज भी एक नहीं हैं। इससे अपने भविष्य के लिए चिंतित छात्र-छात्राओं में टीसी के लिए मारामारी हो रही है। पिछले दो वर्षों में विद्यालय का नामांकन गिरकर आधा रह गया हैए लेकिन सरकार सिर्फ वाहवाही की आस में दर्जा ही बढाती जा रही है और व्यवस्थाओं से पूरी तरह आंखे मूंद रखी हैं।
घोषणाओं का अंबार, क्रियान्वयन नहीं प्रदेश सरकार लोगों को खुश करने के लिए घोषणाओं की झड़ी लगा रही हैए लेकिन धरातल पर उनका क्रियान्वयन नहीं हो रहा है। सरकार ने चांडियान का पुरा में संचालित सरकारी स्कूल का दर्जा बढ़ा कर उसे माध्यमिक कर दिया। लेकिन यहां संसाधन नहीं बढ़ा। जिससे स्कूल का परिणाम गिर गया है। अंग्रेजी शिक्षा को लेकर शुरू किए गए अंग्रेजी माध्यम महात्मा गांधी विद्यालयों में भी शिक्षकों की कमी से हालात बिगड़ रहे हैं। वहीं दूरस्थ गांवो के विद्यालय तो बिल्कुल ही व्यवस्थाओं से वंचित होते जा रहे हैं।
स्कूल के हालात राजकीय विद्यालय चांडियांन का पुरा 2021 तक उच्च प्राथमिक दर्जे का विद्यालय था। इसमें 200 से भी अधिक का नामांकन। प्रधानाध्यापक और तीन अध्यापक भी तैनात थे। लेकिन 2021 में विद्यालय का दर्जा बढा दिया गया। वहीं तीनों अध्यापकों का भी ट्रांसफर कर दिया। इसके बाद प्रधानाध्यापक सेवा निवृत्त हो गए तो विद्यालय का भार एक बाबू के जिम्मे आ गयाए जबकि उसमें माध्यमिक स्तर का शिक्षण आरम्भ हो गया था।
12 में से 10 अनुत्तीर्ण विगत वर्ष में कक्षा दस में यहां 12 विद्यार्थी अध्ययनरत थेए लेकिन शिक्षकों के बिना वे अध्ययन कर ही नहीं पाए। इनमें से 10 अनुत्तीर्ण हो गए शेष दो भी बमुश्किल ही तृतीय श्रेणी से उत्तीर्ण हो पाए। बिगड़ती व्यवस्थाओं के कारण यहां का नामांकन गिरते हुए 105 तक आ पहुंचा। लेकिन न सरकार ने सुध नहीं ली है। जून माह में जारी सूची में यहां प्रिंसिपल की तैनाती तो कर दीए लेकिन शिक्षक अभी भी नहीं है।
– ब्लॉक शिक्षा अधिकारी की मदद से दो शिक्षक व्यवस्थाओं के लिए लगवाए हैंए लेकिन ये एक माह के लिए ही है। नियमित शिक्षकों के बिना समस्याए हैं। कोशिश करेंगे कि अच्छा परिणाम दे सकें।
– राकेश कुमार, प्रधानाचार्य, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय चांडियान का पुरा