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विजिलेंस टीम को हाथ नहीं लगी फाइल, फिर से आएगी टीम

जिले में सडक़ों में बरती जा रही अनियमितताओं को लेकर सार्वजनिक निर्माण विभाग लगातार सुर्खियों में बना हुआ है। धौलपुर, राजाखेड़ा के बाद अब पीडब्ल्यूडी की विजिलेंस की टीम ने बाड़ी उपखण्ड में सडक़ों को लेकर लगातार चार दिन जांच की और करीब 11 से अधिक नमूने उठाए हैं।

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विजिलेंस टीम को हाथ नहीं लगी फाइल, फिर से आएगी टीम Vigilance team did not get the file, team will come again

- सीसी सडक़ निर्माण कार्यों में अनियमितता बरतने का आरोप

धौलपुर. जिले में सडक़ों में बरती जा रही अनियमितताओं को लेकर सार्वजनिक निर्माण विभाग लगातार सुर्खियों में बना हुआ है। धौलपुर, राजाखेड़ा के बाद अब पीडब्ल्यूडी की विजिलेंस की टीम ने बाड़ी उपखण्ड में सडक़ों को लेकर लगातार चार दिन जांच की और करीब 11 से अधिक नमूने उठाए हैं। उधर, टीम की जांच पर भी लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। जिस 11 करोड़ रुपए की कथित सीसी सडक़ों को लेकर शिकायत हुई, उनकी जांच नहीं होना बताया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार उक्त मामले में टीम को बाड़ी पीडब्ल्यूडी विभाग से फाइल भी हाथ नहीं लग पाई। बताया जा रहा है कि सडक़ निर्माण में हुए कथित घपले को लेकर एक जनप्रतिनिधि की ओर से मुख्यमंत्री व पीडब्ल्यूडी मंत्री समेत अन्य अधिकारियों को शिकायत की है। उधर, सूत्रों के अनुसार जिन सडक़ों में बड़े स्तर पर अनियमितता बरतने के आरोप लगे हैं, उनकी जांच को लेकर अब जयपुर से विजिलेंस की नई टीम जल्द आएगी। जिन सडक़ों को लेकर शिकायत हुई है, इनका टेंडर जय बजरंग बली कंस्ट्रक्शन फर्म को मिला था।

आखिर सडक़ बनाई किसने, ग्राम पंचायत या पीडब्ल्यूडी!

सूत्रों के अनुसार बाड़ी उपखण्ड में सडक़ों के निर्माण कार्य में बड़े स्तर पर घपले के आरोप लगे हैं। सूत्रों के अनुसार जिन सडक़ों को ग्राम पंचायतों की ओर से बनाया गया था, उन्हीं सडक़ों को पीडब्ल्यूडी की ओर से बनाना दिखाया जा रहा है। एक ही सडक़ का भुगतान ग्राम पंचायत और पीडल्यूडी संवेदक दोनों ने उठा लिया। सवाल ये खड़ा हो रहा है कि आखिर सडक़ किस एजेंसी बनाई।

टेण्डर में स्थान का उल्लेख ही नहीं

बता दें सडक़ निर्माण कार्य में जारी टेंडर में अमूमन स्थान का जिक्र होता है। जैसे सडक़ इस घर से भलां घर तक बनेगी। यहां फिर पैकेज नम्बर होता है। लेकिन 11 करोड़ रुपए के कार्य में इसका उल्लेख नहीं किया गया। केवल विभिन्न सडक़ों का निर्माण कार्य लिख दिया गया। बताया जा रहा है कि करीब 20 सीसी सडक़ व खरंजा हैं लेकिन टीम को फाइल नहीं मिलने से वह इन सीसी सडक़ों की जांच नहीं कर पाई। जबकि इन्हीं सडक़ों शिकायत हुई थी।

मुख्यालय को सडक़ निर्माण कार्य में अनियमितता बरतने की शिकायत मिली थी। जिस पर टीम ने अलग-अलग 11 सडक़ों के नमूने लिए हैं।

- अशोक कुमार खटीक, एसई, विजिलेंस पीडब्ल्यूडी कोटा