
गलफांस बनी नि:शुल्क योजना की टेंडर प्रक्रिया, नहीं हो रहीं 40 तरह की जांचें
गलफांस बनी नि:शुल्क योजना की टेंडर प्रक्रिया, नहीं हो रहीं 40 तरह की जांचें
- दो माह बाद से लटका है जांच केन्द्र पर ताला, लोग परेशान
- अब अपने स्तर पर टेंडर करा जांचें शुरू कराने की कवायद
धौलपुर. राज्य सरकार की ओर से मुख्यमंत्री नि:शुल्क जांच योजना के अलावा प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों में संचालित नि:शुल्क क्रिटिकल जांच सुविधा निविदा प्रक्रिया में उलझ गई है। पिछले करीब दो माह से कैंसर व थायरॉयड समेत 40 तरह की महंगी जांचे बंद पड़ी हैं। इससे सरकार की ओर से नि:शुल्क इलाज के दावे भी प्रभावित हो रहे हैं। मरीजों को जेब ढीली कर बाजार में महंगे दाम पर जांचें करानी पड़ रही है। यहां जिला अस्पताल में भी 31 अगस्त 2022 तक यह सुविधा चालू थी, लेकिन एक सितम्बर से बंद है।
यह महंगी जांचें हैं बंद
निविदा प्रक्रिया फाइनल नहीं होने से यहां जिला अस्पताल में माइक्रोबायलॉजी की यूरियन सी एण्ड एस, सीएसएफ कल्चर, सेरेलॉजी की एएनए, क्लिनिकल पैथेलॉजी की माइक्रोएल्बूमिनूरिया और सायटोलॉजी के तहत की जाने वाली जांच तथा थायरॉइड, कैंसर, विटामिट-बी 1, एफटी 3, एफटी 4, पीएसए फ्री, पीएसए टोटल, टॉर्च प्रोफाइल, इंसूलीन, सीआरपी कॉन्टीटेटीव, आयरन आदि एमूनेसे की 26 जांचें तथा हेमेटॉलॉजी की बोनमैरो, डब्ल्यूबीसी साइयटो कैमिस्ट्री, थैलेसीमिया एचपीएलसी व हिस्टॉपैथोलॉजी की बायोप्सी, आईएचसी समेत 40 तरह की महंगी जांचें बंद हो गई हैं।
अटक गई सुविधा
राज्य सरकार की ओर से शुरू की गई मुख्यमंत्री निशुल्क जांच योजना के बाद पीपीपी मोड पर कृष्णा डायग्नोस्टिक प्राइवेट लिमिटेड को मेडिकल कॉलेज स्तर की 40 तरह की क्रिटिकल जांच नि:शुल्क करने के लिए टेंडर दिया गया था। बार-बार टेंडर अवधि बढ़ाकर इसी फर्म से सेवाएं ली जा रही थी। नियमानुसार अब टेंडर अवधि बढ़ाने में तकनीकी अड़चन सामने आई तो 31 अगस्त 2022 को टेंडर अवधि समाप्त होने से पहले ही नए टेंडर कराने पड़े। टेंडर तो हो गए, लेकिन सम्बंधित फर्म की ओर से बतौर सिक्योरिटी राशि नहीं जमा कराई जा रही है। फर्म ने सिक्योरिटी राशि कम करने के लिए न्यायालय का दरवाजा खटखटा दिया। ऐसे में मामला न्यायालय में है। इससे एक सितम्बर से इस जांच केन्द्र पर ताले लटके हुए हैं।
अपने स्तर पर टेंडर की योजना
धौलपुर सामान्य चिकित्सालय प्रशासन ने लोगों की परेशानी को देखते अपने स्तर पर ही टेंडर करा जांचें कराने का प्रस्ताव रखा है। 11 नवंबर को जिला कलक्टर की अध्यक्षता में होने वाली राजस्थान मेडिकेयर रिलीफ सोसायटी (आरएमआरएस) की बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगने की उम्मीद है। ऐसा होता है तो लोगों को फिर से क्रिटिकल जांचों की सुविधा मिलने लगेगी।
इनका कहना है
सरकार की ओर से यहां जिला अस्पताल में क्रिटिकल जांच की निशुल्क सुविधा पीपीपी मोड पर दी जा रही थी। नए टेंडर फाइनल नहीं होने से यह पिछले कुछ दिनों से बंद है। इस मामले में उच्च स्तर पर प्रक्रिया चल रही है। जल्दी ही शुरू होने की उम्मीद है। वैसे मरीजों की अन्य 56 तरह की जांचें तो नि:शुल्क ही की जा रही हैं। आरएमआरएस की बैठक में अपने स्तर पर टेंडर करा जांचें शुरू कराने के प्रस्ताव पर चर्चा की जाएगी।
डॉ. समरवीर सिंह सिकरवार, पीएमओ, सामान्य चिकित्सालय धौलपुर
Published on:
08 Nov 2022 03:09 pm
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