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सासंद व एमएलए पर रोक नहीं, जिलाध्यक्ष पद पर ठोक सकेंगे दावेदारी

कांग्रेस की तरफ से प्रदेश में जिला स्तर पर संगठन में फेरबदल करते हुए नवीन जिलाध्यक्ष बनाने की प्रक्रिया को लेकर दिल्ली से कांग्रेस के केन्द्रीय पर्यवेक्षक अनिल चौधरी धौलपुर पहुंचे और कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। केन्द्रीय पर्यवेक्षक चौधरी ने कहा कि पार्टी जिलाध्यक्ष के लिए कोई भी कार्यकर्ता, पदाधिकारी व पार्टी का जनप्रतिनिधि आवेदन कर सकता है।

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सासंद व एमएलए पर रोक नहीं, जिलाध्यक्ष पद पर ठोक सकेंगे दावेदारी There is no restriction on MPs and MLAs, they can stake claim for the post of district president

- कांग्रेस केन्द्रीय पर्यवेक्षक अनिल चौधरी ने कार्यकर्ताओं की ली बैठक

- बिहार चुनाव की तारीखों का ऐलान होने पर वापस दिल्ली लौटे पर्यवेक्षक

- नवीन जिलाध्यक्ष को लेकर कांग्रेस ने शुरू की प्रक्रिया

धौलपुर. कांग्रेस की तरफ से प्रदेश में जिला स्तर पर संगठन में फेरबदल करते हुए नवीन जिलाध्यक्ष बनाने की प्रक्रिया को लेकर दिल्ली से कांग्रेस के केन्द्रीय पर्यवेक्षक अनिल चौधरी धौलपुर पहुंचे और कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। केन्द्रीय पर्यवेक्षक चौधरी ने कहा कि पार्टी जिलाध्यक्ष के लिए कोई भी कार्यकर्ता, पदाधिकारी व पार्टी का जनप्रतिनिधि आवेदन कर सकता है। ऐसा नहीं कि विधायक या सांसद आवेदन नहीं करेंगे। पर्यवेक्षक ने कहा कि नवीन जिलाध्यक्ष को लेकर जिलास्तर से लेकर ब्लॉक तक सभी कार्यकर्ताओं से संवाद कर अंतिम दावेदारों के नाम तय होंगे। साथ ही आम लोग और वरिष्ठ नागरिकों से भी संवाद कर फाइनल रिपोर्ट एआईसीसी को सौंपी जाएगी।

पूर्व विधायक और दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष चौधरी ने यह बात प्रेस वार्ता में कही। उन्होंने कहा कि कांग्रेस संगठन में फेरबदल को लेकर पूर्व में अहमदाबाद में हुए एआईसीसी के सम्मेलन में निर्णय हुआ था। जिसको लेकर पार्टी ने संगठन सर्जन अभियान शुरू किया है। राजस्थान से पहले पार्टी ने गुजरात, पंजाब, उड़ीसा, झारखंड और मध्यप्रदेश राज्य में संगठन में फेरदबल हो चुका है और कई स्थानों पर नवीन जिलाध्यक्षों की घोषणा भी हो चुकी हैं। अब राजस्थान में यह प्रक्रिया शुरू की है और कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से चर्चा और वन टू वन मुलाकात कर सुझाव लेंगे। अक्टूबर अंत तक रिपोर्ट फाइनल कर दी जाएगी। चौधरी ने कहा कि नए जिलाध्यक्षों की घोषणा संभवतया इस साल हो सकती है पर अंतिम निर्णय एआईसीसी लेगी।

