
अब तक खुद ही सामने आया जगन गुर्जर, पुलिस नहीं कर पाई कभी भी गिरफ्तार
अब तक खुद ही सामने आया जगन गुर्जर, पुलिस नहीं कर पाई कभी भी गिरफ्तार
- सुधरने की बात कह पूर्व दस्यु ने चार बार किया समर्पण, झूठे साबित हुए सभी वादे
- हर बार अपराध से की तौबा, फिर उतरा दलदल में
- जगन से एके56 भी बरामद नहीं कर पाई है पुलिस
- वायरल वीडियो मामले में जारी है यूपी, एमपी और बीहड़ों में तलाश
- आखिरी बार सितंबर 2021 में किया गया था गिरफ्तार
धौलपुर. बाड़ी विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा को धमकी भरे वीडियो वायरल करने के बाद से जिलेभर की पुलिस पूर्व दस्यु जगन गुर्जर की तलाश में जुटी है। यह बात अलग है कि जगन के दस्यु बनने के बाद से पुलिस उसे गिरफ्तार करने में सफल साबित नहीं हुई है। दस्यु जीवन में उसने चार बार कानून के समक्ष आत्मसमर्पण ही किया है। आखिरी बार उसे 4 सितंबर 2021 को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि तब भी यह चर्चा थी कि वह खुद पुलिस के पास आया था। अब भी करीब एक पखवाड़े से पुलिस उसकी तलाश में उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश समेत राजस्थान के कई गांवों में लगातार दबिश दे रही है। डांग में उसकी तलाश की जा रही है, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं लग सका है।
बरामद नहीं हुई एके56
कई बार समर्पण और लंबे वक्त तक जेल में रहने के बावजूद पुलिस अब तक जगन की एके56 राइफल को बरामद नहीं कर सकी है। इसी एके56 के दम पर जगन से सालों तक धौलपुर के बीहड़ों में आतंक मचाए रखा था। इस बारे में पुलिस जगन से कुछ भी नहीं उगलवा पाई है। ना ही यह पता चल पाया है कि डांग जैसे पिछड़े इलाके में उसके पास एके56 जैसा अत्याधुनिक हथियार कहां से आया।
ऐसे शुरू हुई जुर्म की कहानी
जगन गुर्जर धौलपुर के डांग के भवुतीपुरा का रहने वाला है। साल 1994 में उसने जीजा की हत्या के बाद पत्नी और भाइयों के साथ मिलकर गैंग बनाया था। गुर्जर पर राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में हत्या के प्रयास, लूट, फिरौती, अपहरण और डकैती से जुड़े 100 से अधिक मामले दर्ज थे। बता दें कि इस डकैत का आतंक इतना ज्यादा बढ़ गया था कि नागौर के सांसद हनुमान बेनीवाल ने लोकसभा में यह मामला उठाया था। उन्होंने इस दुर्दांत का एनकाउंटर किए जाने की मांग भी की थी।
घिरने पर करता गया आत्मसमर्पण
- वर्ष 2001 में तत्कालीन धौलपुर एसपी बीजू जॉर्ज जोसफ के सामने।
- 30 जनवरी 2009 को कैमरी गांव के जगन्नाथ मेले में कांग्रेस नेता सचिन पायलट के सामने।
- 19 अगस्त, 2018 को बयाना में तत्कालीन आईजी मालिनी अग्रवाल के समक्ष।
- 28 जून 2019 को पुलिस अधीक्षक से समक्ष समर्पण
- 04 सितंबर 2021 भवूतिपुरा के जंगल से गिरफ्तार। तब भी यह चर्चा थी कि उसने खुद समर्पण किया है।
हर बार किए झूठे वादे
चारों ओर से पुलिस के शिकंजे में फंसने के बाद जगन ने आत्मसमर्पण की राह चुनी। हर बार उसने अपराध की दुनिया से तौबा करने के वादे भी किए लेकिन, ये वादे हवा-हवाई ही साबित हुए। 2010 में बेटी के हाथ पीले करने के लिए जेल से लाए गए जगन ने अपराध की दुनिया छोडऩे की कसम खाई थी। पर इसके तुरंत बाद ही वह अपराध की दलदल में उतर गया।
पहुंच गया था 11 लाख तक इनाम
फिलहाल पुलिस ने जगन की गिरफ्तारी पर 50 हजार का इनाम रखा हुआ है। हालांकि एक वक्त ऐसा भी था जब जगन पर 11 लाख रुपए का इनाम था। उस वक्त जगन सबसे बड़ा इनामी डकैत था। 2008 में गुर्जर आंदोलन के दौरान उसने धौलपुर में तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के महल को उड़ाने की धमकी दी थी। तब उस पर सबसे बड़ा 11 लाख रुपए का इनाम रखा गया था।
फोटो... उजाड़ा 60 बीघा और भूमि से कब्जा
उधर, पुलिस और प्रशासन ने जगन पर चौतरफा शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। बुधवार को जगन और उसके परिजन द्वारा डांग के गांव करुआपुरा के पास डाबरीकापुरा में 60 बीघा सरकारी भूमि पर किया गया अतिक्रमण हटाया गया। यहां इन्होंने सरसों की फसल बो रखी थी। जेसीबी की मदद से इसे हटाया गया। बता दें अब तक 200 बीघा से अधिक सरकारी भूमि से जगन और उसके परिजन का अतिक्रमण हटाया गया है।
तलाश में दबिश जारी
उधर, धौलपुर पुलिस की विशेष टीमों द्वारा चंबल के दोनों किनारों पर बीहड़ों में, उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के गांवों और मध्यप्रदेश के मुरैना जिले के गांवों में जगन की तलाश जारी है। जगन के छिपे होने के संभावित इलाकों में लगातार दबिश दी जा रही है।
इनका कहना है
पुलिस टीम जगन के छिपे होने के हर संभावित इलाके में दबिश दे रही है। तकनीकी सहायता भी ली जा रही है। जल्द वह पुलिस गिरफ्त में होगा।
- शिवराज मीणा, पुलिस अधीक्षक, धौलपुर
Published on:
02 Feb 2022 09:15 pm
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