18 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

रेलवे पुलिया से पानी निकासी की गति धीमी, जलभराव से फिर समस्या

शहर में पुरानी भारती टॉकीज की तरफ कॉलेज फाटक की तरफ जाने वाले रास्ते पर तीन दिन हुई बरसात के बाद यहां खलतियों में वापस जलभराव हो गया है। वहीं, पानी निकासी के लिए रेलवे की ओर से बनाई पुलिया में से जल निकासी की गति बेहद धीमी है।

2 min read
Google source verification
रेलवे पुलिया से पानी निकासी की गति धीमी, जलभराव से फिर समस्या Slow speed of water drainage from railway culvert, waterlogging again a problem

- बरसात का पानी नालों से होकर खलतियों में हुआ जमा

- दमापुर समेत अन्य इलाकों में पानी घुसने की समस्या

धौलपुर. शहर में पुरानी भारती टॉकीज की तरफ कॉलेज फाटक की तरफ जाने वाले रास्ते पर तीन दिन हुई बरसात के बाद यहां खलतियों में वापस जलभराव हो गया है। वहीं, पानी निकासी के लिए रेलवे की ओर से बनाई पुलिया में से जल निकासी की गति बेहद धीमी है। इसकी वजह पुलिया की हाइट होना है। पानी नीचे की तरफ है और वह अधिक पानी होने पर पुलिया के मुहाने पर पहुंचता है। पानी की कम निकासी होने से फिर से स्टेशन के पीछे लगे रहवासी इलाकों में जलभराव की समस्या उत्पन्न हो गई। समस्या को लेकर दमापुर के लोगों ने सांसद भजनलाल जाटव से शिकायत की थी, जिस पर सांसद ने गत दिनों ने इलाके का जायजा लिया और रेलवे प्रशासन को सुधार करने के निर्देश दिए थे। लेकिन खास असर नहीं हुआ। उधर, सांसद ने कहा कि समस्या को रेलवे प्रशासन ने गंभीरता से नहीं लिया तो इस संबंध में रेल मंत्री अनिल वैष्णव से स्थिति से अवगत कराएंगे।उधर, नगर परिषद प्रशासन की ओर से भी जल निकासी को लेकर ठोस कदम नहीं उठा पाई है। अग्रवाल धर्मशाला और गडरपुरा मोहल्ले की तरफ से होकर भारी मात्रा में शहर का गंदा पानी खलतियों में जा रहा है। बरसात होने पर रफ्तार और बढ़ जाती है। लेकिन नगर परिषद खलती में जा रहे पानी के लिए अभी तक पक्का नाले का निर्माण नहीं कर पाई है। जिससे गंदा पानी खलती में फैल रहा है।

बरसात में कॉलोनियों में फिर से घुसेगा पानी

खतली के आसपास की कॉलोनी और मोहल्ले के रहवासी चितिंत है कि बरसात के दौरान खलती के ओवरफ्लो होने के बाद पानी वापस बैक मारेगा और जलभराव होगा। बीते साल भी बरसात के सीजन में इस इलाके में भारी जलभराव रहा था। उस समय पुलिया भी नहीं बनी थी, जिससे पानी निकासी नहीं हो पा रही थी।