केन्द्रीय पयवेक्षक ने स्पष्ट कहा कि जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं से संवाद करने का मकसद दावेदारों के संबंध में फीडबैक, धरातल पर कितनी पकड़ और संगठन में कार्य एवं सर्वसम्मति को लेकर फीडबैक लेना है, जिससे संगठन बेहतर और मजबूत होकर देश विरोधी ताकतों से डटकर मुकाबला कर सके। केन्द्रीय पर्यवेक्षक ने कहा कि चयन प्रक्रिया पूर्णतय निप्पक्षता के साथ हो रही है। समीक्षा कर संबंधित दावेदारों की फाइनल रिपेार्ट तैयार होगी, जो एआईसीसी के समक्ष पेश होगी। इस मौके पर विधायक धौलपुर शोभारानी कुशवाहा, विधायक बसेड़ी संजय जाटव, विधायक इन्द्रा मीणा, प्रदेश कांग्रेस से पर्यवेक्षक अजीत यादव, सचिव साजिद खान, जिलाध्यक्ष पं.साकेत बिहारी शर्मा मौजूद रहे।

दावेदारों ने दिखाया दमखम...

जिलाध्यक्ष पद के लिए कई दावेदारों ने युवा कार्यकर्ताओं के साथ अपना दमखम दिखाया। कार्यकर्ता और पदाधिकारी यूपी बॉर्डर बरैठा पर केन्द्रीय पर्यवेक्षक का स्वागत किया। कुछ और स्थानों पर रास्ते में अभिनंदन हुआ। प्रेस वार्ता स्थल पर कई जिलाध्यक्ष पद के दावेदार अपने समर्थक कार्यकर्ताओं के साथ पहुंच गए। कुछ लोगों ने केन्द्रीय पर्यवेक्षक अलग-अलग बात कर अपना परिचय भी दिया। प्रेसवार्ता स्थल पर करीब आधा दर्जन कांग्रेस के युवा नेता मौजूद दिखे। सूत्रों के अनुसार नेताओं ने आवेदन प्रक्रिया को लेकर अपने खास कार्यकर्ताओं के आवेदन बायोडेटा के साथ तैयार करवा कर रखे हुए थे। हालांकि, कुछ ने केन्द्रीय पर्यवेक्षक को दिए लेकिन उन्होंने दिल्ली जाने की वजह से इन्हें लेने से मना कर दिया।

बिहार चुनाव की घोषणा से करौली दौरा निरस्त

चुनाव आयोग के बिहार विधानसभा की तारीखों ऐलान करने की सूचना आने पर केन्द्रीय पर्यवेक्षक धौलपुर के बाद करौली दौरा रद्द कर वापस दिल्ली लौट गए। बताया जा रहा है कि पर्यवेक्षक चौधरी विहार में चुनाव तैयारी में पहले से जुटे थे, जिस वजह से अब उन्हें वापस बिहार जाना पड़ सकता है। फोन आने के बाद वह धौलपुर में कार्यकर्ताओं की बैठक लेने के बाद सीधे वापस दिल्ली रवाना हो गए। संभवतया अब नवम्बर तक नवीन जिलाध्यक्ष की दावेदारी प्रक्रिया टल सकती है या फिर एआईसीसी की ओर से नए केन्द्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त होंगे।

कार्यवाहक, निर्वतमान और फिर स्थाई...

कांग्रेस के वर्तमान में पं.साकेत बिहारी शर्मा जिलाध्यक्ष है। शर्मा करीब बीते साल से इस पद पर हैं। हालांकि, वे तकनीकी रूप से स्थाई जिलाध्यक्ष पद पर अभी तक साल से कम समय हुआ है। जिलाध्यक्ष शर्मा ने बताया कि साल २०१८ में उन्हें कार्यकारी जिलाध्यक्ष नियुक्त किया गया। इसके बाद प्रदेश सरकार में हुए घटनाक्रम के चलते पार्टी ने सभी जिलाध्यक्षकों को निवर्तमान घोषित कर दिया। इसके बाद अगस्त २०२३ में पंडित साकेत बिहारी को पुन: नए सिरे से स्थाई जिलाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। शर्मा ने बताया कि वैसे उन्हें अभी नियमित स्थाई तौर पर ३ साल नहीं हुए हैं। शर्मा ने पूछा कि वह भी वापस आवेदन करेंगे तो उन्होंने कहा कि पार्टी ने किसी को रोका नहीं है कि वर्तमान जिलाध्यक्ष आवेदन नहीं कर सकता है।