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जीतू चंबल को धौलपुर से जयपुर में AK 47 देने वाला शिवराज गिरफ्तार, AGTF लॉरेंस गैंग से खंगाल रही संबंध

एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (एजीटीएफ) ने जीतू चम्बल से पूछताछ के बाद जयपुर में उसको एके 47 देने वाले शिवराज सिंह को गिरफ्तार किया।

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फोटो- पत्रिका

एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (एजीटीएफ) ने धौलपुर के राजाखेड़ा निवासी जीतू चम्बल से पूछताछ के बाद जयपुर में उसको एके 47 देने वाले शिवराज सिंह को गिरफ्तार किया। कालवाड़ रोड स्थित हाथोज निवासी शिवराज सिंह एके 47 कहां से लाया, अब इस संबंध में उससे पूछताछ चल रही है।

पूछताछ में जीतू चम्बल ने बताया था कि उसके हिस्ट्रीशीटर भाई रामदत्त ने तीन माह पहले जयपुर में शिवराज सिंह से एके 47 लाने यहां भेजा। यहां पर शिवराज उसको कालवाड़ रोड स्थित सुशांत सिटी लेकर पहुंचा, जहां क्रिकेट किट वाला बैग दिया, जिसे उसके सामने ही खोलकर देखा तो उसमें एके 47 रखी थी। बैग को कार में रख दिया और शिवराज ने उसे वहां से धौलपुर जाने का रास्ता बताकर भेज दिया था।

एजीटीएफ ने धौलपुर के राजाखेड़ा से जीतू व उसके पिता तेजपाल ठाकुर को गिरफ्तार किया था। आरोपियों से एके 47 व 34 कारतूस बरामद किए थे। जीतू का भाई रामदत्त 8 मई को एजीटीएफ पर 9 राउण्ड फायर कर भाग गया था। एजीटीएफ पड़ताल कर रही है कि जीतू चम्बल गैंग के लॉरेंस बिश्नोई गैंग से क्या संबंध है।

हथियार देने वाला महेन्द्र एके 47 लेकर भागा था

श्याम नगर में घर में घुसकर सुखदेव सिंह गोगामेड़ी व सीकर में राजू ठेहठ की हत्या करने वाली गैंग के पास भी एके 47 थी। हालांकि लॉरेंस से जुड़ी गैंग ने दोनों ही वारदात में पिस्टल से फायरिंग की थी। गोगामेड़ी हत्याकांड के बाद शूटर्स को हथियार उपलब्ध कराने वाला कोटा का तस्कर महेन्द्र जगतपुरा में फ्लैट खाली कर भाग गया था। उसके फ्लैट में एके 47 की फोटो पुलिस को मिली थी।

महेन्द्र भागने से पहले हथियारों को गैंग के अन्य सदस्यों को देकर चला गया था। एजीटीएफ जांच कर रही है कि जीतू से बरामद एके 47 महेन्द्र के घर मिली फोटो वाली है या नहीं।

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