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शिक्षा विभाग में तबादला नीति को ठेंगा: दो माह बाद भी कुर्सी छोडऩे को राजी नहीं एक दर्जन प्राचार्य

शिक्षा विभाग में तबादला नीति को ठेंगा दिखाया जा रहा है। दो माह पहले स्थानांतरण हुए जिले के लगभग एक दर्जन प्रधानाचार्य अभी भी अपनी कुर्सी छोडऩे को तैयार नहीं है। यानी उन्होंने शासकीय आदेशों के बाद भी कार्यमुक्ति नहीं ली है। इन प्रधानाचार्यों के सामने जिला शिक्षा विभाग भी बौना नजर आ रहा है, जबकि विभाग ने चार से पांच प्राचार्यों को तबादला आदेश आने के दस-बारह दिन में ही कार्यमुक्त कर दिया गया था।

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शिक्षा विभाग में तबादला नीति को ठेंगा: दो माह बाद भी कुर्सी छोडऩे को राजी नहीं एक दर्जन प्राचार्य Transfer policy in the education department is flouted: Even after two months, a dozen principals are not ready to leave their posts.

विभाग ने कुछ प्राचार्यों को किया रिलीव...इन पर दया क्यों...?

धौलपुर. शिक्षा विभाग में तबादला नीति को ठेंगा दिखाया जा रहा है। दो माह पहले स्थानांतरण हुए जिले के लगभग एक दर्जन प्रधानाचार्य अभी भी अपनी कुर्सी छोडऩे को तैयार नहीं है। यानी उन्होंने शासकीय आदेशों के बाद भी कार्यमुक्ति नहीं ली है। इन प्रधानाचार्यों के सामने जिला शिक्षा विभाग भी बौना नजर आ रहा है, जबकि विभाग ने चार से पांच प्राचार्यों को तबादला आदेश आने के दस-बारह दिन में ही कार्यमुक्त कर दिया गया था।

राज्य सरकार की ओर से सितंबर महीने में प्राचार्य स्कूल शिक्षा की जारी स्थानांतरण सूची में जिले के अंदर और जिले से बाहर 80 के करीब प्रधानाचार्यों के स्थानान्तरण किए गए थे। जिले के विभिन्न उच्च माध्यमिक विद्यालयों में तैनात प्रधानाचार्य जो बाहर के जिलों के थे या जो जिले के हैं जिनका इच्छित स्थान पर तबादला किया गया था, उन्होंने स्थानांतरण के तुरंत बाद अपने-अपने स्कूलों में कार्य ग्रहण कर लिया, लेकिन जिले के करीब दो दर्जन प्राचार्य ऐसे हैं जो स्थानांतरण के करीब पौने दो माह बाद भी स्थानांतरित विद्यालय से कार्य मुक्त नहीं हुए हैं और अपनी कुर्सी पर जमे हुए हैं, जबकि निदेशक माध्यमिक शिक्षा की ओर से 22 सितंबर को 4527 जारी की गई प्राचार्य स्थानांतरण सूची में सभी शिक्षा अधिकारियों को शाला दर्पण पोर्टल के माध्यम से तत्काल कार्य मुक्ति कार्यक्रम कर इस कार्यालय को अवगत कराने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन खुद को रसूखदार मानकर तबादलों के बाद भी कुर्सी पर जमे इन प्रधानाचार्यों ने आदेश का खुला उल्लंघन करते हुए स्थानान्तरित विद्यालय को कार्यमुक्त नहीं होकर सरकार के आदेश को खुली चुनौती दी है, लेकिन जिले के शिक्षा विभाग के अधिकारी इन प्रधानाचार्यों के रसूख के आगे बेबस नजर आ रहे हैं।

बड़ों पर रहम छोटों पर सितम

जिले में कार्यरत अनेक शिक्षकों का कहना है कि जब किसी तृतीय श्रेणी शिक्षक, वरिष्ठ अध्यापक, व्याख्याता, मंत्रालयिक कर्मचारी का तबादला या समायोजन हो जाता है। तो ये ही प्रधानाचार्य और जिले के आला शिक्षा अधिकारी जबरन कार्मिकों को कार्यमुक्त कर देते हैं, वहीं जिन मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक एवं मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी पर सरकार एवं शिक्षा निदेशालय के आदेशों की पालना की जिम्मेदारी है, वे इतने असहाय क्यों हैं कि वो अपने अधीनस्थ कार्मिकों को स्थानांतरण के महीनों बाद भी कार्यमुक्त नहीं कर पा रहे हैं।

दस दिन में यह प्राचार्य किए कार्यमुक्त

निदेशक माध्यमिक शिक्षा की जारी स्थानांतरण सूची के करीब 48 दिनों बाद भी जिले से अन्य जिलों में स्थानांतरित किए गए अधिकतर प्राचार्य को विभाग की ओर से स्थानांतरित विद्यालयों को कार्य मुक्ति ही नहीं किया गया है, जबकि दिलचस्प पहलू यह है कि नरेंद्र जैन, ममता गुप्ता, वंदना बघेला आदि चार- पांच प्राचार्य को सीडीईओ की ओर से तबादले के दस बारह दिन पूर्व कार्यमुक्त करवा दिया गया। शेष को कार्यमुक्त नहीं कर स्थानांतरण के बाद भी खुली छूट दे दी। ऐसे में विभाग के इस दोहरे रवैया पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं।

स्वत: कार्यमुक्ति लेने का अधिकार

सितम्बर माह में राज्य सरकार ने जिले में लगभग 80 प्रधानाचार्यों को इधर से उधर किया था। जिसमें से एक दर्जन छोड़ शेष प्राचार्यों ने अपनी नई पदस्थापना पर ज्वाइनिंग ले ली, लेकिन अपने पॉवर का इस्तेमाल करते हुए यह एक दर्जन प्रधानाचार्य कार्यमुक्त नहीं हो रहे। बताया जाता है कि इन प्रधानाचार्यों का ग्रेड पे अधिक होने के कारण इनको स्वत: ही कार्यमुक्ति लेने का अधिकार है। यही कारण है कि यह प्रधानाचार्य अपने अधिकारों का गलत उपयोग कर स्थानांतरण होने के बाद भी रिलीव नहीं ले रहे।

यह प्राचार्य नहीं हुए कार्यमुक्ततबादला सूची में शहर के महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल बाड़ा हैदर शाह के प्राचार्य नरेश जैन, राउमावि जलालपुर के लखन चन्द, जसूपुरा के सुभाष चन्द्र, टांडा के जगदीश प्रसाद जैन, बसइया लालू के वेद प्रकाश कर्दम, नौरहा के रजनीश रावत का झालावाड़ एवं बारां जिले में स्थानांतरण हुआ है। इसी प्रकार महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल दिहोली की सुनीता गोगना व बीलपुर के ब्रजेंद्र राजपूत राउमावि लालपुर की संध्या सिंह, समोना की वंदना बघेला, बालिका राजाखेड़ा की ममता गुप्ता का करौली जिले के स्कूलों में तबादला किया गया है। इस तरह दो दर्जन से अधिक प्रशासनिक शेष के उनकी इच्छा से उनके गृह जिलों में स्थानांतरण किए गए हैं।

स्थानांतरण के बाद कार्यमुक्त नहीं होने वाले प्रधानाचार्यों को नोटिस जारी किया था। शिक्षा निदेशालय के हस्तक्षेप के बाद ही इनको कार्यमुक्त किया जा सकता है। निदेशालय की ओर से भी अभी कोई लेटर जारी नहीं किया गया है।

- महेश कुमार मंगल, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी