शहर में मात्र 7 ऑटो टिपर ही संचालित नगर परिषद क्षेत्र में 60 वार्ड आते हैं और पहले सभी वार्डों में ऑटो टिपर बकायदा जाकर कचरा संग्रहण करते थे। लेकिन करीब छह माह से स्थिति बिगड़ चुकी है। ज्यादातर ऑटो टिपर खराब पड़े हैं और मरम्मत नहीं होने से शहर में घरों से कचरा संग्रहण नहीं हो पा रहा है। हाल में कुछ ऑटो टिपर सही कराए लेकिन वे गिने-चुने और वीआईपी इलाके में ही पहुंच रहे हैं। इनकी संख्या मात्र 7 है, जो एक सीमित क्षेत्र से ही कचरा उठा पा रहे हैं। बता दें कि शहर में प्रतिदिन करीब 35 टन से अधिक कचरा उठता है।
घरों के बाहर कचरा फेंक रहे लोग उधर, शहर में कचरा संग्रहण नहीं होने से लोग घरों के आसपास कचरा डाल रहे हैं। जिससे कई दफा दूसरे लोगों के आपत्ति जताने से विवाद की स्थिति बन जाती है। भामतीपुरा निवासी पवन गौड ने बताया कि ऑटो टिपर काफी समय से नहीं आ रहा है। बाहर कचरा डालते हैं तो सफाई कर्मी नाराजगी जताते हैं। जिससे पॉलिथिन में ले जाकर कचरा दूर रखे कचरा पात्र में डालने जाना पड़ता है। इसी तरह सोनू का कहना है कि गाड़ी की काफी समय से आवाज ही नहीं सुनी। ऑटो टिपर नहीं आने से समस्या खड़ी हो गई। कई दफा कचरा नहीं फेंकने से दुर्गंध उठने लगती है।
अधिकारियों पर रटा-रटाया जवाब, करा रहे सही उधर, नगर परिषद के अधिकारियों से ऑटो टिपर को लेकर पूछने पर एक ही जवाब देते हैं। गाडिय़ां खराब पड़ी है, उन्हें धीरे-धीरे सही करवा रहे हैं। जल्द ही घर-घर से कचरा उठाने की व्यवस्था को दुरस्त किया जाएगा। लेकिन अभी तक स्थिति में कोई सुधार नहीं दिखा।